परिचय
पटाऊ सिंड्रोम क्या होता है?
पटाऊ सिंड्रोम एक गंभीर आनुवांशिक बीमारी है, जो शरीर के कुछ या सभी कोशिकाओं में क्रोमोसोम 13 की एक अतिरिक्त परत बना देता है। इसे ट्राइसॉमी 13 भी कहा जाता है। प्रत्येक कोशिका में सामान्य रूप से 23 जोड़े क्रोमोसोम होते हैं, जो आपके माता-पिता से मिलते हैं।
इस बीमारी में एक बच्चे में 2 के बजाय क्रोमोसोम 13 की 3 प्रतियां होती हैं। यह बीमारी बच्चे के विकास को गंभीर रूप से बाधित करता है और कई मामलों में गर्भपात या जन्म के कुछ समय बाद ही बच्चे की मृत्यु हो जाती है। पटाऊ सिंड्रोम वाले बच्चे गर्भ में धीरे-धीरे बढ़ते हैं और जन्म के समय उनका वजन कम होता है, साथ ही कई अन्य गंभीर बीमारियां भी होती हैं।
कितना आम है पटाऊ सिंड्रोम?
पटाऊ सिंड्रोम हर 5,000 नवजाज बच्चों में 1 को प्रभावित करता है। मां की उम्र के साथ सिंड्रोम वाले बच्चे का
जोखिम और भी बढ़ जाता है। पहले वर्ष के दौरान पटाऊ सिंड्रोम से पीड़ित 10 में से 9 बच्चे (90% से अधिक) की मृत्यु हो जाती है। इस सिंड्रोम से कई तरह की गंभीर बीमारियां होती हैं। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
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लक्षण
पटाऊ सिंड्रोम के सामान्य लक्षण क्या हैं ?
पटाऊ सिंड्रोम के इस तरह के लक्षण हो सकते हैं, जो इस प्रकार के हैं, जैसे कि –
- जन्म के दौरान ही होठ या तालु का न होना
- हाथों की अंगुलियां न होना
- आंखें न खुलना
- मांसपेशियां कमजोर होना
- हार्निया होना
- दिल में छेद होना
- एक कान न होना
- मानसिक कमजोरी
- शरीर के किसी हिस्से पर मांस न होना
- आंखें बहुत छोटी होना
- सिर छोटा होना
- जबड़ा छोटा होना
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
जन्म के समय ही डॉक्टर बच्चे का चेकअप करते हैं। इसी दौरान उन्हें इस सिंड्रोम के होने या न होने का पता चल जाता है। इसके अलावा ऊपर दिए लक्षणों में अगर कोई भी लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
कारण
पटाऊ सिंड्रोम के कारण क्या हैं?
- पटाऊ सिंड्रोम कई कारणों से हो सकता है ऐसा नहीं है कि ये माता-पिता से होने वाली बीमारी है।
- पटाऊ सिंड्रोम के अधिकांश मामले अनुवांशिक नहीं होते हैं (वे विरासत में नहीं मिलते हैं)। गर्भधारण होने के दौरान ये अनियमित रूप से होता है।
- कक्ष के विभाजित होने के दौरान क्रोमोसोम 13 की एक और प्रति बन जाती है। यह गर्भ में बच्चे के विकास में बाधा बनती है।
- कई मामलों में यह गर्भपात तक पहुंचने से पहले बच्चे की मृत्यु हो जाती है या जन्म के समय मृत्यु हो जाती है।
- कई मामलों में पटाऊ सिंड्रोम अनुवांशिक भी होते हैं।
कारण
क्या चीजें हैं जो पटाऊ सिंड्रोम की संभावना को बढ़ा सकती हैं?
- पटाऊ सिंड्रोम नवजात बच्चों में होता है।
- मां के अस्पताल में रहने के दौरान ही इसके लक्षण नजर आने लगते हैं।
- ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा।
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इलाज
पटाऊ सिंड्रोम का परीक्षण कैसे किया जा सकता है?
- बच्चे के जन्म लेने के दौरान ही शारीरिक रूप से इस सिंड्रोम के लक्षण दिखने लगते हैं।
- उसी वक्त डॉक्टर बच्चे का परीक्षण करते हैं।
- जन्म के समय शिशु में एक ही गर्भनाल धमनी हो सकती है। अक्सर बच्चे में हृदय रोग के लक्षण होते हैं, जैसे: दिल के बाजाए ओर के बजाय छाती के दाईं ओर होना।
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड आंतरिक अंगों के रोटेशन को दिखा सकता है।
- एमआरआई या सीटी स्कैन मस्तिष्क की संरचना के साथ समस्या का पता भी लगा सकते हैं।
पटाऊ सिंड्रोम का इलाज कैसे करें?
- पटाऊ सिंड्रोम के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के परिणाम स्वरूप यह सिंड्रोम नवजात शिशु में होता है।
- डॉक्टर आमतौर पर असुविधा को कम करने और बच्चे को खाना खिलाने में सक्षम होते हैं।
- पटाऊ सिंड्रोम वाले छोटे बच्चों की देखभाल उनके विशिष्ट लक्षणों और जरूरतों पर निर्भर करेगी।
- यदि आपके बच्चे को पटाऊ सिंड्रोम है, तो जन्म से पहले या उसके तुरंत बाद, आपको इलाज के बारे में डॉक्टर बता देंगे।
घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे इसके प्रभाव से बचा सकते हैं?
· चूंकि यह बीमारी आपमें अनुवांशिक हो सकती है। इस वजह से घरेलू उपाय के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
· प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने खान-पान पर ध्यान रखना चाहिए।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह नहीं देता है, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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