हम सभी को कभी न कभी वैक्सीन जरूर लगी होगी। फिलहाल दुनियाभर में लोग कोरोना वैक्सीन लगवा रहे हैं। वैक्सीन शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करती है और वायरस या बैक्टीरिया के शरीर पर आक्रमण करने पर सुरक्षा प्रदान करती है। अगर वैक्सीन न लगवाई जाए, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जर्म्स से लड़ने में कमजोर साबित हो सकती है। आज हम आपको ऐसी ही एक वैक्सीन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपको वायरल इंफेक्शन से बचाने का काम करती है। इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) रेबीज जैसे वायरस से बचाने का काम करती है। अगर किसी व्यक्ति को जानवर काट ले, तो इस इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) का इस्तेमाल किया जाता है। जानिए इस वैक्सीन से जुड़ी जानकारियों के बारे में।
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इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) से पहले जान लें रेबीज के बारे में
रेबीज संक्रमित जानवरों के काटने से फैलने वाला वायरस है। रेबीज जानवरों की लार में पाया जाता है। जब जानवर व्यक्ति को काटता है, तो ये मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है। रेबीज वायरस का इंफेक्शन (Virus infection) अगर व्यक्ति में फैल जाए, तो ये मौत का कारण बन सकता है, इसलिए रेबीज का टीका बहुत जरूरी हो जाता है। रेबीज कुत्तों, चमगादड़, लोमड़ी आदि इस संक्रमण इंसानों में फैलाते हैं। रेबीज सीधे नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है और मस्तिष्क में प्रवेश करता है। रोगी को संक्रमण हो जाने के बाद फीवर, थकावट और घाव के स्थान में जलन का एहसास हो सकता है। अक्सर लोगों को रेबीज के लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है क्योंकि इसके लक्षण आम फ्लू की तरह दिख सकते हैं। अगर आपको कोई जानवर काट ले, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आप डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद रेबीज का टीका लगवा सकते हैं।
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इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) कैसे करती है काम?
इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) उन लोगों को दिया जाता है, जिन्हें कोई जानवर काट ले। ऐसा जरूरी नहीं है कि हर जानवर रेबीज से संक्रमित हो लेकिन इसकी संभावना अधिक रहती है, इसलिए सुरक्षा के तौर पर जानवर के काटने के बाद रेबीज इंजेक्शन लगाया जाता है। अगर मरीज को टीका समय पर मिल जाता है, तो रेबीज वायरस से काफी हद तक सुरक्षा मिल जाती है।इंडिरब 2.5IU इंजेक्शन देने से पहले घाव को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और फिर इंजेक्शन लगवाना चाहिए। आपको डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए कि इंजेक्शन का कोर्स कितने समय तक करना है और कब जरूरी डोज लगवाने हैं। ऐसा करने से आप जानलेवा इंफेक्शन से बच सकते हैं। इंडिरब वैक्सीन में प्यूरीफाइड इनएक्टिवेटेड रेबीज वैक्सीन (Purified Inactivated Rabies Vaccine) इंग्रीडिएंट के रूप में होती है। इसकी कीमत 329 रु तक हो सकती है। आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए।
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इंडिरब वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Indirab Vaccine Side Effects)
रेबीज की वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों में हल्के से लेकर गंभीर दुष्प्रभाव तक दिख सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी व्यक्तियों में वैक्सीन के दुष्प्रभाव दिखाई पड़ें। जानिए वैक्सीन लेने के बाद क्या साइड इफेक्ट्स दिख सकते हैं। जानिए वैक्सीन लेने के बाद क्या साइड इफेक्ट्स दिख सकते हैं।
- इंजेक्शन के स्थान में एलर्जिक रिएक्शन
- थकान का एहसास
- सिरदर्द
- चक्कर आना (Dizziness)
- उल्टी का एहसास
- पेट में दर्द होना (Stomach ache)
आपको रेबीज वैक्सीन या इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) लगने के बाद अगर कुछ दुष्प्रभाव दिखें, तो बिना घबराएं डॉक्टर से जानकारी लें। डॉक्टर आपको मेडिसिंस भी दे सकते हैं, ताकि लक्षणों के कम किया जा सके। आप इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं।
इंडिरब वैक्सीन का असर
इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) इनएक्टिव वैक्सीन है, जो शरीर में जाने के बाद एंटीबॉडीज बनाने का काम करती है और इम्यूनिटी को डेवलप करती है। एंटीबॉडी एक प्रकार की प्रोटीन होती है, जो इंफेक्शन के खिलाफ काम करती है। वायरस का जैसे ही शरीर में प्रवेश होती है, ये एंटीबॉडी उससे शरीर की रक्षा करती है। अगर आप पहले रेबीज वैक्सीन लगवा चुके हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
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रेबीज की वैक्सीन लगवाएं, तो इन बातों का रखें ध्यान
रेबीज की वैक्सीन लगवाने से पहले आपको कुछ बातों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान किसी जानवर ने महिला को काट लिया है, तो ऐसे में इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) सुरक्षित मानी जाती है। आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए और इस बारे में जानकारी भी लेनी चाहिए। अगर मां ब्रेस्टफीडिंग करा रही है, तो भी इस वैक्सीन को बिना किसी समस्या के साथ लगवाया जा सकता है। रेबीज की वैक्सीन लगवाने के बाद आपको कोई हैवी वर्क या ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए। कुछ लोगों को वैक्सीन लगवाने के बाद चक्कर भी आ सकते हैं। अगर आपको पहले से कोई बीमारी या हेल्थ कंडीशन हो, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
वैक्सीन किस कंपनी का देना है या फिर किस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा, तो डॉक्टर पर निर्भर करता है। वैक्सीन हमेशा डॉक्टर से ही लगवानी चाहिए और उनकी सलाह माननी चाहिए। अगर कोई जानवर जरा सी खरोंच मार दे, तो उसे इग्नोर बिल्कुल न करें क्योंकि खरोंच से भी रेबीज का खतरा रहता है। आप इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं।
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काट ले जानवर, तो तुरंत करें घाव की सफाई
अगर आपको कोई जानवर काट ले, तो आपको डॉक्टर के पास जाने से पहले घाव को अच्छी तरह से धोना चाहिए और फिर घाव से खून निकल रहा हो, तो उसे दबाना भी चाहिए। आपको घाव को खुला नहीं रखना चाहिए वरना उसमें गंदगी के साथ ही मक्खी भी बैठ सकती है। घाव की सफाई के तुरंत बाद आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए और घाव के साथ ही जानवर के बारे में भी बताना चाहिए कि किसने आपको काटा है। आपको रास्ते में मिलने वाले कुत्तों या अन्य आवारा जानवरों से दूर रहना चाहिए। ऐसे जानवरों से रेबीज फैलने का खतरा अधिक होता है। अगर घर में जानवर पाला है, तो डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद उसे वैक्सीन लगवाएं। ऐसा करके आप जानवर के साथ ही खुद को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इंडिरब वैक्सीन (Indirab vaccine) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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