बच्चे का अच्छा विकास पेरेंट्स पर भी निर्भर करता है। कई बार बच्चे को वो सभी जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जो उनके विकास में सहायक होते हैं। मानव शरीर में विटामिन से लेकर मिनरल तक, सभी पोषक तत्वों की बॉडी फंक्शन में अलग-अलग रोल है। इनमें से किसी एक की कमी भी बच्चे की ग्रोथ में बाधा पैदा कर सकती है, जैसे कि उनकी बढ़ती हाईट रूक सकती है और मानसिक व शारीरिक विकास भी प्रभावित हो सकता है। तो आज हम बात करेंग बच्चों में होने कॉमन न्यूट्रिएंट्स डिफिशिएंसी (Common Nutrient Deficiencies) की, यानि कि बच्चों को कुछ सामान्य पोषक तत्वों की कमी से कैसे बचाया जा सके। तो जानिए यहां कि बच्चों में कॉमन न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसीस (Common Nutrient Deficiencies) कौन सी है और उनकी डायट में किन फूड्स को शामिल किया जा सकता है।
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बच्चों में होने वाली कॉमन न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसीस के लक्षण Common Nutrient Deficiencies Symptoms)
बच्चों में कॉमन न्यूट्रिएंट्स डिफिशिएंसी कई तरह की हो सकती है, जैसे विटामिन की कमी (vitamin deficiency), आयरन की कमी, मिनरल्स की कमी या कैल्शियम आदि की कमी। बच्चे में पोषक तत्व की कमी होने पर इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बच्चों को डिप्रेशन या एंग्जायटी (Anxiety)
- बच्चे को भूख कम लगना (loss of appetite)
- बेचैनी (Restlessness)
- मोटापा (obesity)
- रूखी त्वचा और बाल (Dry skin and hair)
- बच्चो में कैविटीज की समस्या (Cavities problem in children)
- बार-बार सर्दी और जुकाम का होना (Frequent colds and flu)
- इम्यूनिटी कमजोर होना (weak immunity)
- वजन का बढ़ना (weight gain)
- बचपन में देर से बोलना शुरू करना (start late speaking in childhood)
- मिट्टी आदि खाना (soil)
हो सकता है बच्चे में कॉमन न्यूट्रिएंट्स डिफिशिएंसी के अन्य कई लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जो हो सकता है कि यहां पर नहीं दिए गए हैं। बच्चे में किसी भी प्रकार का बदलाव महसूस करने पर आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
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बच्चे में होने वाली कॉमन न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसीस (Common Nutrient Deficiencies)
बच्चों में कइ प्रकार की कॉमन न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसीस देखने को मिल सकती है, जैसे कि विटामिन की कमी, कैल्शियम की कमी, मैग्नीशियम की कमी या आयरन की कमी आदि। आइए जानते हैं कि कॉमन न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसीस बच्चों में कौन-कौन सी है और इसका उपचार क्या है, जानिए यहा
विटामिन की कमी (Vitamin Deficiency)
बच्चों में विटामिन की कमी होना आम है, लेकिन उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। विटामिन की कमी के लक्षण बच्चे में जल्दी नजर नहीं आते है। अब तक कई रिसर्च में भी यह बात सामने आ चुकी है कि 100 में से 40% बच्चों में विटामिन डी की कमी पायी जाती है। बच्चों में विटामिन की कमी की बात करें तो एक साल से कम के बच्चों में भी अधिक विटामिन की कमी हो सकती है। बच्चे के लिए रोजाना कम से कम 5 माइक्रोग्राम विटामिन डी की आवश्यकता होता है। यदि रोज उन्हें पर्याप्त विटामिन न मिले तो उनके विकास में कमी आ सकती है, जैसे कि हड्डी का कमजोर होना, मांसपेशियों में दर्द (Muscle pain), थकान और कमज़ोरी आदि। कई बार बच्चे के मानिसक विकास भी प्रभावित हो सकता है। बच्चे में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सूरज की रौशनी सबसे अच्छा उपाय है। स्तनपान करने वाले बच्चे को मां के दूध से विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है। यदि बच्चें में विटामिन की कमी को समय रहते दूर न किया जाए तो वो कई बीमारियों के चपेट में आ सकता है। इसलिए पेरेंटस को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
- अंडे का सेवन उनके लिए जरूरी है। इसके सफेद भाग में विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है (Egg)
- सोया फूड्स दें (Soya Foods)
- दूध उसे रोज दें (Milk)
- मशरूम (Mushroom)
- संतरे (Orange)
- केला (Banana)
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आयरन की कमी (Iron deficiency)
आयरन हमारे शरीर के कार्य करने के लिए बहुत ही आवश्यक है। बच्चे के शरीर में आयरन की कमी उसे एनीमिया का शिकार भी बना सकती है। आयरन शरीर में ऑक्सिजन फ्लो को बेहतर बनाने में मदद करता है और पाचन से लेकर मांसपेशियों के फंक्शन तक में साहयक है। बच्चों के शरीर में आयरन की कमी के शुरूआती लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसलिए पेरेंट्स को इसका ध्यान रखना चाहिए।आयरन की कमी इतनी आम है – 4 से 15% बच्चों में आयरन की कमी देखी जाती है। जो आगे जाकर उनके लिए खतरनाक हो सकती है। जिन शिशुओं को फार्मूला खिलाया जाता है, उन्हें आयरन फोर्टिफाइड फॉर्मूला पीना चाहिए; स्तनपान करने वाले शिशुओं को चार महीने से शुरू होकर रोजाना 1 मिलीग्राम/किलोग्राम ओरल आयरन प्राप्त करना चाहिए। जानें इसकी कमी को पूरा करने वाले कुछ फूड्स के बारे में:
बच्चे में आयरन की कमी को दूर करने के लिए उनके डायट में ये फूड्स शामिल करें:
- पालक (spinach)
- अनार (Pomegranate)
- तुलसी (Basil)
- अंडा (Egg)
- चुकंदर (Beetroot)
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कैल्शियम की कमी (Calcium deficiency)
कई बच्चों में कैल्शियम की कमी होती है, यह आवश्यक पोषक तत्व है, जो स्वस्थ हड्डियों और दांतों और मांसपेशियों के फंक्शन के लिए आवश्यक है। पेरेंट्स को बच्चो की डायट में कैल्शियम का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास में सभी पोषक तत्चों की तरह इसकी भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि उनके खानपान में सभी पौष्टिक तत्व और मिनरल्स् शामिल हों। कुछ बच्चे मां का दूध नहीं पी पाते हैं, उनके खानपान पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। उनके भोजन में सभी जरूरी पोषक तत्व हों, ताकि उनका शारीरिक विकास सही तरीके से हो सके। अगर बच्चे के डायट में कैल्शियम की कमी है, तो इससे उनका शरीरिक विकास भी रूक सकता है।
एक्स्पर्ट बच्चों के लिए निम्नलिखित मात्रा में कैल्शियम की सलाह देते हैं:
- 1 से 3 साल के बच्चे: रोजाना 700 मिलीग्राम कैल्शियम
- 4 से 8 साल के बच्चे: रोजाना 1000 मिलीग्राम कैल्शियम
- 9 से 18 वर्ष के बच्चे: प्रतिदिन 1300 मिलीग्राम
बच्चे में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए उनके डायट में ये फूड्स शामिल करें:
- दूध
- फ्रूट योगर्ट
- वेज पास्ता
- चीज सैंडविच
- पनीर
- टोफू
- सोयाबिन
- दूध से बने अन्य डेयरी प्रोडक्ट
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फाइबर की कमी (Fiber deficiency)
बच्चों के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों की तरह फाइबर का सेवन भी बहुत जरूरी है। फाइबर पेट के लिए काफी लाभदायक होता है। यह पेट को साफ रखने में मदद करता है। बच्चों के लिए तो फाइबर और भी जरूरी होता है क्योंकि फाइबर, पाचन क्रिया को दुरूस्त बनाएं रखता है और मल त्याग को आसान बनाता है। पेरेंट्स को बच्चे के शरीर में कितने फाइबर की आवश्यकता है, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके बारे में पता करने का आसान तरीका है कि आप अपने बच्चे की उम्र में 5 या 10 जोड़ें। उदाहरण के लिए, 5 साल के बच्चे को 10 से 15 ग्राम फाइबर खाना चाहिए, जबकि 10 साल के बच्चे को 15 से 20 ग्राम, और 15 साल के बच्चे को हर दिन 20 से 25 ग्राम फाइबर खाना चाहिए।
बच्चे में फाइबर की कमी को दूर करने के लिए उनके डायट में ये फूड्स शामिल करें:
- सेब
- ओट्स
- दाल
- ब्रोकली
- अमरूद
- केला
- बाजरा
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तो इस तरह से आपने जाना कि कॉमन न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसीस (Common Nutrient Deficiencies) की कमी को कैसे पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा पेशेंट्स को अन्य कई प्रकार के विटामिन और मिनरल की आवश्कता होती है। उन सभी की कमी भी उनके विकास को बाधित कर सकती है। इसके अलावा, यदि आपके बच्चे को डायबिटीज है, अस्थमा है या अन्य कोई क्रॉनिक डिजीज, तो उन्हें अपने मन से फूड्स ने दें। डॉक्टर द्वारा बतायी गई डायट ही दें। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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