परिचय
टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) क्या है ?
टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) शब्द कई लोगों के लिए अपरिचित है। टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो एक मेडिकल टर्म है जो बच्चों में जन्मजात हृदय दोष से संबंधित है। टेट्रालॉजी ऑफ फलो एक ऐसा शारीरिक विकार है जो बच्चों में जन्म से होता है। यह तब होता है, जब मां के गर्भाशय (Uterus) में बच्चे के हार्ट का सही तरह विकास नहीं हो पाता है। इस विकार की वजह से ऑक्सीजन युक्त रक्त का शरीर में आना जाना बंद हो जाता है। हार्ट का खास काम शरीर से रक्त को पंप करना है। इस रक्त के माध्यम से ही शरीर को पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलती है। यदि हार्ट ठीक से काम ही नहीं कर रहा है तो वह यह प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाता है। जिससे शरीर को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा इससे प्रभावित होती है। इसे ही टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) कहते है। यह बीमारी वैसे तो दुर्लभ है, लेकिन यह सबसे आम जन्मजात हृदय रोग (Heart disease) है, जिसकी वजह से हार्ट फेल (Heart Fail) तक हो सकता है। यह एक जन्मजात हृदय दोष है, जिसका इलाज समय पर नहीं किया जाएं तो नुकसानदायक हो सकता है।
और पढ़ें : हृदय रोग के लिए डायट प्लान क्या है, जानें किन नियमों का करना चाहिए पालन?
टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) से जुड़े हृदय दोष हैं?
टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो एक ऐसा शारीरिक विकार है, जो बच्चों में जन्म से होता है। यह तब होता है, जब मां के गर्भाशय (Uterus) में बच्चे का हार्ट का सही से विकास नहीं हो पाता है। टेट्रालॉजी ऑफ फलो से जुड़े हृदय दोष चार तरह के होते है। टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो से जुड़े चार हृदय दोष (Heart problem) इस प्रकार है-
- दाएं और बाएं वेंट्रिकल के बीच एक छेद, जिसे वेंट्रिकुलर सेप्टल दोष (वीएसडी) भी कहा जाता है।
- फेफड़े (Lungs) का संकीर्ण बहिर्वाह (Outflow), जो हृदय को फेफड़ों से जोड़ता है।
- दायां वेंट्रिकल का मोटा होना।
- महाधमनी (aorta) का स्थानांतरित होना।
और पढ़ें : क्या नॉर्मल डिलिवरी के समय अच्छे बैक्टीरिया पहुंचते हैं बच्चे में?
लक्षण
टेट्रालॉजी ऑफ फलो के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Tetralogy of Fallot)
टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो एक ऐसा शारीरिक विकार है जो बच्चों में जन्म से होता है। यह तब होता है, जब मां के गर्भाशय (Uterus) में बच्चे का हार्ट (Babies heart) का सही से विकास नहीं हो पाता है। टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो के लक्षण जन्म के तुरंत बाद ही दिखाई देने लगते है। यदि किसी बच्चे में निम्न लक्षण दिखाई देते है तो वह टेट्रालॉजी ऑफ फलो से पीड़ित हो सकता है। तो आइये जानते है टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) के लक्षण-
- टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) से पीड़ित होने पर बच्चे का रंग रोते समय या दूध पीते समय नीला हो जाता है।
- टेट्रालॉजी ऑफ फलो से पीड़ित होने पर बच्चे के नाखूनों (Nail) के आसपास की स्किन बढ़ने या हड्डी (Bone) बढ़ने लगती है।
- टेट्रालॉजी ऑफ फलो से पीड़ित होने पर बच्चे को खाना खाने में परेशानी आती है।
- टेट्रालॉजी ऑफ फलो से पीड़ित होने पर बच्चे को वजन बढ़ाने (Weight gain) में समस्या आने लगती है।
- टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) से पीड़ित होने पर बच्चे का विकास धीरे-धीरे होता है।
और पढ़ें : बेबी बर्थ अनाउंसमेंट : कुछ इस तरह दें अपने बच्चे के आने की खुशखबरी
कारण
टेट्रालॉजी ऑफ फलो होने के कारण हैं? (Cause of Tetralogy of Fallot)
टेट्रालॉजी ऑफ फलो एक ऐसा शारीरिक विकार (Body development) है, जो बच्चों में जन्म से होता है। यह तब होता है, जब मां के गर्भाशय (Uterus) में बच्चे का हार्ट (Babies heart) का सही से विकास नहीं हो पाता है। आमतौर पर टेट्रालॉजी ऑफ फलो होने के कारण ज्ञात नही है, लेकिन फिर भी जोखिम कारकों में निम्न कारण हो सकते है-
- यदि मां शराब (Alcohol) का सेवन करती है तो बच्चे को टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) हो सकता है।
- यदि माँ को डायबिटीज (Diabetes) है, तो बच्चे को टेट्रालॉजी ऑफ फलो होने का खतरा रहता है।
- यदि माता की आयु 40 वर्ष से अधिक है तो भी बच्चे को टेट्रालॉजी ऑफ फलो होने का खतरा रहता है।
- यदि माता प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के समय उचित डाइट नही ले रही है तब भी बच्चे को टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) होने का खतरा रहता है।
- गर्भावस्था के दौरान माँ को रूबेला (Rubella) होने पर भी बच्चे को टेट्रालॉजी ऑफ फलो होने का खतरा रहता है।
यऔर पढ़ें : मोटे बच्चे का जन्म क्या नॉर्मल डिलिवरी में खड़ी करता है परेशानी?
जांच
टेट्रालॉजी ऑफ फलो की जांच कैसे की जाती हैं? (Diagnosis of Tetralogy of Fallot)
डॉक्टर गर्भवती मां को समय-समय पर सोनोग्राफी (Sonography) और दूसरी जांच की सलाह देते है। यदि डॉक्टर को संदेह है तो वह बच्चा गर्भ में होने पर ही भ्रूण का अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) कर सकता है। यदि जांच में बच्चे के दिल की असामान्य स्थिति दिखाई देती है तो टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) की समस्या होती है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद भी जांच की जा सकती है, जिसमें ह्रदय की जांच की जाती है। ज्यादातर केसेस में जांच बच्चे के जन्म के बाद ही की जाती है। यदि यह विकार अपनी न्यूनतम गंभीरता लिए है तो लक्षण कम भी दिखाई दे सकते है। कई केस में बच्चे को रूटीन चेकअप करवाते समय भी टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) बीमारी की बात सामने आती है। इसमें मुख्य रूप से यह टेस्ट करवाए जाते है।
- छाती का एक्स-रे संरचनात्मक असामान्यताओं की जांच करने के लिए।
- दिल की धड़कन (Heart beat) में व्यवधान की जांच करने के लिए इकोकार्डियोग्राम (ECG)।
- दिल का MRI संरचनात्मक समस्याओं के लिए जाँच करने के लिए।
- खून में ऑक्सीजन के स्तर (Oxygen level) को मापने के लिए पल्स ऑक्सीमेट्री परीक्षण।
- कार्डियक कैथीटेराइजेशन (Catheterization)।
और पढ़ें : बच्चे के विकास के लिए जरूरी है अर्ली चाइल्डहुड एज्युकेशन
इलाज
टेट्रालॉजी ऑफ फलो का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Tetralogy of Fallot)
जब किसी बच्चे के जन्म के बाद उसमें टेट्रालॉजी ऑफ फलो के लक्षण दिखाई देते है तो समय रहते उसका इलाज किया जाना जरूरी है। टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) के इलाज में मुख्यतौर पर हार्ट की सर्जरी (Heart surgery) की जाती है। आमतौर पर जन्म के बाद शुरुआती समय में इसे किया जाना जरूरी है। यदि समय रहते इलाज न किया जाएं तो ज्यादा से ज्यादा उस बच्चे की मौत 20 वर्ष की आयु में हो जाती है। टेट्रालॉजी के लिए सर्जरी करवाने के बाद उस व्यक्ति को ताउम्र हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क और सलाह की जरूरत होती है। इसके बाद समय-समय पर जांच दी जाती है जिसके बाद स्थिति देखते हुए डॉक्टर दवाई देते है। यदि सर्जरी के बाद डॉक्टर से सलाह न ली जाएं तो शरीर में दूसरी बीमारियों का इलाज या उसे रोकना मुश्किल हो जाता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
[embed-health-tool-vaccination-tool]