के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) शब्द कई लोगों के लिए अपरिचित है। टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो एक मेडिकल टर्म है जो बच्चों में जन्मजात हृदय दोष से संबंधित है। टेट्रालॉजी ऑफ फलो एक ऐसा शारीरिक विकार है जो बच्चों में जन्म से होता है। यह तब होता है, जब मां के गर्भाशय (Uterus) में बच्चे के हार्ट का सही तरह विकास नहीं हो पाता है। इस विकार की वजह से ऑक्सीजन युक्त रक्त का शरीर में आना जाना बंद हो जाता है। हार्ट का खास काम शरीर से रक्त को पंप करना है। इस रक्त के माध्यम से ही शरीर को पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलती है। यदि हार्ट ठीक से काम ही नहीं कर रहा है तो वह यह प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाता है। जिससे शरीर को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा इससे प्रभावित होती है। इसे ही टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) कहते है। यह बीमारी वैसे तो दुर्लभ है, लेकिन यह सबसे आम जन्मजात हृदय रोग (Heart disease) है, जिसकी वजह से हार्ट फेल (Heart Fail) तक हो सकता है। यह एक जन्मजात हृदय दोष है, जिसका इलाज समय पर नहीं किया जाएं तो नुकसानदायक हो सकता है।
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टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो एक ऐसा शारीरिक विकार है, जो बच्चों में जन्म से होता है। यह तब होता है, जब मां के गर्भाशय (Uterus) में बच्चे का हार्ट का सही से विकास नहीं हो पाता है। टेट्रालॉजी ऑफ फलो से जुड़े हृदय दोष चार तरह के होते है। टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो से जुड़े चार हृदय दोष (Heart problem) इस प्रकार है-
टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो एक ऐसा शारीरिक विकार है जो बच्चों में जन्म से होता है। यह तब होता है, जब मां के गर्भाशय (Uterus) में बच्चे का हार्ट (Babies heart) का सही से विकास नहीं हो पाता है। टेट्रालॉजी ऑफ़ फलो के लक्षण जन्म के तुरंत बाद ही दिखाई देने लगते है। यदि किसी बच्चे में निम्न लक्षण दिखाई देते है तो वह टेट्रालॉजी ऑफ फलो से पीड़ित हो सकता है। तो आइये जानते है टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) के लक्षण-
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टेट्रालॉजी ऑफ फलो एक ऐसा शारीरिक विकार (Body development) है, जो बच्चों में जन्म से होता है। यह तब होता है, जब मां के गर्भाशय (Uterus) में बच्चे का हार्ट (Babies heart) का सही से विकास नहीं हो पाता है। आमतौर पर टेट्रालॉजी ऑफ फलो होने के कारण ज्ञात नही है, लेकिन फिर भी जोखिम कारकों में निम्न कारण हो सकते है-
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डॉक्टर गर्भवती मां को समय-समय पर सोनोग्राफी (Sonography) और दूसरी जांच की सलाह देते है। यदि डॉक्टर को संदेह है तो वह बच्चा गर्भ में होने पर ही भ्रूण का अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) कर सकता है। यदि जांच में बच्चे के दिल की असामान्य स्थिति दिखाई देती है तो टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) की समस्या होती है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद भी जांच की जा सकती है, जिसमें ह्रदय की जांच की जाती है। ज्यादातर केसेस में जांच बच्चे के जन्म के बाद ही की जाती है। यदि यह विकार अपनी न्यूनतम गंभीरता लिए है तो लक्षण कम भी दिखाई दे सकते है। कई केस में बच्चे को रूटीन चेकअप करवाते समय भी टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) बीमारी की बात सामने आती है। इसमें मुख्य रूप से यह टेस्ट करवाए जाते है।
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जब किसी बच्चे के जन्म के बाद उसमें टेट्रालॉजी ऑफ फलो के लक्षण दिखाई देते है तो समय रहते उसका इलाज किया जाना जरूरी है। टेट्रालॉजी ऑफ फलो (Tetralogy of Fallot) के इलाज में मुख्यतौर पर हार्ट की सर्जरी (Heart surgery) की जाती है। आमतौर पर जन्म के बाद शुरुआती समय में इसे किया जाना जरूरी है। यदि समय रहते इलाज न किया जाएं तो ज्यादा से ज्यादा उस बच्चे की मौत 20 वर्ष की आयु में हो जाती है। टेट्रालॉजी के लिए सर्जरी करवाने के बाद उस व्यक्ति को ताउम्र हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क और सलाह की जरूरत होती है। इसके बाद समय-समय पर जांच दी जाती है जिसके बाद स्थिति देखते हुए डॉक्टर दवाई देते है। यदि सर्जरी के बाद डॉक्टर से सलाह न ली जाएं तो शरीर में दूसरी बीमारियों का इलाज या उसे रोकना मुश्किल हो जाता है।
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