डॉ. शरयु माकणीकर ने कहा कि लड़कियों के शरीर में होने वाले ये बदलाव बहुत सामान्य हैं और उसे लेकर परेशान जरा भी ना हों। शुरू में अजीब लगता है फिर बाद में आपको सभी बदलावों की आदत हो जाएगी। आप अपने शरीर में होने वाले बदलावों को जितना जल्दी स्वीकार करेंगी आपके लिए उतना साकारत्मक होगा। ये तो बात हो गई लड़कियों में प्यूबर्टी की, अब बात करते हैं कि पहले पीरियड्स के लिए लड़कियों को कैसे तैयार करें।
1- बात शुरू करने के लिए सहज माहौल बनाएं
आजकल 11 साल की ज्यादातर लड़कियों के पीरियड शुरू हो जा रहे हैं। हो सकता है कि आप अपनी बेटी से बात करने में सहज महसूस न करें। बेटी से बात करने से पहले खुद से पूछ लें कि आप तैयार हैं या नहीं? बेटी से पीरियड्स पर बात शुरू करने से पहले माहौल को सहज बनाएं और दोस्त की तरह बात करें। हो सकता है कि आपकी बेटी इस बात को जानने के लिए बहुत छोटी है। यह सब उसके लिए एक झटके की तरह हो सकती हैं। अगर बेटी के मन में पीरियड्स को लेकर कोई सवाल है तो उनका जवाब जरूर दें। उसे बताएं कि सवाल पूछने में कोई बुराई नहीं है।
2- शुरू से बातों का करें आगाज
अपनी बेटी को बताएं कि उसकी उम्र क्या है और उसके पीरियड्स कब तक आ सकते हैं। इसके लिए उसे बेसिक जानकारी दें। बेटी को बताएं कि पीरियड्स एक नियमित और प्राकृतिक क्रिया है। अगर कभी भी कपड़े में बल्ड लगा रहे तो देख कर ना घबराएं। उसे बताएं कि पीरियड्स में आने वाला ब्लड आखिर आता कहां से है। पीरियड्स में आने वाले ब्लड का रंग कैसा होता है। पीरियड्स कितने दिनों तक रहते हैं। बेटी को पीरियड्स में साफ-सफाई कैसे रखनी हैं। वह पैड को कैसे इस्तेमाल करे यह सारी बातें आप अपनी बेटी को बताएं।
3- बेटी के सामने तैयार करें पीरियड्स किट
जरूरी नहीं है कि जब आपकी बेटी का पीरियड आए तो वह घर में ही रहे। वह स्कूल में भी हो सकती है। इसलिए उसके लिए दो पीरियड किट तैयार करें। ताकि जब आप उसके साथ ना रहे तो वह इसका इस्तेमाल अच्छे से कर सके। अब सवाल यह उठता है कि पीरियड किट में आखिर क्या-क्या चीजें होनी जरूरी है। एक पाउच बैग में निम्न चीजों को जरूर रखें।