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पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम: जिसमें बच्चा हो जाता है दूसरे पेरेंट के खिलाफ!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/11/2021

    पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम: जिसमें बच्चा हो जाता है दूसरे पेरेंट के खिलाफ!

    जब माता-पिता अपनी शादी को खत्म करने के लिए तलाक जैसे कदम उठाते हैं, तो बच्चे के लिए यह स्थिति कठिन हो सकती है। अन्य बातों के अलावा, एक पेरेंट को यह चिंता हो सकती है कि उनका एक्स पार्टनर बच्चे को उनके खिलाफ भड़काता होगा। पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम (Parental alienation syndrome) एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक पेरेंट एक बच्चे को दूसरे पेरेंट से दूर करने के लिए स्ट्रेटेजीज का उपयोग करते हैं। इसे कभी-कभी ब्रेनवॉशिंग (Brainwashing) या प्रोग्रामिंग (Programming) भी कहा जाता है। पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम कुछ हद तक एक कंट्रोवर्शियल टर्म (Controversial term) है, लेकिन इसका उपयोग किया जाता है।

    हालांकि, अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (American Psychological Association), अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (American Medical Association) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा इस सिंड्रोम को एक मेंटल डिसऑर्डर नहीं माना जाता है, लेकिन, इसमें कोई संदेह नहीं है कि माता-पिता का डैमेज्ड रिलेशनशिप बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जानते हैं, इस आर्टिकल में इस सिंड्रोम के बारे में विस्तार से।

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    पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम क्या है? (What is Parental Alienation Syndrome?)

    पीएएस आमतौर पर माता-पिता के तलाक की वजह से कस्टडी कॉन्फ्लिक्ट (Custody conflicts) का हिस्सा है। सिंड्रोम को एक साइकोलॉजिकल डिस्टर्बेंस (Psychological disturbance) के रूप में बताया जाता है जिसमें बच्चे माता-पिता के अनुचित निंदा (Denigration) से ग्रस्त होते हैं। यह सिंड्रोम छोटे बच्चों में अधिक कॉमन है। पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1985 में बाल मनोचिकित्सक रिचर्ड गार्डनर (Richard A. Gardner ) द्वारा पेश किया गया था। यह बताता है कि इसमें बच्चे के अंदर बिहेवियर का एक ऐसा पैटर्न डेवलप हो जाता है जिससे बच्चा एक पेरेंट के प्रति अत्यधिक डर, अनादर (Disrespect) या शत्रुता (Hostility) का व्यवहार रखता है।

    पेरेंटल एलिएनेशन के प्रकार (Types of parental alienation syndrome)

    पेरेंटल एलिएनेशन को तीन प्रकार में बांटा गया है:

    माइल्ड (Mild)

    माइल्ड पेरेंटल एलिएनेशन को एक ऐसे बच्चे द्वारा मार्क किया जाता है जो एलिएनेटेड माता-पिता (जिसके खिलाफ बच्चे को भड़काया गया हो) से मिलने में कतराता है, लेकिन बच्चा एलिएनेटेड पेरेंट के साथ अकेले समय बिताना एंजॉय करता है।

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    मॉडरेट (Moderate)

    मॉडरेट पेरेंटल एलिएनेशन वाला बच्चा एलिएनेटेड माता-पिता के साथ किसी भी तरह के संपर्क का दृढ़ता से विरोध करता और उनके साथ समय बिताने के दौरान नाराजगी और रेसिस्टेंस को बनाए रखता है।

    सीवियर (Severe)

    गंभीर पेरेंटल एलिएनेशन के मामलों में, बच्चा न केवल एलिएनेटेड माता-पिता के साथ किसी भी संपर्क का पूरी तरह विरोध करता है, बल्कि उनके साथ जाने से बचने के लिए भाग सकता है या छिप भी सकता है।

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    पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम के लक्षण (PAS symptoms) क्या हैं?

    जब गार्डनर ने पीएएस के बारे में बात की, तो उन्होंने इसके लिए आठ “लक्षण’ (या मानदंड) के बारे में भी बताया:

    • बच्चा लगातार और गलत तरीके से एलिएनेटेड माता-पिता की आलोचना करता है (कभी-कभी इसे “कैंपेन ऑफ डेनेग्रेशन : campaign of denigration” भी कहा जाता है)।
    • आलोचनाओं के लिए बच्चे के पास कोई स्ट्रांग एविडेंस, विशिष्ट उदाहरण या जस्टिफिकेशन्स (Justifications) नहीं होता है। वे केवल गलत तर्क देते हैं।
    • एलिएनेटेड माता-पिता के बारे में बच्चे की फीलिंग्स मिक्स्ड नहीं होती हैं। बच्चे सिर्फ उनके बारे में निगेटिव ही रहते हैं। इसे कभी-कभी “लैक ऑफ एम्बीवैलंस (Lack of ambivalence) कहा जाता है।
    • बच्चे दावा करते हैं कि ये आलोचनाएं (Criticisms) उनकी अपनी सोच पर आधारित हैं।
    • बच्चे के पास एलिएनेटर (वह पेरेंट जो दूसरे के खिलाफ बच्चे को भड़काता है) के लिए अटूट सपोर्ट होता है।
    • बच्चा एलिएनेटेड माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार या नफरत करने के लिए गिल्टी महसूस नहीं करता है।
    • बच्चा उन शब्दों और स्टेटमेंट का उपयोग करता है जो एलिएनेटर इस्तेमाल करता है।
    • एलिएनेटेड माता-पिता के प्रति बच्चे के निगेटिव इमोशंस (Negative emotions) का बढ़ावा माता-पिता से संबंधित परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा किया जाता है।

    पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम बच्चों को कैसे प्रभावित करता है? (How does Parental Alienation Syndrome affect children?)

    2016 के एक अध्ययन में 109 कॉलेज-एज्ड ग्रुप पर हुए सर्वे में एलिएनेटिंग (माता-पिता को अलग करने वाले) पेरेंट्स के व्यवहार और उन लोगों के व्यवहार के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक पाया गया जो एलिएनेटेड थे। दूसरे शब्दों में, जो बच्चे पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम की स्थिति के शिकार होते हैं, वे बड़े होकर उसी तरह से व्यवहार कर सकते हैं जैसे कि एलिएनेटर पेरेंट करता है।

    बच्चे जो एक पेरेंट से एलिएनेटेड होते हैं, वे हो सकते हैं:

    • अधिक गुस्सैल
    • नेग्लेक्ट (Neglect) की भावना से भरे हुए
    • डिस्ट्रक्टिव पैटर्न (Destructive pattern) का होना जो वह दूसरों को पास कर सकते हैं
    • वास्तविकता से दूर होना और दूसरों के बारे में झूठ बोलने की प्रवृत्ति होना
    • सही और गलत, या अच्छे और बुरे के बारे में एक सरल दृष्टिकोण रखना
    • सहानुभूति की कमी (Lack of empathy)

    पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम का ट्रीटमेंट (Parental alienation syndrome treatment) कैसे किया जा सकता है?

    हालांकि, पीएएस के लिए कोई एप्रूव्ड और ऑफिशियल ट्रीटमेंट नहीं है। पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। यदि आपके बच्चे में यह माइल्ड है, तो आप एक पेरेंटिंग को-ऑर्डिनेटर से भी सलाह ले सकते हैं। एक पेरेंटिंग क्लास के जरिए, आपको और आपके एक्स पार्टनर को एक-दूसरे के साथ अपने बच्चे के संबंधों को बेहतर ढंग से कम्युनिकेट करने और सपोर्ट करने में मदद मिल सकती है।

    कुछ स्थितियों में, एलिएनेटेड माता-पिता के साथ बच्चे को फिर से मिलाने की थेरिपी हेल्पफुल साबित हो सकती है। वहीं, अन्य मामलों में, एक बच्चे को इस तरह की रीयूनियन थेरेपी (Reunification therapy) से गुजरने के लिए मजबूर करना खतरनाक भी हो सकता है।

    एक अच्छा फैमिली काउंसलिंग सेंटर (Family counseling center), क्वालिटी थेरेपिस्ट और बाल मनोवैज्ञानिक (Child psychologist) का सहारा भी लिया जा सकता है। ट्रीटमेंट को आपके परिवार की विशिष्ट स्थिति के अनुसार मॉडिफाई करने की आवश्यकता होगी। इसके लिए बच्चे की विकासात्मक आयु (Developmental age of your child) और अन्य फैक्टर्स को भी ध्यान में रखना जरूरी है। ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले बच्चे के बाल रोग विशेषज्ञ (Child’s pediatrician) और बाल मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों (Child mental health specialists) से सलाह जरूर लें।

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    पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम से जुड़ी खास बातें

    शुरुआती समय में पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम को पहचानना जरूरी है क्योंकि अधिक गंभीर स्टेज के लिए ट्रीटमेंट फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। यदि रीयूनियन के लिए बच्चे को फोर्स किया जाता है तो बच्चा इसे पनिशमेंट के रूप में लेता है, जिससे बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं, तो बिना देर किए प्रोफेशनल हेल्प लें।

    पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम को कभी भी मेडिकल या साइंटिफिक कम्युनिटीज द्वारा डिसऑर्डर या सिंड्रोम के रूप में एक्सेप्ट नहीं किया गया है, लेकिन यह सिंड्रोम बच्चे की मेंटल हेल्थ को खराब कर सकता है। इसलिए, अगर आप बच्चे को इस स्थिति में पाते हैं, तो एक योग्य मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल के साथ अपनी इंडिविजुअल सिचुएशन को शेयर करें और परामर्श लें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको पेरेंटल एलिएनेशन सिंड्रोम (Parental alienation syndrome) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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