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सेंसरी प्ले: यह फन एक्टिविटीज बच्चों की ग्रोथ में निभा सकती है महत्वपूर्ण भूमिका!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    सेंसरी प्ले: यह फन एक्टिविटीज बच्चों की ग्रोथ में निभा सकती है महत्वपूर्ण भूमिका!

    माता-पिता जब अपने छोटे बच्चों को कुछ सिखाने की सोचते हैं, तो उनके दिमाग में केवल अंक और शब्द, अल्फाबेट्स या कहानियां आदि ही आती हैं। जन्म से पहले अर्ली चाइल्डहुड तक बच्चे अपनी सेंसेस का इस्तेमाल करते हैं, ताकि वो अपनी आसपास की दुनिया को एक्सप्लोर कर सकें। यानी, वो अपनी सेंसेस से बहुत अधिक सीखते हैं। आज हम सेंसरी प्ले (Sensory Play) के बारे में बात करने वाले हैं, जो बच्चों को कई नयी चीजों को सिखाने के लिए बेहद फायदेमंद है। आइए जानते हैं कि क्या है सेंसरी प्ले (Sensory Play) और किस तरह से फायदेमंद है यह बच्चों के लिए।

    सेंसरी प्ले क्या है? (Sensory Play)

    सेंसरी प्ले (Sensory Play) किसी भी प्लेफुल एक्टिविटी को कहा जा सकता हैं, जिसमें पांच सेंसेस में से एक या एक से अधिक सेंसेस एंगेज होती है। यह पांच सेंसेस हैं साईट, टच, टेस्ट, स्मेल और हियरिंग। सेंसरी प्ले (Sensory Play) एक तरह का प्ले है, जिससे बच्चे की सेंसेस एक्टिवेट और स्टिमुलेट होती है। जब बच्चे बहुत छोटे होते हैं, तो वो दुनिया से सामान्य रूप से इन पांच सेंसेस के माध्यम से ही इंटरैक्ट करते हैं। ये वो सेंसेस हैं जिनके माध्यम से वो अपने आस-पास की दुनिया के बारे में कैसे सीखते हैं और हर दिन कई नई चीजों का अनुभव करते हैं।

    जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं और खेलना शुरू करते हैं तो इस खेल के माध्यम से अपने आसपास की दुनिया के बारे में और अधिक सीखते हैं। लेकिन, फिर भी अधिकांश माता-पिता इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि सेंसरी प्ले (Sensory Play)  क्या हैं और इसके बच्चों के लिए क्या लाभ हैं। इनके बारे में हम विस्तार से जानेंगे। लेकिन पहले सेंसेस के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।

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    जानिए सेंसेस के बारे में (Sense)

    जैसे कि आप जानते ही हैं कि हर बच्चा अलग होता है। ऐसे में, हर बच्चे का विकास भी अलग तरह से होता है। बच्चों की पांच सेंसेस इस प्रकार हैं:

  • टेस्ट (Taste) – यह स्टिमुलेशन तब होती है, जब हमारे टेस्ट रिसेप्टर्स हमारे मुंह में केमिकल्स पर रियेक्ट करते हैं।
  • टच (Touch) –वह स्टिमुलेशन तब होती है जब हमारी स्किन में टच रिसेप्टर्स प्रेशर, हीट/कोल्ड व वाइब्रेशन पर रियेक्ट करते हैं।
  • स्मेल (Smell) –यह वो स्टिमुलेशन है, जो अपर एयरवेज में केमिकल रिसेप्टर के कारण होती है।
  • साइट (Sight) –यह हमारी आंखों में लाइट रिसेप्टर की स्टिमुलेशन है, जिसमें हमारा ब्रेन विजुअल इमेजेज इंटरप्रेट करता है।
  • हियरिंग (Hearing) – यह हमारे इनर ईयर में मैकेनिक्स के माध्यम से साउंड का रिसेप्शन है।
  • इन पांचों सेंसेस के अलावा दो सेंसेस और होती हैं, जिन्हें हम सामान्यतया मिस कर देते हैं। यह सेंसेस इस प्रकार हैं:

    उम्मीद है कि यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। अब जानते हैं सेंसरी प्ले (Sensory Play) के फायदों के बारे में।

    सेंसरी प्ले

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    सेंसरी प्ले के लाभ (Benefits of Sensory Play)

    जीवन के शुरुआती तीन सालों में बच्चों की तेजी से ग्रोथ और विकास होता है। नवजात शिशु से टोडलर और उसके बाद प्रीस्कूलर तक के सफर में वो बहुत अधिक जानकारी इकठ्ठी कर लेते हैं। सेंसरी प्ले (Sensory Play) से बच्चों की सही से विकास होने में मदद मिलती है। इस तरह का एक्टिव प्ले मस्तिष्क में कनेक्शन बनाने में मदद करता है, जो तेजी से काम्प्लेक्स थॉट्स और टास्कस की अनुमति देता है। इसके साथ ही यह बच्चों में अन्य तरह के कई ग्रोथस में भी सहायक है। इसके फायदे इस प्रकार हैं:

    • रीसर्च से यह पता चला है कि  सेंसरी प्ले (Sensory Play) से ब्रेन के पाथवेज़ में नर्व कनेक्शंस बिल्ड होते हैं, जिससे बच्चों में अधिक काम्प्लेक्स लर्निंग टास्क पूरे करने की क्षमता पैदा होती है।
    • सेंसरी प्ले (Sensory Play) से बच्चों के लैंग्वेज डेवलपमेंट, कॉग्निटिव ग्रोथ, फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल और सोशल इंटरेक्शन को सपोर्ट मिलती है।
    • इस तरह के प्ले से बच्चे की मेमोरी डेवेलप और एनहान्स होने में मदद मिलती है।
    • गुस्से और परेशान बच्चे को शांत करने के लिए सेंसरी प्ले (Sensory Play) एक बेहतरीन तरीका है।
    • इससे बच्चे को सेंसरी एट्रिब्यूट जैसे हॉट, कोल्ड, स्टिकी, ड्राय आदि को सीखने में मदद मिलती है। अब जानिए सेंसरी प्ले (Sensory Play) से जुडी कुछ फन एक्टिविटीज के बारे में।

    सेंसरी प्ले आइडियाज और एक्टिविटीज Sensory play ideas and activities

    सेंसरी प्ले (Sensory Play) मजेदार होते हैं और इसके साथ-साथ इनका सेट अप बेहद सिंपल होता है। लेकिन, माता-पिता के लिए यह सोचना मुश्किल हो सकता है कि अपने बच्चे को सेंसरी एक्टिविटीज में एंगेज कैसे रखें? हम आपको कुछ आसान एक्टिविटीज के बारे में बताने वाले हैं जिससे आपको अपने बच्चे को एंगेज रखने में मदद मिलेगी और आपके बच्चे नई चीजों को आसानी से सीख भी पाएंगे।

    फूड के साथ खेल (Playing with food)

    इसके कोई संदेह नहीं है कि अपने बच्चे को फूड से खेलने देना बेहद मेस्सी हो सकता है। क्योंकि, इसमें बच्चा फूड को स्मैश करेगा, मुंह में डालेगा और इधर-उधर फैलाएगा। लेकिन, इससे उसे सेंसरी अनुभव मिलेगा, जिससे उन्हें सीखने में मदद मिलेगी। एक स्टडी के मुताबिक प्रीस्कूलर जो सेंसरी प्ले (Sensory Play) में फलों और सब्जियों के साथ भाग लेते हैं। वो अलग-अलग तरह के फूड्स को ट्राय करने में रूचि भी दिखाते हैं। अगर आप अपने बच्चे के फूड प्ले को प्रेरित करना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे अभी बहुत छोटे हैं। ऐसे में उनके साथ इस तरह से प्ले करते हुए उनकी सुरक्षा का खास ख्याल रखें।

    साउंड ट्यूब्स (Sound tubes)

    अपने बच्चे के लिए साउंड ट्यूब्स बनाने के लिए और उन्हें आसपास की दुनिया से अधिक कनेक्ट होने में मदद करने के लिए आपको कुछ चीजों की जरूरत हो सकती है जैसे कुछ टॉवल रोल, अधपके चावल, बीन्स और बीड्स आदि। इन रोल्स में इन विभिन्न चीजों को ड़ाल दें और इन रोल्स के दोनों हिस्सों को इसके बाद बंद कर दें। अब अपने बच्चे को इसके दूसरे एंड से सुनने दें। इसमें वो अपनी हियरिंग सेन्स का इस्तेमाल करेंगे।

    स्विंग्स (Swings)

    सेंसरी प्ले (Sensory Play) में अलगी एक्टिविटी है स्विंग्स। स्विंग्स बच्चों का पसंदीदा खेल होता है। लेकिन, आप इसका अलग तरह से प्रयोग कर सकते हैं। अपने बच्चे को अपने पेट के बल पर या सुपरमैन स्टाइल में स्विंग करने के लिए प्रेरित करें। इस दौरान इनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। इसके लिए जरूरी नहीं कि आप पार्क में जाएं। आप एक ब्लैंकेट से घर में ही इसे बना सकते हैं। नीचे एक मैटर्स बिछा लें, ताकि बच्चे सुरक्षित रहे।

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    गार्डन (Plant a garden)

    गार्डन में काम करना एक फन एक्टिविटी हो सकती है और इससेआपके बच्चे को सेंसरी बेनिफिट मिलेंगे। ऐसा जरूरी नहीं कि इसके लिए आपको बड़े गार्डन की जरूरत हो। आप घर पर छोटे गमले में भी इसे कर सकते हैं। मिट्टी को खोदना, सीड लगाना, पानी देना, फ्लावर्स और हर्ब्स की स्मेल से आपके बच्चे की सेंसेस स्टिमुलेट होंगी।

    ब्रेड बेकिंग (Bread baking)

    सेंसरी प्ले (Sensory Play) में अलगी एक्टिविटी है ब्रेड बेकिंग। कुछ भी कुक और बेक करने से आपके बच्चे को सीखने और ग्रो होने में मदद मिलती है। ब्रेड को बेक करने से आपके बच्चे को यूनिक सेंसरी एक्टिविटीज ऑफर होती हैं। आपके बच्चे को ब्रेड बेक करने से पहले ब्रेड को गूंथना भी पड़ेगा। यह करना उन्हें बेहद रुचिकर लग सकता है।  हालांकि बच्चे इसे आपसे स्लो करेंगे। लेकिन, अपने बच्चे को मापने, डालने और स्टिर करने में मदद करने दें।

    जंपिंग फन (Jumping fun)

    जंपिंग एनर्जी रिलीज करने और अपने बच्चे की मूवमेंट की सेन्स को स्टिमुलेट करने का बेहतरीन तरीका है। जंपिंग मूवमेंट के लिए आप रस्सियों, स्माल एक्सरसाइज ट्रैम्पोलिन और एक्सरसाइज बॉल का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने बच्चे को इन पर क्लाइंब और जम्प करने दें। अगर आपके पास कोई जंप करने की चीज नहीं है, तो इसके लिए ब्लैंकेट, तकिया या स्टफ्ड टॉय का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने बच्चे को पानी के साथ खेलने, बीड्स, चीजों को सॉर्ट करने आदि एक्टिविटी को भी करा सकते हैं।

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    यह तो थी सेंसरी प्ले (Sensory Play) एक्टिविटीज के बारे में जानकारी। लेकिन, इन एक्टिविटीज को कॉम्प्लिकेट न करें। इसके लिए आपको अपने आसपास की ही चीजों की जरूरत होगी। हालांकि, यह एक्टिविटीज मेस्सी हो सकती है। लेकिन, इससे आपके बच्चे की सेंसेस को एंगेज रहेंगी और उन्हें अच्छे से चीजों को सीखने, ग्रो होने और अपने आसपास के वर्ल्ड को समझने में मदद मिलेगी। इससे संबंधित कोई भी सवाल अगर आपके मन में है, तो आप अपने डॉक्टर से इस बारे में पूछ सकते हैं।

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