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फर्स्ट पीरियड होने पर ऐसे रखें अपनी बच्ची का ख्याल

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/05/2020

    फर्स्ट पीरियड होने पर ऐसे रखें अपनी बच्ची का ख्याल

    कई महिलाएं शायद याद करती हैं कि उनका पहला पीरियड कब और कहां हुआ था। आप में से बहुत लोग शायद यह भी चाहते हैं कि, काश वो थोड़ा और तैयार रहती इसके लिए पहले से। यदि आपकी बेटी अपनी फर्स्ट पीरियड के करीब पहुंच रही है, तो आप उसे उसके लिए तैयार होने में कैसे मदद कर सकती हैं। पहले पीरियड्स से पहले आपकी बच्ची के मन में कई सवाल आते होंगे। ऐसे में आपको अपनी बच्ची के फर्स्ट पीरियड के दौरान उसकी देखभाल करना सिखाना होगा। उसे बताएं कि सवाल पूछना ठीक है। हिचकिचाए नहीं।

    फर्स्ट पीरियड पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

    बाल रोग विशेषज्ञ शिप्रा से बात पर आधारित इस आर्टिकल में जानें फर्स्ट पीरियड में अपनी बेटी का ख्याल रखने के तरीकों को। डॉ. शिप्रा कहती हैं कि “बच्ची को फर्स्ट पीरियड के बेसिक्स और उसके किट के बारे में जानकारी देना बहुत जरूरी होता है। इसलिए बिना हिचकिचाएं आप बच्ची से बात करें और हो सके तो पिता को भी इस मामले में साथ रखें। बतौर पैरेंट्स आप बेटी से साधारण तरीके और प्यार से बात करें।”

    सहज माहौल के साथ बताएं फर्स्ट पीरियड के बारे में

    आजकल 11 साल की ज्यादातर लड़कियों के पीरियड शुरू हो जा रहे हैं। हो सकता है कि आप अपनी बेटी से बात करने में सहज महसूस न करें। बेटी से बात करने से पहले खुद से पूछ लें कि आप तैयार हैं या नहीं? बेटी से पीरियड्स पर बात शुरू करने से पहले माहौल को सहज बनाएं और दोस्त की तरह बात करें। हो सकता है कि आपकी बेटी इस बात को जानने के लिए बहुत छोटी है। यह सब उसके लिए एक झटके की तरह हो सकती हैं। अगर बेटी के मन में पीरियड्स को लेकर कोई सवाल है तो उनका जवाब जरूर दें। उसे बताएं कि सवाल पूछने में कोई बुराई नहीं है। 

    शुरू से बातों का करें आगाज

    अपनी बेटी को बताएं कि उसकी उम्र क्या है और उसके पीरियड्स कब तक आ सकते हैं। इसके लिए उसे बेसिक जानकारी दें। बेटी को बताएं कि पीरियड्स एक नियमित और प्राकृतिक क्रिया है। अगर कभी भी कपड़े में बल्ड लगा रहे तो देख कर ना घबराएं। उसे बताएं कि पीरियड्स में आने वाला ब्लड आखिर आता कहां से है। पीरियड्स में आने वाले ब्लड का रंग कैसा होता है। पीरियड्स कितने दिनों तक रहते हैं। बेटी को पीरियड्स में साफ-सफाई कैसे रखनी हैं। वह पैड को कैसे इस्तेमाल करे यह सारी बातें आप अपनी बेटी को बताएं।

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    फर्स्ट पीरियड के लिए पीरियड किट बनाएं

    जरूरी नहीं है कि जब आपकी बेटी का पीरियड आए तो वह घर में ही रहे। वह स्कूल में भी हो सकती है। इसलिए उसके लिए दो पीरियड किट तैयार करें। ताकि जब आप उसके साथ ना रहे तो वह इसका इस्तेमाल अच्छे से कर सके। अब सवाल यह उठता है कि पीरियड किट में आखिर क्या-क्या चीजें होनी जरूरी है। एक पाउच बैग में निम्न चीजों को जरूर रखें।

    इन चीजों के साथ ही किट में पैड्स को इस्तेमाल करने का तरीका जरूर लिखकर रखें। एक किट आप अपने पास भी रखें ताकि, कहीं बाहर होने पर अगर बेटी के पीरियड्स आ जाए तो इस्तेमाल कर सके।

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    आराम की सलाह दें

    फर्स्ट पीरियड के दौरान बच्ची को अधिक भागदौड़ वाला काम नहीं करना चाहिए, क्योंकि शरीर को आराम की जरुरत होती है। इसलिए बेटी को बहुत अधिक काम-काज या खेल कूद करने की बजाए आराम करने की सलाह दें। बच्ची को कोई भी काम करने से न रोकें, बल्कि उसे रोजमर्रा का काम करने दें। लेकिन, अगर उसे थकान महसूस हो तो उसे आराम करने की सलाह दें।

    बार-बार पीरियड्स के बारे में ही न सोचें 

    पीरियड्स की समस्याओं पर बहुत अधिक ध्यान न दें। समझने की जरूरत है कि यह प्रत्येक माह एक सप्ताह के लिए रक्तस्राव (Bleeding) के विचार से ही लड़कियों में इतनी चिंता हो जाती है कि, माता-पिता उन्हें पीरियड्स, ब्लोटिंग, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) और पीरियड्स होने के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं देना चाहते हैं। इस दौरान बच्ची के चेहरे पर मुंहासे निकल सकते हैं। जब तक कि लड़की ने कुछ वर्षों के लिए अपना पीरियड्स एक्सपीरियंस नहीं करती है तो भी मुंहासे होना सामान्य बात है।

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    फर्स्ट पीरियड के परिणाम जरूर बताएं

    आप अपनी बेटी को यह बताकर शुरू कर सकते हैं कि कुछ लड़कियों में उनके पीरियड्स से पहले या दौरान शरीर में ऐंठन, पीठ दर्द, या स्तनों में दर्द को महसूस करती है। वह अपने पेट के निचले हिस्से या पीठ पर एक हीटिंग पैड लगाकर दर्द को कम कर सकती है।

    फर्स्ट पीरियड होने परबैकअप प्लान के बारे में बताएं

    बेटी को बताएं कि अगर फर्स्ट पीरियड में उसे कभी लीकेज या स्पॉटिंग हो जाए तो उसे क्या करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर बेटी अगर स्कूल में है तो ऐसी स्थिति में अपनी टीचर की मदद ले सकती है। बेटी को समझाएं कि फर्स्ट पीरियड के दौरान इमोशनल बदलावों से गुजरेगी। इसके लिए उसे तैयार करें और बताएं कि वह उसे फर्स्ट पीरियड में स्ट्रांग कैसे बनना है।

    फर्स्ट पीरियड में अधिक समस्या होने पर डॉक्टर से मिलें

    यदि बच्ची को शरीर में बहुत ज्यादा ऐंठन महसूस करती है और दर्द निवारक लेने के बाद भी आराम नहीं हो। अगर उन्हें पीरियड्स लगातार टाइम से पहले या बाद में आती हो, इससे उनकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं।

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