ऐसा क्यों होता है?
दरअसल, तैरने की प्रक्रिया के दौरान क्रॉस-पैटर्निंग मूवमेंट होता है, जो पूरे मस्तिष्क में न्यूरॉन्स और कॉर्पस कॉलोसम का निर्माण करते हैं। यह ब्रेन के एक तरफ से दूसरे तक संचार, प्रतिक्रिया और मॉड्यूलेशन की सुविधा प्रदान करने में मदद करता है।
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2. पानी का डर खत्म होता है
कई बच्चों को पानी से काफी चिड़ होती है। उन्हें पानी में जाने से भी डर लगता है। ऐसे में तैरने के दौरान वे पानी से अच्छी दोस्ती कर सकते हैं।
3. लाइफ सेफ्टी ट्रिक
शिशु को तैरना सिखाने का सबसे बड़ा लाभ होता है कि वे मुसीबत के समय में खुद की और दूसरों की जान बचा सकते हैं। यानी पानी में डूबने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एएपी) के अनुसार, चार साल से छोटे बच्चों में मृत्यु का एक बड़ा कारण पानी में डूबना भी होता है।
4. अस्थमा (Asthma) के जोखिम को कम करे
शोध के मुताबिक शिशु को तैरना सिखाने से भविष्य में बच्चे में अस्थमा का जोखिम कम हो सकता है। तैरने से फेफड़ों की कार्यक्षमता और कार्डियोपल्मोनरी फिटनेस में सुधार आती है। कार्डियोपल्मोनरी फिटनेस दिल और फेफड़ों के कार्य से जुड़ी होती है।
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