किन बच्चों को दी जाती है टैमीफ्लू (Tamiflu) लेने की सलाह?
सीडीसी (CDC) के अनुसार जो बच्चे हाय रिस्क में रहते है, उन्हें टैमीफ्लू (Tamiflu) दवा दी जा सकती है। हाय रिस्क से मतलब बच्चों को डायबिटीज, अस्थमा, कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम (Weak immune system), हार्ट डिजीज, कैंसर, लंग डिजीज (Lung disease) आदि की समस्या होती है, अगर उन्हें सीजनल फ्लू हो जाए, तो ऐसे में मेडिसिन लेने की सलाह दी जाती है। दवा का सेवन करने के साथ ही बच्चों को ओटीसी फीवर रिड्यूसर (OTC fever reducers), तरल पदार्थों का सेवन और आराम करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से एक हफ्ते में ही बच्चा बेहतर महसूस करने लगता है।
अगर बच्चों के लिए टैमीफ्लू (Tamiflu for kids) का सेवन बीमारी के 2 दिनों के भीतर ही किया जाए, तो उसका अधिक प्रभाव दिखता है। अगर बच्चे को किसी व्यक्ति के माध्यम से वायरल फ्लू होता है, तो लक्षणों के दिखने के एक-दो दिन के भीतर ही डॉक्टर से जांच कराने के बाद यह दवा दी जा सकती है। टैमीफ्लू (Tamiflu) मेडिसिन के रूप में या सिरप के रूप में उपलब्ध है। बच्चे को कितनी दवा देनी है, ये बच्चे के वजन और उम्र पर निर्भर करता है।
और पढ़ें: लिंब्स डेवलपमेंट पर टेक्नोलॉजी इंपैक्ट : बच्चों पर पड़ सकता है भारी!
बच्चों के लिए टैमीफ्लू के साइडइफेक्ट्स (Side effects of tamiflu for children)
एफडीए (FDA) ने इस बात की जानकारी दी है कि 16 साल और उससे कम उम्र के बच्चों में इस दवा का सेवन करने से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। कंफ्यूजन की स्थिति, न्यूरोलॉजिक या मनोरोग संबंधी समस्याएं आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर दवा का सेवन करने के बाद बच्चे को व्यवहार में बदलाव आता है, तो आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। अगर बच्चे को सांस लेने में कठिनाई (Difficulty breathing), निर्जलीकरण (Dehydration) आदि लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। दवा का सेवन करने के बाद सभी बच्चों को साइड इफेक्ट्स या दुष्प्रभाव दिखें, ये जरूरी नहीं है। कुछ बच्चों को इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वायरल फ्लू (Viral flu) की समस्या किसी भी बच्चे को हो सकती है। संक्रमित व्यक्ति की खांसी के माध्यम से वायरस अन्य स्वस्थ व्यक्ति या बच्चे को संक्रमित कर सकता हैं। अगर वायरल फ्लू से बचना है, तो इसके लिए बच्चों को लगवाने की सलाह दी जाती है। अगर बच्चे को सही समय पर वैक्सीन लगती है, तो वायरल फ्लू से बचा जा सकता हैं। बच्चों को वायरल फ्लू वैक्सीन कब लगवानी चाहिए और उसके कितने डोज होते हैं, इस बारे में आपको डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए
और पढ़ें: बच्चों में कॉन्स्टिपेशन: नजरंअदाज न करें बच्चों में होने वाली इस कॉमन प्रॉब्लम को!
अगर हो जाए फ्लू, तो बच्चों के लिए टैमीफ्लू (Tamiflu) होता है असरदार!
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों के लिए टैमीफ्लू (Tamiflu for kids) के फायदों के साथ में नुकसान के बारे में भी जानकारी दी है। अगर आपका बच्चा किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आया है, जिसे फ्लू डायग्नोज हुआ है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से बच्चे की जांच करानी चाहिए। क्योंकि ऐसे में बच्चों को फ्लू होने का खतरा बढ़ जाता है। सही समय में दवा का इस्तेमाल करने से उनके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आपको फिर भी इस दवा को लेकर कोई कंफ्यूजन है, तो आप डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं। बिना डॉक्टर से जानकारी लिए दवा का सेवन बच्चों को ना कराएं।
और पढ़ें: बच्चों में रिंगवर्म: जानिए कैसे हो सकता है इस रोग का इलाज और किस तरह से संभव है बचाव
फ्लू में जहां एक ओर दवाएं असर करती हैं, वहीं इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए खानपान भी असर दिखाता है। आपको बच्चे के खानपान में फ्रूट्स, वेजीटेबल्स के साथ ही लिक्विड का खास ख्याल रखने की जरूत है।