इन कारणों के चलते बच्चों में आईबीएस (IBS) की समस्या देखी गई है। लेकिन इसका समय रहते इलाज करना बेहद जरूरी होता है। यदि समय पर इस समस्या को ठीक ना किया जाए, तो भविष्य में पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव (Laxatives for Paediatric IBS) का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ सकती है। आइए जानते हैं इस समस्या का निदान किस तरह किया जा सकता है। जैसा कि हमने पहले बताया, बच्चों में आईबीएस की समस्या और भी मुसीबतें खड़ी कर सकती हैं। बच्चों की उम्र की वजह से वह अपनी समस्या को ठीक ढंग से नहीं बता पाते, इसलिए माता पिता के लिए जरूरी हो जाता है कि उनके लक्षणों पर ध्यान देकर समय पर डॉक्टर से जांच करवाएं।
डॉक्टर अक्सर माता-पिता से फैमिली हिस्ट्री जानकर बच्चों के लक्षणों पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा बच्चों की शारीरिक जांच भी की जाती है। कुछ गंभीर मामलों में लैब टेस्ट कराने की भी जरूरत पड़ती है, जिसके बाद पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव (Laxatives) प्रिसक्राइब किए जा सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर बच्चों के लिए खानपान में बदलाव के साथ-साथ प्रोबायोटिक और अलग-अलग तरह की थेरेपी की भी सलाह दे सकते हैं। आइए अब जानते हैं पीडियाट्रिक आईबीएस में लैग्जेटिव का इस्तेमाल किस तरह किया जाता है।
और पढ़ें: अगर बार-बार बीमार पड़ता है आपका बच्चा, तो उसे हो सकती है ये परेशानी
पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव : ये उपाय भी जानना है जरूरी (Laxatives for Pediatric IBS)
जब समय रहते बच्चों में आईबीएस की समस्या का निवारण नहीं होता, तो यह गंभीर तकलीफ में परिवर्तित हो जाती है। पाचन तंत्र के ठीक से काम ना करने की वजह से कोलोन में स्टूल जमा होने लगता है। जिसकी वजह से ब्लॉकेज बढ़ जाता है और यह समस्या आईबीएस (IBS) में परिवर्तित हो जाती है। इस समस्या के चलते पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे पेट में जमा ब्लॉकेज को साफ किया जा सके और बच्चा बेहतर महसूस कर सके। पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव (Laxatives for Pediatric IBS) के इस्तेमाल के बाद कई बार बच्चे की सेहत में सुधार होता है और बच्चा ठीक ढंग से खाने लगता है, जिससे उसके शरीर की इम्यूनिटी बेहतर होती है और उसका शारीरिक विकास ठीक ढंग से हो पाता है। लेकिन पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव का इस्तेमाल माता पिता को अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे की सेहत को बड़ा नुकसान हो सकता है। कुछ खास तरह की स्थितियों में ही पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए माता-पता को बिना डॉक्टर से कंसल्ट किए पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव (Laxatives) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आइए अब जानते हैं कि पीडियाट्रिक आईबीएस में लेक्जेटिव के इस्तेमाल के साथ-साथ बच्चे की लाइफस्टाइल और डायट में किस तरह के बदलाव किए जाने चाहिए।
और पढ़ें: Chronic fatigue syndrome: क्रोनिक फटीग सिंड्रोम क्या है?