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बच्चों में कॉन्स्टिपेशन: नजरंअदाज न करें बच्चों में होने वाली इस कॉमन प्रॉब्लम को!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/12/2021

    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन: नजरंअदाज न करें बच्चों में होने वाली इस कॉमन प्रॉब्लम को!

    छोटे बच्चों का स्वास्थ्य एक गंभीर और महत्वपूर्ण मामला है। कॉन्स्टिपेशन या कब्ज बच्चों में बेहद कॉमन है। कब्ज का अर्थ होता है मल त्याग में सामान्य से अधिक परेशानी होना। कॉन्स्टिपेशन के कारण बच्चों को इनफ्रीक्वेंट बॉवेल मूवमेंट या हार्ड और ड्राय स्टूल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके कई कारण हैं और अधिकतर बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) की परेशानी अस्थायी होती है। अपने बच्चे के खानपान में बदलाव करके इस बीमारी में काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। आइए, बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) के बारे में जानते हैं विस्तार। इसकी शुरुआत करते हैं बच्चों में कॉन्स्टिपेशन के लक्षणों के बारे में जानकारी से।

    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Constipation in children)

    कब्ज के परेशानी भरी समस्या है। बच्चे अक्सर इस समस्या को समझ नहीं पाते हैं और बहुत कम उम्र के शिशु इसके लक्षणों के बारे में बता तक नहीं पाते। ऐसे में, माता-पिता के लिए इन लक्षणों के बारे में जानना और समझना बेहद जरूरी है। बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) के सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

  • हफ्ते में दो से भी कम बार मल त्याग
  • हार्ड और ड्राय स्टूल का पास होना
  • मल त्याग के समय दर्द होना
  • बच्चे का ऐसा महसूस होना जैसे स्टूल पूरी तरह से पास नहीं हो पाया है
  • बच्चे का बॉवेल मूवमेंट से बचने या उसमें डिले करने के लिए पोज़िशंस में बदलाव करना
  • बच्चों की असामान्य मूवमेंट्स
  • पेट का पेट फूलना या ब्लोटिंग
  • डेटाइम और नाईटटाइम वेटिंग
  • अपने कपड़ों में ही मलत्याग करना, जो डायरिया की तरह दिखाई देता है
  • अगर आपका बच्चा बॉवेल मूवमेंट को अवॉयड कर रहा है या उसे डिले कर रहा, तो उसे फिकल इम्पेक्शन (Fecal impaction) की संभावना रहती है। यह तो थे बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) के लक्षण। अब जानिए, किन स्थितियों में डॉक्टर की सलाह जरूरी है?

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    डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?

    नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डायबिटीज एंड डायजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases) के अनुसार अगर आपके बच्चे में कॉन्स्टिपेशन के लक्षण दो हफ़्तों से अधिक तक रहे और एट-होम-ट्रीटमेंट से इनमें कोई सुधार न हो रहा हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है। अगर आपके बच्चें में कॉन्स्टिपेशन के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षण भी नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें:

    बच्चों में कब्ज यानी कॉन्स्टिपेशन की समस्या को कभी भी नजरअंदाज न करें। ऐसा करना गंभीर हो सकता है। आइए, जानते हैं इस समस्या के कारणों के बारे में।

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    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन के कारण (Causes of Constipation in children)

    कॉन्स्टिपेशन की समस्या सामान्यतया तब होती है, जब वेस्ट या स्टूल डायजेस्टिव ट्रेक्ट के माध्यम से बहुत धीरे-धीरे मूव करता है। इसके कारण स्टूल हार्ड और ड्राय हो जाता है। बच्चों में कब्ज के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

    स्टूल को रोकना (Withholding)

    अक्सर बच्चे खेलने या किसी अन्य गतिविधियों में व्यस्त होने के कारण मल त्याग को नजरअंदाज कर देते हैं। घर से बाहर होने पर कई बच्चे मल त्याग को इस वजह से भी अवॉयड कर देते हैं, ताकि उन्हें पब्लिक टॉयलेट का प्रयोग न करना पड़े। लार्ज और हार्ड स्टूल के कारण होने वाली पेनफुल बॉवेल मूवमेंट्स भी इस समस्या का कारण बन सकती हैं। जब बच्चों को मल त्याग करते हुए दर्द होती है, तो यह अनुभव उन्हें फिर से न हो, इसके लिए वो मल त्याग से बचते हैं।

    टॉइलेट ट्रेनिंग में समस्या (Toilet training issues)

    अगर आप अपने बच्चे को टॉयलेट ट्रेनिंग देना बहुत जल्दी शुरू कर देते हैं, तो आपका बच्चा इसे पसंद नहीं करता है और अक्सर स्टूल को रोक लेता है। इससे भी बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) की समस्या हो सकती है।

    डायट में बदलाव (Changes in diet)

    बच्चों में कब्ज का एक बहुत बड़ा कारण है उनकी डायट। अगर उनके आहार में फायबर युक्त फल या सब्जियां नहीं होंगे या वो पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे, तो ऐसे में उनमें कॉन्स्टिपेशन की समस्या होना सामान्य है।

    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन

    रूटीन में बदलाव (Changes in routine)

    बच्चे की रूटीन में बदलाव भी इस समस्या का कारण बन सकता है जैसे ट्रेवलिंग, हॉट वेदर या स्ट्रेस आदि। कई बच्चे जब स्कूल जाना शुरू करते हैं, तब भी उन्हें कब्ज का अनुभव होता है।

    दवाईयां (Medications)

    कुछ खास दवाईयां भी बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) का कारण बन सकती हैं। वहीं, बच्चों में कब्ज का कारण कुछ मेडिकल कंडिशंस भी हो सकती हैं। ऐसे में यह समस्या के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर की राय जरुरी है। कुछ बच्चों को गाय के दूध या अधिक डेयरी उत्पादों का सेवन करने एलर्जी हो सकती है, जो कब्ज का कारण बन सकती है।

    फैमिली हिस्ट्री (Family history)

    अगर किसी बच्चे के फैमिली मेंबर को कब्ज की समस्या हो, तो बच्चे में भी यह परेशानी होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा शेयर्ड जेनेटिक या एनवायर्नमेंटल फैक्टर्स के कारण होता है। अब जानिए इसके रिस्क फैक्टर्स के बारे में।

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    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन के रिस्क फैक्टर्स (Risk factors of Constipation in children)

    बच्चों में इस रोग के रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हो सकते हैं, अगर:

    • आपका बच्चा पर्याप्त फायबर नहीं लेता है या पर्याप्त पेय पदार्थों का सेवन नहीं करता है।
    • अगर बच्चा कोई खास दवाईयां ले रहा है जिसमें कुछ एंटीडेप्रेसेंट्स भी शामिल हैं।
    • बच्चे को कोई खास मेडिकल समस्या या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है।
    • इसके अलावा इस रोग के कुछ अन्य रिस्क फैक्टर्स भी हो सकते हैं। जानिए अब इसके निदान के बारे में।

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    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन का निदान (Diagnosis of Constipation in children)

    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही वो बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी जानेंगे। माता-पिता से बच्चे की डायट और फिजिकल एक्टिविटी पैटर्न के बारे में भी पूछा जा सकता है। इसके अलावा डॉक्टर बच्चे की शारीरिक जांच करेंगे। गंभीर मामलों में डॉक्टर इन टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं, जैसे

    • एब्डोमिनल एक्स-रे (Abdominal X-ray)
    • एनोरेक्टल मैनोमेट्री या मोटिलिटी टेस्ट (Anorectal manometry or motility test)
    • बेरियम एनीमा एक्स-रे (Barium enema X-ray)
    • रेक्टल बायोप्सी (Rectal biopsy)
    • ट्रांजिट स्टडी या मार्कर स्टडी (Transit study or marker study)
    • ब्लड टेस्ट्स  (Blood tests)

    बच्चे की स्थिति और रोग की गंभीरता के अनुसार अन्य टेस्ट्स के लिए भी कहा जा सकता है। अब जानिए किस तरह से संभव है बच्चों में कब्ज का उपचार?

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    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन का उपचार कैसे किया जा सकता है? (Treatment of Constipation in children)

    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) का उपचार उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। इस समस्या के उपचार के लिए डॉक्टर इन सब तरीकों की सलाह दे सकते हैं:

    फाइबर सप्लीमेंट्स या स्टूल सॉफ्टनर (Fiber supplements or stool softeners)

    अगर आपके बच्चे को डायट के माध्यम से पर्याप्त फाइबर नहीं मिल पा रहे हों, तो डॉक्टर उसे फाइबर सप्लीमेंट्स की सलाह दे सकते हैं जैसे मेटाम्यूसिल (Metamucil) या सीट्रसेल (Citrucel) आदि। इसके साथ ही बच्चे को अधिक से अधिक पेय पदार्थों का सेवन करने के लिए भी कहा जाएगा। ग्लिसरीन सपोसिटरी (Glycerin suppositories) का प्रयोग उन बच्चों के लिए स्टूल को सॉफ्ट करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जो पिल्स का सेवन नहीं कर पाते हैं। लेकिन, इनका प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से इसके बारे में पूरी जानकारी लेना जरूरी है।

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    लैक्सेटिव या एनीमा (Laxative or enema)

    अगर बच्चे को फिकल मटेरियल के कारण होने वाली ब्लॉकेज के कारण मल त्याग में समस्या हो रही हो, तो डॉक्टर लैक्सेटिव या एनीमा की सलाह दे सकते हैं। ताकि, ब्लॉकेज रिमूव हो सके। इसके उदाहरणों में पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल (Polyethylene glycol) और मिनरल ऑयल आदि शामिल है। लेकिन, लैक्सेटिव या एनीमा का प्रयोग केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।

    हॉस्पिटल एनीमा (Hospital enema)

    अगर किसी बच्चे में यह समस्या बदतर हो, तो ऐसी स्थिति में उसे अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत हो सकती है और उसे गंभीर एनीमा दिया जाता है ताकि बॉवेल क्लियर हो सके।

    इसके साथ ही बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) की समस्या को दूर करने के लिए उनकी डायट और रूटीन में बदलाव लाना जरूरी है। ताकि, इस समस्या से राहत मिल सके। इसके साथ ही बच्चों में मालिश और एक्यूपंक्चर की भी सलाह दी जाती है। क्योंकि, इनसे भी बच्चों को कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। अब जानिए अन्य कुछ तरीकों के बारे में जिनसे बच्चे इस परेशानी से बच सकते हैं।

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    बच्चों में कॉन्स्टिपेशन से कैसे बचा जा सकता है? (Prevention of Constipation in children)

    अगर आप अपने बच्चों को कब्ज की समस्या से बचाना चाहते हैं, तो आपको केवल कुछ खास चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए इन उपायों का अपना सकते हैं:

    • अपने बच्चे की डायट को सही रखें। उन्हें अधिक हाय फाइबर फूड्स खाने को दें जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि। इसके साथ ही उन्हें ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थों का सेवन करने को कहें।
    • बच्चें को शारीरिक एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसा करने से नार्मल बॉवेल फंक्शन के स्टिमुलेट होने में मदद मिलती है।
    • बच्चे को एक रेगुलर टॉयलेट रूटीन को फॉलो करने के लिए कहें। अपने बच्चे को समझाएं कि सही समय पर मल त्याग एक जरूरी प्रक्रिया है। किसी भी कारण से इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।
    • अगर आपके बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) का कारण कुछ दवाईयां हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

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    यह तो थी बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) की जानकारी। अधिकतर बच्चों में कब्ज एक शार्ट टर्म समस्या है और यह किसी अंडरलायिंग हेल्थ कंडीशन (Underlying Health Conditions) से जुड़ी नहीं होती। लेकिन, अगर यह समस्या गंभीर है, तो इसके लिए होम रेमेडीज काम नहीं आती हैं। बल्कि, इसके लिए तुरंत मेडिकल हेल्प लेना और उपचार अनिवार्य है। अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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