बच्चों में कब्ज यानी कॉन्स्टिपेशन की समस्या को कभी भी नजरअंदाज न करें। ऐसा करना गंभीर हो सकता है। आइए, जानते हैं इस समस्या के कारणों के बारे में।
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बच्चों में कॉन्स्टिपेशन के कारण (Causes of Constipation in children)
कॉन्स्टिपेशन की समस्या सामान्यतया तब होती है, जब वेस्ट या स्टूल डायजेस्टिव ट्रेक्ट के माध्यम से बहुत धीरे-धीरे मूव करता है। इसके कारण स्टूल हार्ड और ड्राय हो जाता है। बच्चों में कब्ज के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
स्टूल को रोकना (Withholding)
अक्सर बच्चे खेलने या किसी अन्य गतिविधियों में व्यस्त होने के कारण मल त्याग को नजरअंदाज कर देते हैं। घर से बाहर होने पर कई बच्चे मल त्याग को इस वजह से भी अवॉयड कर देते हैं, ताकि उन्हें पब्लिक टॉयलेट का प्रयोग न करना पड़े। लार्ज और हार्ड स्टूल के कारण होने वाली पेनफुल बॉवेल मूवमेंट्स भी इस समस्या का कारण बन सकती हैं। जब बच्चों को मल त्याग करते हुए दर्द होती है, तो यह अनुभव उन्हें फिर से न हो, इसके लिए वो मल त्याग से बचते हैं।
टॉइलेट ट्रेनिंग में समस्या (Toilet training issues)
अगर आप अपने बच्चे को टॉयलेट ट्रेनिंग देना बहुत जल्दी शुरू कर देते हैं, तो आपका बच्चा इसे पसंद नहीं करता है और अक्सर स्टूल को रोक लेता है। इससे भी बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) की समस्या हो सकती है।
डायट में बदलाव (Changes in diet)
बच्चों में कब्ज का एक बहुत बड़ा कारण है उनकी डायट। अगर उनके आहार में फायबर युक्त फल या सब्जियां नहीं होंगे या वो पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे, तो ऐसे में उनमें कॉन्स्टिपेशन की समस्या होना सामान्य है।

रूटीन में बदलाव (Changes in routine)
बच्चे की रूटीन में बदलाव भी इस समस्या का कारण बन सकता है जैसे ट्रेवलिंग, हॉट वेदर या स्ट्रेस आदि। कई बच्चे जब स्कूल जाना शुरू करते हैं, तब भी उन्हें कब्ज का अनुभव होता है।
दवाईयां (Medications)
कुछ खास दवाईयां भी बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) का कारण बन सकती हैं। वहीं, बच्चों में कब्ज का कारण कुछ मेडिकल कंडिशंस भी हो सकती हैं। ऐसे में यह समस्या के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर की राय जरुरी है। कुछ बच्चों को गाय के दूध या अधिक डेयरी उत्पादों का सेवन करने एलर्जी हो सकती है, जो कब्ज का कारण बन सकती है।
फैमिली हिस्ट्री (Family history)
अगर किसी बच्चे के फैमिली मेंबर को कब्ज की समस्या हो, तो बच्चे में भी यह परेशानी होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा शेयर्ड जेनेटिक या एनवायर्नमेंटल फैक्टर्स के कारण होता है। अब जानिए इसके रिस्क फैक्टर्स के बारे में।
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बच्चों में कॉन्स्टिपेशन के रिस्क फैक्टर्स (Risk factors of Constipation in children)
बच्चों में इस रोग के रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हो सकते हैं, अगर:
- आपका बच्चा पर्याप्त फायबर नहीं लेता है या पर्याप्त पेय पदार्थों का सेवन नहीं करता है।
- अगर बच्चा कोई खास दवाईयां ले रहा है जिसमें कुछ एंटीडेप्रेसेंट्स भी शामिल हैं।
- बच्चे को कोई खास मेडिकल समस्या या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है।
- इसके अलावा इस रोग के कुछ अन्य रिस्क फैक्टर्स भी हो सकते हैं। जानिए अब इसके निदान के बारे में।
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बच्चों में कॉन्स्टिपेशन का निदान (Diagnosis of Constipation in children)
बच्चों में कॉन्स्टिपेशन (Constipation in children) करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही वो बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी जानेंगे। माता-पिता से बच्चे की डायट और फिजिकल एक्टिविटी पैटर्न के बारे में भी पूछा जा सकता है। इसके अलावा डॉक्टर बच्चे की शारीरिक जांच करेंगे। गंभीर मामलों में डॉक्टर इन टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं, जैसे
- एब्डोमिनल एक्स-रे (Abdominal X-ray)
- एनोरेक्टल मैनोमेट्री या मोटिलिटी टेस्ट (Anorectal manometry or motility test)
- बेरियम एनीमा एक्स-रे (Barium enema X-ray)
- रेक्टल बायोप्सी (Rectal biopsy)
- ट्रांजिट स्टडी या मार्कर स्टडी (Transit study or marker study)
- ब्लड टेस्ट्स (Blood tests)