कहा जाता है कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं। बच्चों के साथ जैसा व्यवहार किया जाता है, उनकी प्रवृत्ति में भी वैसा ही बदलाव कुछ समय बाद दिखने लगता है।घर हो या फिर घर के बाहर, आज के समय में बच्चे कहीं पर भी सुरक्षित नहीं है। आए दिन खबरों में ये सुर्खियों में रहता है कि घर के परिवार के सदस्य इनोसेंट बच्चे (Innocent children) के साथ दुर्व्यवहार (Abuse) कर रहे हैं। अगर बच्चा स्कूल जा रहा है तो वहां टीचर या अन्य सदस्य इनोसेंट बच्चे को यौन हिंसा का शिकार बना रहे हैं। बच्चों का अपहरण, उनके साथ हिंसा की घटना, काम पूरा न होने पर बच्चे को मौत के घाट उतार देना आदि घटनाएं इनोसेंट बच्चे के मन में बुरा प्रभाव डालते हैं। इंटरनेशनल डे ऑफ इनोसेंट चिल्ड्रन विक्टम ऑफ एग्रेशन (International Day of Innocent Children Victims of Aggression) के मौके पर जानिए कि किस तरह से इनोसेंट बच्चे एग्रेशन (Aggression) का शिकार हो रहे हैं।