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घर में ही हिंसा का शिकार हो जाते हैं इनोसेंट बच्चे (Children become victims of violence at home)
सभी बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ बच्चे एक बार में बात मान जाते हैं, कुछ बच्चों को अलग ढंग से समझाना पड़ता है। अगर आए दिन खबरों पर विश्वास किया जाए तो बच्चों के साथ घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। अगर घर में महिला के साथ घरेलू हिंसा होती है तो कई बार इनोसेंट बच्चे भी एब्यूज (Abuse) का शिकार बन जाते हैं। बच्चों को कभी भी मारें नहीं। अगर वे जिद कर रहे हैं तो किसी दूसरे तरीके से उन्हें अपनी बात समझाएं। ऐसा नहीं है कि बच्चों में लड़कियां ही फिजिकल, सेक्शुअल और इमोशनल एब्यूज का सामना करती हैं, बल्कि लड़कों के साथ ही ऐसी घटनाएं होती हैं। ये बात सच हैं कि लड़कियों को सेक्शुअल एब्यूज का ज्यादा सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में सिखाएं। उन्हें किसी अंजान व्यक्ति के साथ कहीं ना भेजें। जिन लोगों पर आप पूरा भरोसा करते हैं उनके साथ भी बच्चों को अकेला छोड़ने से पहले एक बार जरूर सोचें। क्योंकि अगर ऐसे मामलों में जान पहचान वाले लोग की गुनेहगार पाए जाते हैं।
वायलेंस का शिकार बच्चे: नहीं दर्ज किए जाते हैं मामलें
ऐसा नहीं है कि बच्चों के साथ होने वाली हिंसा या फिर यौन हिंसा के लिए कानून नहीं बनाया गया हो, लेकिन फिर भी ऐसे मामलें तेजी से बढ़ रहे हैं। साल 2012 में बच्चों के साथ होनी वाली यौन हिंसा को रोकने के लिए पास्को (POCSO) कानून बनाया गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि कानून बनने के करीब दो साल बाद पहला मामला दर्ज किया गया था। यानी बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के बारे में कम ही लोग बात करना चाहते हैं और बच्चों की सुरक्षा के लिए आगे बढ़ते हैं। ऐसे कई मामलें सामने आए हैं जिनमे रिश्तोदारों ने ही बच्चे के साथ गलत व्यवहार किया होता है और वो मामला न दर्ज करवाने पर दबाव डालते हैं।
इनोसेंट बच्चे न हो वॉयलेंस के शिकार, घर से ही उठाएं पहला कदम
आपने सुना होगा कि बच्चों की प्रथम पाठशाला उसका घर ही होता है। अगर घर का माहौल सही नहीं होगा तो बच्चों के मन में इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। बेहतर होगा कि बच्चों को घर में अच्छा वातावरण देने की कोशिश करें। जब बच्चा स्कूल जाना शुरू कर दें तो उससे रोजाना स्कूल में होने वाली गतिविधियों के बारे में पूछें। बच्चे के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें ताकि उसे कुछ भी छिपाने की जरूरत न पड़े। घर में भी खास ध्यान देने की जरूरत है कि कहीं बच्चे के साथ कोई दुर्व्यवहार करने की कोशिश तो नहीं कर रहा है। अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो बच्चे की सुरक्षा की जा सकती है। अगर बच्चे को अच्छा वातावरण दिया जा रहा है तो बच्चे के व्यवहार में भी आपको पॉजिटिव चेंज देखने को मिलेगा।
उम्मीद करते हैं कि आपको इनोसेंट बच्चे को वायलेंस से कैसे बचाना है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।