समय के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई भी काफी आधुनिक हो रही हैं। हालांकि, उनके पढ़ने-लिखने की शुरूआती लगभग अभी भी एक जैसी ही है। जिसमें बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) भी शामिल होती है। शुरू-शुरू में उन्हें छोटे-छोटे शब्द और अक्षरों की पहचान करवाना, फिर उनसे शब्द लिखवाने की कोशिश करना। अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को बहुत ही छोटी उम्र में हिंदी के वर्णमाला, अंग्रेजी के अक्षरों और गिनतियों की पहचान करवाना शुरू कर देते हैं। साथ ही, इस बात पर भी ध्यान देते हैं कि उनके बच्चों की हैंड राइटिंग साफ और सुंदर हो। कई लोगों को यहां तक भी लगता है कि, बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) जितनी अच्छी होगी वह पढ़ने में उतना ही अच्छा होगा। हालांकि, बच्चे की लिखावट और उनके तेज दिमाग का कितना गहरा संबंध पर इस बारे में कुछ भी उचित दावा नहीं किया जा सकता है।
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बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) अगर गंदी हो तो इसके नुकसान
अगर बच्चे की लिखावट खराब और गंदी होगी, तो हर रोज उन्हें उनके टीचर इसके लिए पनिशमेंट दे सकते हैं। इसके अलावा बच्चों की हैंड राइटिंग अगर गंदी होगी, तो कई बार दूसरे क्या वो खुद भी अपनी हैंड राइटिंग का लिखा शब्द नहीं पढ़ पाते हैं। जिसका खामियाजा उन्हें परीक्षा में भुगतना पड़ सकता है। इसके कारण सवाल का जवाब सही होने के बाद भी उनके नंबर कम आ सकते हैं। यहां तक की कुछ विषयों में बच्चों की हैंड राइटिंग पर भी कुछ अंक सुरक्षित किए जाते हैं।
बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) कैसे सुधारें?
अधिकतर माता-पिता और टीचर बच्चों की हैंड राइटिंग सुधारने के लिए उसे एक ही शब्द को बार-बार लिखने या उसी शब्द पर पेंसिल दोहराने जैसा होमवर्क देते हैं। ताकि, बच्चा आसानी से उस शब्द को बिना देखे भी बना सके। इसके अलावा, वो बच्चे से एक या दो पेज हर दिन सुलेख या कोई कविता लिखने के लिए भी कहते हैं।
अगर आप भी अपने बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) सुधारना चाहते हैं, तो निम्न तरीकों को अपना सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
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पेन-पेंसिल को सही से पकड़ना सिखाएं
सबसे पहले अपने बच्चे को पेन या पेंसिल को सही से पकड़ना सिखाएं। बच्चों की हैंड राइटिंग अच्छी बनाने के लिए उन्हें पेंसिल या पेन हमेशा अंगुठे और उसके पास वाली अंगुली के बीच में आराम से पकड़ने के लिए सिखाएं। इसे पकड़ते समय या लिखते समय ज्याद जोर न देने के लिए बताएं। इसके लिए आप मार्केट से ऐसी पेंसिल्स भी खरीद सकती हैं, जिनकी डिजाइन खासकर छोटे बच्चों की सही ग्रिप के लिए बनाई गई है। उनकी मदद से आसानी से आप अपने बच्चे को पेंसिल पकड़ने का सही तरीका सिखा सकते हैं।
धीरे-धीरे लिखें
बच्चे को बताएं की उसे हर शब्द और अक्षर को धीरे-धीरे लिखना चाहिए। इस दौरान बच्चे पर जल्दी से उसका काम खत्म करने का कोई भी दबाव न डालें। जल्दबाजी में बच्चा कभी भी अच्छी राइटिंग में नहीं लिखना सीख पाएगा।
खेल-खेल में होमवर्क कराएं
स्कूल में होमवर्क के तौर पर छोटे बच्चों को पांच से छह शब्द या अक्षर कई बार लिखने के लिए दिया जाता है। जिन्हें शुरू में लिखने में बच्चा काफी ध्यान देता है। लेकिन आधा काम खत्म होने से पहले ही बच्चा इस काम से बोर हो सकता है और जल्दी-जल्दी में इसे निपटाने के चक्कर में लिख देता है। ऐसे करने से बचने के लिए और बच्चे की लिखावट सुधारने के लिए आप उनका होमवर्क खेल-खेल में करवाने की कोशिश करें। जैसे कोई शब्द लिखना है, तो उसे उस शब्द से जुड़ा कोई चित्र दिखाएं या क्रॉसवर्ड जैसे गेम्स के जरिए लिखने के लिए बोलें।
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बोरिंग पेंसिल की जगह चमकीले पेंसिल का करें इस्तेमाल
आप बच्चे का होमवर्क करने के लिए उसे साधारण पेंसिल ही दें। लेकिन, घर पर उसे पढ़ाते या बच्चे की लिखावट सुधारने की प्रैक्टिस कराते समय उसे हमेशा स्केच पेन या फिर गिल्टर पेन का इस्तेमाल करने के लिए दें। इस तरह के पेन देखने में भी आकर्षित होते हैं और इनका इंक भी बच्चों की हैंड राइटिंग सुधारने के लिए काफी प्रेरित कर सकता है। इनके इस्तेमाल से बच्चों की हैंड राइटिंग की प्रैक्टिस करना कम से कम बोरिंग महसूस होगी।
एक समय निश्चित करें
छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए या बच्चे की लिखावट सुधारने के लिए आप बहुत ज्यादा या बहुत देर तक पढ़ने या प्रैक्टिस करने के लिए फोर्स नहीं कर सकते हैं। इसलिए आप थोड़े-थोड़े समय के लिए दिन में एक या दो बार का एक समय फिक्स कर सकते हैं। साथ ही, हर बार एक ही जैसे शब्द या अक्षर लिखवाने की बजाय उन्हें अलग-अलग तरह के शब्द और अक्षर लिखाएं।
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नए शब्दों का इस्तेमाल करें
अगर बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) सुधारने के लिए आप उन्हें सुलेख लिखने की प्रैक्टिस करवा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि हर दिन सुलेख में उन्हें अलग-अलग शब्दों को लिखने के लिए दें। बार-बार एक ही शब्द लिखकर बच्चा बहुत जल्दी बोर हो सकता है और उसका ध्यान राइटिंग सुधारने से हट सकता है।
अक्षरों के बनावट पर ध्यान दें
बच्चा जब भी कोई अक्षर लिखे, तो उस अक्षर की बनावट का ध्यान रखने के लिए उसे बताएं। जैसे उस अक्षर की लंबाई या चौड़ाई बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
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बच्चों की हैंड राइटिंग सुधारने की लिए उनकी परेशानी को नोट करें
जब भी बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) सुधारने की प्रैक्टिस करवाएं, तो उस दौरान बच्चे को किस तरह की परेशानियां होती हैं, क्या वे सारी पेरशानियां बच्चे को बार-बार होती है, जैसी बातों को नोट करें। जैसे कुछ बच्चे लगभग एक जैसे ही दिखने वाले शब्दों को लेकर कंफ्यूज हो सकते हैं। अगर आपको इसकी समस्या बार-बार दिखाई दे, तो आपको डॉक्टर से भी संपर्क करना चाहिए।
कुछ नया ट्राई करें
हर बार बच्चे को पेपर-पेंसिल पर लिखाने की बजाय उसे किसी धूमिल शीशे, मिट्टी या सॉस से भी लिखने के लिए भी कह सकते हैं। जब भी बच्चा सॉस का इस्तेमाल खाने में करे, तो उससे कहें कि वो इससे किसी तरह के शब्द बना कर दिखाएं। ऐसा करने में बच्चे को भी अच्छा लगेगा और वो खुद भी धीरे-धीरे अपने हैंड राइटिंग अच्छी करने के तरीके खोजने लगेगा।
बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) सुधारने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- कभी भी अपने बच्चे की हैंड राइटिंग की तुलना किसी दूसरे बच्चे की हैंड राइटिंग से न करें।
- जब भी बच्चा लिखे हर बार उसके हैंड राइटिंग की तारीफ करें, ताकि बच्चे को अपनी हैंड राइटिंग सुधारने के लिए प्रोत्साहन मिले।
- हर अक्षरों को बच्चा याद रख सके इसके लिए उसे उस अक्षर से जुड़ी किसी रोचक चीज का नाम बताएं।
- सबसे पहले आप उससे उसका नाम, फिर घर से सभी सदस्यों का एक-एक करके नाम लिखना सिखा सकते हैं।
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