यह सच है कि बच्चों के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। पेरेंट्स के तौर पर, यह अच्छा है कि आप अनुशासन के प्रति ध्यान दे रहे हैं। लेकिन अनुशासन के नाम पर बच्चे की पिटाई करना यह सही नहीं है। कई पेरेंट्स बच्चे को नियम सिखाने के लिए कई बार स्पैंकिंग (Spanking) जैसे रास्ते को अपनाते हैं, जो कि बच्चे के विकास के लिए सही नहीं है। पिटाई बच्चों मानसिक विकास के लिए नकारात्मक हो सकती है। इससे बच्चा क्रोध, आक्रामकता और आक्रोश का शिकार होने के साथ, उसे पिटाई से शारीरिक नुकसान भी पहुंच सकती है। पिटाई अक्सर वह सबक नहीं सिखाती जो माता-पिता बताने की कोशिश कर रहे हैं। इससे बच्चे डर के शिकार हो सकते है, जो उनके विकास के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चों की पिटाई से अच्छा अनुशासन सिखाने के लिए उन्हें दूसरे रास्ते अपनाना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि बच्चे में स्पैंकिंग (Spanking) के क्या बुरे प्रभाव हो सकते हैं ? इसके अलावा,बच्चों को अनुसाशन सिखाने के लिए पेरेंट्स इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
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बच्चों की स्पैंकिंग यानि कि पिटाई क्यों गलत है (Why spanking of children is wrong)?
यह सच है कि माता-पिता से ज्यादा बच्चों का भला कोई नहीं चाहेगा। लेकिन पेरेंट्स बच्चों को भलाई सोचते-सोचते उनके विकास में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। लेकिन पिटाई यानि कि स्पैंकिंग बच्चे के विकास के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। इससे बच्चे आपकी बात समझने की जगह और जिददी बन सकता है। इतना ही नहीं, उसे गंभीर चोट भी लग सकती है। बच्चे डर भी सकते हैं कि कभी कुछ होने पर वो आपको बताए न। यहभी सच है कि कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चे को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहते हैं। कभी-कभी माता-पिता अपने बच्चों को हताशा से ऐसा कर देते हैं। जब बच्चे अक्सर दुर्व्यवहार करते हैं, तो पेरेंट्स को ऐसा लग सकता है कि उन्हें सुधारने का बस सही तीरका पिटाई है। कुछ स्थितियों में उन्हें ऐसा लग सकता है कि स्पैंकिंग सबसे अच्छा विकल्प है। हाे सकता है कि बच्चा इससे सुधर जाए,लेकिन अधिकतर मामलों में इसके नकारात्मक प्रभाव ही देखने को मिलते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि पिटाई अप्रभावी है और बाल विकास पर हानिकारक परिणाम हो सकते हैं।
पिटाई करने से अच्छा है कि आप बच्चे से बात कर के उसे समझाएं। कई बार माता-पिता वैकल्पिक अनुशासन रणनीतियों की कोशिश किए बिना ही या खुद के तनाव में आकर कर के ही बच्चों की पिटाई कर देते हैं। शायद उनके खुद के पास ही इतना समय नहीं होता है कि वो बच्चे को समझा पाएं। माता-पिता द्वारा डांटे जाने का एक अन्य सामान्य कारण है, जोश, आवेग या क्रोध भी, जिससे पेरेंट्स को बचना चाहिए।
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पिटाई के बजाय अनुशासन रणनीतियों का उपयोग करें (Use Discipline Strategies Instead of Spanking)
पेरेंट्स को बच्चों को स्पैंकिंग यानि कि पिटाई की जगह दूसरे रणनीतियों को अपनाना चाहिए। अपने बच्चे को प्रभावी ढंग से अनुशासित करने के लिए पेरेंट्स इन रणनीतियों को अपना सकते हैं, जिनमें शामिल है:
- बच्चे के साथ बॉन्डिंग अच्छा रखें। उसे प्यार-प्यार में समझाएं कि उन्हें कैसे व्यवहार करना चाहिए।
- बच्चे को व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सकारात्मक व्यावहार का प्रयोग करें।
- यदि आवश्यक हो, तो अन्य अनुशासनात्मक तरीकों का उपयोग करें जैसे कि समय का महत्व सिखाएं और अपने समय का कैसे सकारात्मक प्रयोग करें।
- बच्चों के सामने रोल मॉडल बनें। खुद के गुस्से आने पर खुद को शांत रखने की कोशिश करें। इस समझ के साथ कि आपका बच्चा आपसे ही व्यवहार करना सिखेगा।
- नियम और सीमाएं निर्धारित करें, जिसे बच्चे को फॉलो करना सिखाएं। जिससे स्पैंकिंग तक की नौबत न आए।
- बच्चे के अच्छे व्यवहारों की लगातार प्रशंसा करें। उनके व्यवहार पर ध्यान दें, जिन्हें आप चाहते हैं कि आपका बच्चा दोहराए।
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बच्चे की पिटाई के साथ होने वाली समस्याएं (Problems with child spanking)
बच्चों की पिटाई करने के बजाए पेरेंट्स को अन्य रास्तों को अपनाना चाहिए। अगर स्पैंकिंग की बात करें, तो बच्चे को पीटना वास्तव में और अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है। बच्चे के व्यवहार को बदलने के लिए स्पैंकिंग काम नहीं करता है, बल्कि इसकी जगह अन्य रस्तों को अपनाना चाहिए, पिटाई करने से बच्चे में इस तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिनमें शामिल है:
पिटाई से बच्चा केवल कुछ समय के लिए ही सुधरता है (Spanking only improves the child for a short time)
कई बार बच्चा अपने भाई-बहन के साथ बहस करने के लिए डांटा जाता है। यह होना आम है, लेकिन यह डाटने या मारने का विषय नहीं है। ऐसे में बच्चे को डाटने से वह यह नहीं सीख पाएगा कि भविष्य में बेहतर तरीके से कैसे व्यवहार किया जाए। प्रभावी अनुशासन एक बच्चे को सकारात्मक व्यवहार सिखाना जरूरी है, जो कि उनकी योग्यता और आत्मविश्वास का निर्माण करता है। पिटाई, बच्चे के विश्वास और आत्मविश्वास को कम करती है, जबकि केवल एक बच्चे को यह सिखाती है कि क्या नहीं करना है।
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आक्रामकता की भावना को जन्म देता है (Gives rise to a sense of aggression)
बच्चे वही करते हैं जो माता-पिता जितना कहते हैं उससे ज्यादा करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बच्चे को उसके भाई-बहन को मारने के लिए डांटते हैं, या आप किसी प्रकार की गलत भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, तो बच्चे उसे सबसे पहले सिखेंगे। अध्ययनों ने बच्चे के लिए अधिक आक्रामक व्यवहार, मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति, और अन्य हानिकारक परिणामों (शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार के प्रभाव के समान) के रूप में देखा गया है।
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बच्चे के अंदर शर्म की भावना पैदा हाे सकती है
कई बार पेरेँट्स द्वारा स्पैंकिंग से बच्चे के मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इससे बच्चा सोच सकता है, “मैं बुरा हूँ,’ और आत्म-सम्मान, विश्वास और मानसिक स्वास्थ्य जैसी समस्याों का शिकार हो सकता है। उसकेअंदर शर्म की भावना पैदा हाे सकती है। शर्म महसूस करने वाले बच्चों को अपने व्यवहार में सुधार करने के लिए प्रेरित करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में बच्चे चिड़चिड़ेपन के भी शिकार हो सकते हैं। इसलिए पेरेंट्स को ऐसी गलती से बचना चाहिए।
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यह बड़े बच्चों और किशोरों के लिए काम नहीं करता
यदि आपने अपने बच्चे को अनुशासित करने के लिए हमेशा पिटाई का रास्ता अपनाते हैं, तो यह उसकी बढ़ती उम्र के लिए हानिकारक है। स्पैंकिंग से बच्चे को गलत मैसेज भी जा सकता है, जैसे कि शारीरिक दंड का उपयोग करना बच्चों को सिखाता है कि मजबूत व्यक्ति के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को चोट पहुंचाना ठीक है, जो कुछ ऐसा करता है या जो व्यावहार आपके पसंद का नहीं है। पिटाई बच्चे के व्यवहार को ठीक नहीं किया जा सकता है, बल्कि इससे मामला और बिगड़ सकता है।
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एक्सपर्ट की राय (Expert opinion)
पीडियाट्रिक्स जर्नल में प्रकाशित बाल रोग विशेषज्ञों के 2018 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण में केवल 6% डॉक्टरों ने ही स्पैंकिंग का समर्थन किया। अनुशासन अभ्यास के उपयोग से केवल 2.5% प्रत्याशित सकारात्मक परिणाम हैं। इसमें पाया गया कि स्पैंकिंग की जगह अनुशासन की कई और रणनीतियां हो सकती हैं, जिनका उपयोग आप अपने बच्चे के पूरे जीवन में स्पैंकिंग के विकल्प के रूप में कर सकते हैं। पिटाई की जगह बच्चों को समझना एक अच्छा विकल्प है। इस बारे में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सलमान का कहना है कि बच्चे के विकास में उनका मानसिक स्वास्थ्य बहुत अहम होता है। पिटाई से उनका विकास प्रभावित हो सकता है। इसलिए पेरेंट्स को ऐसी गलतियों से बचना चाहिए। आप बच्चे को प्रोत्साहित करें कि उन्हें यह समझाएं कि वे अगली बार क्या बेहतर कर सकते हैं, पिटाई से उनके माता-पिता पर गुस्सा आने की संभावना अधिक होती है। इस स्थिति में बच्चे सोचने लगते हैं, “मैं ऐसा क्या कर सकता हूं जिससे मुझे पिटाई न हो?’ इसके बजाय “मैं अभी सबसे अच्छा विकल्प क्या बना सकता हूं?’ स्पैंकिंग-बच्चे को झूठ बोलने को भी प्रोत्साहित कर सकता है, जो नहीं होना चाहिए।
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स्पैंकिंग के विकल्प (Alternative for spanking)
स्पैंकिंग के और बहुत से विकल्प हो सकते हैं, पेरेंट्स को उनकी तरफ ध्यान देना चाहिए। कई अनुशासन रणनीतियां स्पैंकिंग से अधिक प्रभावी होती हैं, जैसे कि यदि आपका बच्चा दीवारों पर रंग लगाता है, तो आप उसे मराने की बजाए बेहतर परिणाम यह होगा कि आप दीवारों को साफ करे लें और उसे समझाएं कि अलगी बार ऐसी गलती न करें। आप बच्चे के साथ उसे खेल-खेल में चीजें सिखाने की कोशिश करें , जो कि बच्चों को नए कौशल सीखने का मौका देती है। तकनीक आक्रामक व्यवहार के लिए बहुत प्रभावी हो सकती है और सभी उम्र के बच्चों और किशोरों के लिए अच्छी तरह से काम करती है। इसके अलावा, समय-समय पर आप बच्चे को उसके सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशंसा करें। प्रशंसा करना, पिटाई का एक और प्रभावी विकल्प है।
स्पैंकिंग का बच्चे के जीवन में क्या प्रभाव हो सकता है, यह आपने जाना यहां। पिटाई से बच्चा नकारात्मक भावों का शिकार हो सकता है। इससे बच्चे के मन में हीनभावना भी आ सकती है कि पेरेंट्स उसे प्यार नहीं करते हैं। पेरेंट्स के लिए यही सलाह है कि वो बच्चे को पिटाई की जगह प्यार से समझाने की कोशिश करें। उन्हें बताएं कि अच्छा व्यवहार करने से लोग उनकी प्रशंसा ही करेंगे। स्पैंकिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर संपर्क करें।
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