“जाने दो बच्चा है बदमाशी तो करेगा ही।“ ऐसा अक्सर बड़ों के मुंह से तो सुना ही होगा। लेकिन, शायद बच्चे को सामने यही बात बोल कर हम बच्चे का मन बढ़ा देते हैं। एक साल के ऊपर के कुछ बच्चे जिद्दी स्वभाव (Aggressive behavior) के होते हैं। ऐसे में माता-पिता (Parents) उन्हें डांट फटकार कर शांत कराने की कोशिश करते हैं। बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे उनका गुस्सा और जिद बढ़ने लगता है। इस बारे में चाइल्ड फर्स्ट की हेड और मनोवैज्ञानिक अंकिता खन्ना ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि “बच्चों का गुस्सा या जिद करना अच्छी बात नहीं है। इसके लिए कहीं ना कहीं माता-पिता भी जिम्मेदार होते हैं। शुरू से ढील देने के बाद बच्चे पर अचानक से अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए पैरेंट्स इस तरह के उत्तेजक बच्चों के साथ धीरे-धीरे प्यार से पेश आएं तो बेहतर होगा। गुस्सैल बच्चे के लिए केयर टिप्स जानकर आप बच्चे के गुस्से को कंट्रोल कर सकती हैं।
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गुस्सैल बच्चे के लिए टिप्स: बच्चे की पूरी बात सुने
अगर आपका बच्चा गुस्सा कर रहा है तो उस पर चिल्लाने के बजाए उसकी बातसुनें। कई बार बच्चे की बात जब पैरेंट्स नहीं सुनते हैं तो बच्चे बहस करने लगते हैं। जोकि सही नहीं है। अगर आप उनकी बात नहीं सुनेंगे तो वे और ज्यादा जिद्दी हो जाएंगे। जब बच्चे को यह महसूस होने लगे कि आप उनकी बात नहीं सुन रहे हैं तो वे धीरे-धीरे आपकी हर बात को नजरअंदाज करना शुरू कर देंगे। इसलिए आप शांति और धैर्य से उनकी बात सुनें। बच्चे की बात खत्म होने से पहले उन्हें ना टोकें। बच्चे से कभी भी गर्म मिजाज में बात ना करें।
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गुस्सैल बच्चे के लिए टिप्स: घर में बनाएं नियम
बच्चे के उम्र के हिसाब से घर में नियम बनाएं। छोटे बच्चों की बदमाशियां बड़े अक्सर हंस कर टाल देते हैं। ऐसे में बच्चे का मन बढ़ने लगता है। बच्चे को उसकी सीमाएं समझाएं। उदाहरण के तौर पर अगर बच्चा अपने से बड़ों पर हाथ उठाता है तो उसे बताएं कि ये गलत है। उसे बताएं कि अगर वह ऐसा करता है तो आप उसे क्या सजा दे सकते हैं। कोशिश करें कि अगर बच्चे को सजा देने की नौबत आए तो वह हेल्दी हो ताकि, बच्चा उससे कुछ सीख सके।
गुस्सैल बच्चे के लिए टिप्स: बच्चे को चेतावनी दें
छोटे बच्चे किसी बात को बहुत जल्दी भूल जाते हैं। अगर वह कोई गलती करते हैं तो उस समय उसे चेतावनी दें। इसके बाद बच्चा फिर उसी गलती को दोहराए या गलत बर्ताव करे तो उस चेतावनी को याद दिलाएं । इससे बच्चा समझ जाएगा कि दोबारा यह गलती करने पर उसे क्या सजा मिल सकती है। वहीं अगर बच्चा पांच साल से बड़ा है तो उसे चेतावनी के साथ-साथ कोई हेल्दी सजा भी दीजिए। जिससे उसे याद रहे कि अगर दोबारा यह गलती की तो क्या होगा।
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गुस्सैल बच्चे के लिए टिप्स: बच्चे का ध्यान दूसरी तरफ लगा दें
बच्चे किसी चीज को लेकर जिद कर लेते हैं। उनके मन मुताबिक चीजें ना होने पर वह जल्द ही चिढ़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे का ध्यान दूसरी तरफ लगा दें। उसे प्यार से दूसरी बातों में उलझा दें ताकि उसका ध्यान पहली चीज से हट जाए। जब बच्चा कोई दूसरा काम करने लगे तो उसकी तारीफ करें, ताकि वह दूसरे काम में रुचि ले सके।
गुस्सैल बच्चे के लिए टिप्स: बच्चे के साथ करें काम
जिद्दी बच्चे बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं। बच्चे इस बात को महसूस करते हैं कि आप उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं। इसलिए अपने बोलने के लहजे को लेकर खास सावधानी बरतें। जब बच्चे को आपका व्यवहार अच्छा नहीं लगता है तो गुस्सा दिखाने लगते हैं। ऐसे में जरूरत है बच्चे को समय देने की। उसके साथ काम करें। बच्चे से ‘तुम ये काम करो’ कहने के बजाए उससे कहें कि ‘चलो ऐसे काम करते हैं’। इससे बच्चे का गुस्सा तो दूर होगा ही साथ ही आपके नजदीक आएगा।
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गुस्सैल बच्चे के लिए टिप्स: गुस्सा शांत कराने के लिए जबरदस्ती न करें
बच्चे के साथ अगर आप जबरदस्ती करेंगे तो वह विद्रोही स्वभाव का हो जाएगा। आपकी जबरदस्ती से बच्चा तुरंत तो शांत हो जाएगा लेकिन, बाद में अंदर दबे गुस्से के कारण उसका व्यवहार खतरनाक होता चला जाएगा। ऐसी परिस्थिति में बच्चे के साथ जबरदस्ती ना कर के उससे जुड़ने की कोशिश करें। उसकी बात को सुनें और उसे समझाएं।
गुस्सैल बच्चे के लिए टिप्स: बच्चे के गुस्से पर कभी-कभी शांत भी रहें
आप हर बार बच्चे पर चिल्लाते रहें, ये जरूरी तो नहीं है। आपके चिल्लाने से बच्चे का व्यवहार आक्रामक हो जाएगा और वह आपसे जुबान भी लड़ा सकता है। इसलिए चिल्लाने से अच्छा है कि आप उसकी गलती का विकल्प निकाल कर उसके सामने रखें। बच्चे के कामों में शामिल होना सीखें। जिससे आप उसे उसके दोस्त जैसे लगेंगे। इसलिए कभी-कभी शांत होना भी जरूरी है।
गुस्सैल बच्चे के लिए टिप्स: बच्चे का सम्मान करें
आप जो भी करते हैं, बच्चा वही सीखता है। अगर आप बच्चे का सम्मान करेंगे तो वह भी आपको सम्मान देगा। आप किसी भी काम को करने जा रहे हैं तो बच्चे का सहयोग मांगे। उससे पूछे कि अगर इस काम को ऐसे करें तो क्या होगा। इससे बच्चे के मन में आपके प्रति विश्वास पैदा होगा और बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ेगा।
ये सभी बातें आपके बच्चे को जिद्दी होने से बचाएगा। कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा समय बच्चे के साथ बिताएं। बच्चे को भरोसा दिलाएं कि आप हमेशा उसके साथ हैं और आप उसका बुरा नहीं चाहते हैं। बच्चा जब आप पर भरोसा करने लगेगा तब वे आपकी बात को अधिक समझेगा। साथ ही उसके मन में गुस्से के जगह समर्पण का भाव आएगा।
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बच्चों में गुस्सा बढ़ सकता है इन बातों से
बच्चों में गुस्सा आखिर क्यों बढ़ जाता है, अगर आप इस बारे में सोचेगें तो आपके सामने कई बातें आएंगी। बच्चों को गुस्सा कई बार पेरेंट्स की गलती की वजह से भी आ सकता है। जी हां, कई बार पेरेंट्स बच्चों की हां में हां मिला देते हैं और बाद में जब बच्चे किसी चीज की डिमांड करते हैं तो पेरेंट्स गुस्सा करने लगते हैं। मान लीजिए कि आपने बच्चे से कह दिया कि अगर वो पढ़ाई करेगा तो आप उसे नया टॉय या चॉकलेट देंगे, लेकिन जब बच्चा पढ़ाई कर लेता है और फिर डिमांड करता है तो आप उसे मना कर देती हैं। ऐसी सिचुएशन में भी बच्चे गुस्सा जाहिर करते हैं और फिर ऐसा भी समय आता है जब बच्चे चिड़चिड़ाना शुरू कर देते हैं। बेहतर होगा कि बच्चे से कभी भी झूठा प्रॉमिस न करें। अगर प्रॉमिस करें भी तो उसे निभाने की कोशिश करें।
बच्चे को बताएं सही गलत का फर्क
बच्चे जब घर से बाहर निकलते हैं तो वो बहुत सी चीजों को देखते हैं, उन्हें नहीं पता होता है कि क्या सही है और क्या गलत। उन्हें जो भी पसंद आता है, वे उसे करने का प्रयास करते हैं। कुछ ऐसी एक्टिविटी भी होती हैं जो सही नहीं होती है, लेकिन बच्चे उसे करना पसंद करते हैं। जब पेरेंट्स मना करते हैं तो बच्चे गुस्सा करने लगते हैं। ऐसे हालात को कंट्रोल करने के लिए आपको बच्चे को पहले ही समझाना होगा कि ये सही नहीं है या फिर ऐसा करने से आप परेशानी में भी पड़ सकते हैं। अगर आप बच्चे को प्यार से किसी भी बात को समझाएंगे, तो बच्चे उसे समझने का प्रयास करेंगे। साथ ही बच्चे के व्यवहार में आप अंतर महसूस कर सकेंगे।
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बच्चे को मारना नहीं है उपाय
कई माता-पिता गुस्सैल बच्चे की हरकतों से परेशान होकर उसे मारना शुरू कर देते हैं। मार शरीर के साथ ही मन में भी असर करती है, जो कि बच्चे के लिए गलत है। आप बच्चे को मारकर कुछ समय के लिए चुप जरूर करा सकते हो , लेकिन मार-पीट कभी भी समस्या का हल नहीं हो सकता है। जिन बच्चों को मारा जाता है, उनका स्वभाव बहुत उग्र हो जाता है। आप बच्चे को मारेंगे तो बच्चा आपके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करेगा और न ही आपके साथ कोई बात शेयर करेगा। बेहतर होगा कि बच्चे को प्यार से समझाने की कोशिश करें। आप बच्चे को मोरल स्टोरी भी सुना सकती हैं, जिससे उसे सही-गलत के बारे में जानकारी मिलेगी। बच्चों के मन में स्टोरी का बहुत प्रभाव पड़ता है। आप एक बार इसे भी अपना कर देखिए। आपको कुछ ही समय बाद असर जरूर महसूस होगा।
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