माता-पिता में अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए चिंतित होना लाजमी है। अक्सर देखा गया है कि पेरेंट्स को टेंशन रहती है कि बच्चा अपने क्लास में टॉप करे। इस बात में शक नहीं कि स्कूल और पढ़ाई ने बच्चों का बचपन बोझ में बदल जाता है। लेकिन, अब पेरेंट्स तो पेरेंट्स बच्चे भी अधिक स्मार्ट हो गए हैं। बच्चे स्कूल की पढ़ाई के साथ ट्यूशन और कोचिंग क्लासेज ज्वाइन करने से भी पीछे नहीं हटते। लेकिन, स्कूल से आने के तुरंत बाद कोचिंग जाने के कारण बच्चों को माइंड रिलैक्स करने का टाइम नहीं मिल पाता है। कई पेरेंट्स तो बच्चों के लिए होम ट्यूशन लगवाते हैं। आइए जानते हैं होम ट्यूशन के फायदों (Benefits of Home tuition) के बारे में…
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होम ट्यूशन (Home tuition) को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एजुकेशन सेक्टर में काम करने वाले कई मनोवैज्ञानिक भी कहते हैं, कि बच्चों का स्कूल टाइमिंग और कोचिंग टाइमिंग में वैरिएशन रहना चाहिए। ऐसा रहने से बच्चों को अपने माइंड को रीस्टार्ट करने में मदद मिलती है। लगातार पढ़ने से बच्चे अपने दिमाग को दूसरी एक्टिविटीज में नहीं रख पाते, ऐसे में बच्चे के डिप्रेशन (पढ़ाई से रिलेटेड) में जाने की खतरा बन जाता है। इसके साथ ही बच्चे अपनी नींद खराब कर लेते हैं। क्या स्कूल से आते ही तुरंत बच्चों का कोचिंग के लिए चला जाना सही तरीका है? या, होम ट्यूशन का ऑप्शन तलाशना चाहिए? बच्चों के साथ पैरेंट्स के दिमाग में भी ऐसे सवाल आते रहते हैं।
आपके ऐसे ही सवालों का जवाब लिए हैलो स्वास्थ्य का यह आर्टिकल बता रहा है होम ट्यूशन के फायदे (Benefits of Home Tuition), जो आपकी बच्चो के हित में होंगी।
होम ट्यूशन से बच्चों को फायदे: (Benefits of Home tuition)
आज के समय बच्चों के लिए ट्यूशन आवश्यक हो गया है। कुछ बच्चे कोचिंग में जाना पसंद करते हैं तो कुछ पेरेंट्स बच्चों के लिए होम ट्यूशन को सही मानते हैं। होम ट्यूशन के कुछ फायदे निम्न हैं।
बच्चों की सुविधा के अनुसार होम-ट्यूटर (Benefits of Home tuition)
छात्र अपनी सुविधा का ख्याल करते हुए आसानी से सीख पाते हैं। कोचिंग संस्थानों में क्लास-स्ट्रेंथ के कारण कई बच्चों का लेसन क्लियर नहीं हो पाता। होम ट्यूटर बच्चों की एबिलिटी का अच्छा खयाल रखते हैं। होम ट्यूटर होने से बच्चों को कोचिंग संस्थान में जाने वाली समय की खपत होती है, जिसे वे और किसी प्रोडक्टिव काम में लगा सकते हैं।
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चैप्टर के बेसिक्स टाइम रहते समझने का मौका
होम ट्यूशन से किसी भी विषय को अच्छे से समझ पाना बहुत आसान हो जाता है। बच्चे जल्दी अपनी वीकनेस पॉइंट और मुश्किल सब्जेक्ट्स पर कमांड ला सकते हैं। इससे बच्चों की विषय पर पकड़ भी बढ़ेगी। होम ट्यूटर की मदद से स्कूल का सारे टास्क भी समझदारी से सीख लेता है। यह शिक्षकों के बीच बच्चों की बेहतर इमेज बनाता है।
सेंट्रिक फीडबैक से इम्प्रूवमेंट करने का अवसर
स्कूल या किसी कोचिंग सेंटर में टाइम पहले से तय होती हैं, जिससे बच्चे सभी लेसन की समस्याओं को टीचर से डिस्कस नहीं कर पाते। होम ट्यूटर/होम ट्यूशन बच्चों को हर सवाल पर उन्हें अच्छा समय ले कर क्लियर करते हैं। यह बच्चों को खुद को और अधिक बेहतर बनाने और लेसन में और बेहतर करने को प्रेरित करता है।
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पर्सन-टू-पर्सन मॉडल से बच्चों पर ध्यान
होम ट्यूशन से एक भरोसा रहता है कि टीचर आपके बच्चे पर ही ध्यान रखेगा। स्कूल में स्टूडेंट्स की ज्यादा संख्या होने के कारण शिक्षकों का सभी बच्चों से डाउट जान पाना मुश्किल है, जिसके कारण बच्चा लेसन को अच्छी तरह से समझ नहीं पाता। होम ट्यूटर आपके बच्चे और उसकी कठिनाइयों पर ज्यादा फोकस्ड होता है।
अच्छे मार्क्स आने के चांसेज
होम ट्यूशन में बच्चे को सभी सब्जेक्ट्स में टीचर पूरा-पूरा ध्यान देता है, जरूरत पड़ने पर रिपीट भी करवाता है। जिससे बच्चे क्लास में अच्छा कर सकते हैं।
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बच्चों की परफॉर्मेंस में सुधार का स्कोप
होम ट्यूशन में एक ट्यूटर बच्चों को कठिनाई में अपनी ओर खींचता है, स्कूल या किसी कोचिंग में यह संभव नहीं है। बच्चा किसी पर्टिकुलर विषय में कमजोर है, तो होम ट्यूटर बच्चो की समस्या को दूर करते हैं। यह बच्चों के ओवरऑल परफॉर्मेंस में सुधार करता है।
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बच्चों का आत्म-विश्वास बढ़ता है
होम ट्यूटर से अपनी हर लेसन को बारीकी से पढने और समझने से बच्चों में कॉन्फिडेंस बढ़ता है। एल अच्छा होम ट्यूटर बच्चों को स्कूल की सारी प्रॉब्लम्स को दूर करने में मदद करता है। इससे बच्चों में पढ़ाई को लेकर क्क्ट्म विश्वास बढ़ता है। साथ ही आप होम ट्यूटर से बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने को कह सकते हैं। बच्चे टीचर के साथ बहुत क्लोज होते हैं, इससे वे अपनी प्रॉब्लम्स आसानी से क्लियर कर पाते हैं।
जिस तरह एक सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक उसी तरह होम ट्यूशन के फायदों (Benefits of Home tuition) के साथ कई नुकसान भी हैं। आइए एक नजर डालते हैं इससे होने वाले नुकसान पर…
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बहुत तरह का तनाव और चिंता
कई बच्चो में टीचर का सिर्फ उन पर फोकस होना स्ट्रेस का कराण बनता है। कई बच्चे इसमें कंफर्टेबल नहीं होते जिस वजह से तनाव और चिंता में रहने लगते हैं।
बच्चों का बचपन खो जाता है
बच्चे सारा दिन स्कूल में पढाई करने के बाद घर आकर कुछ देर आराम या खेलना पसंद करते है लेकिन ट्यूशन की वजह से उन्हें यह सब करने का समय नहीं मिलता है। सुबह उठकर पहले स्कूल और फिर शाम को ट्यूशन ऐसे में बच्चो को अपने खेलने का समय नहीं मिलता जिससे उनका बचपन इन सब के बीच कही खो जाता है।
आज के समय में बच्चों में नंबर को लेकर कॉम्पीटिशन बहुत अधिक है। इसके साथ ही मां बाप भी बच्चों पर बहुत प्रेशर बनाकर रखते हैं। इस चक्कर में कई मां बाप बच्चों की दो होम ट्यूशन लगा देते हैं। इससे बच्चा स्कूल से आते ही दो ट्यूशन फिर स्कूल का हॉमवर्क फिर दोनों ट्यूश्न का हॉमवर्क करता रह जाता है। अपने बच्चे पर कभी जबरदस्ती न करें। जितना प्रेशर वह हैंडल कर सकें उतना ही बनाएं। बच्चा यदि किसी ट्यूटर से पढ़ना न चाहे तो उसके साथ जबरदस्ती न करें। हो सकता है उसे उसका पढ़ाया समझ में नहीं आता हो या उसकी इच्छा किसी ओर से पढ़ने की हो। ऐसी स्थिति में उसके लिए किसी दूसरे ट्यूटर की तलाश करें। बच्चे का कंफर्ट का भी ख्याल रखें। ध्यान रखें आपका बच्चा स्ट्रेस का शिकार तो नहीं हो रहा।
उम्मीद करते हैं कि आपको होम ट्यूशन के फायदे (Benefits of Home tuition) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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