कहते हैं पेरेंट्स बनना किसी भी कपल के जीवन में सबसे सुखद और चुनौतीपूर्ण अनुभवों में से एक हो सकता है। नवजात के जन्म से पेरेंट्स में एक तरह की सुपरपावर आ जाती है। हालांकि कई बार पेरेंट्स के अच्छी देखभाल के बाद बच्चे में न्यूट्रिशन की कमी जैसी परेशानी देखी जाती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में पेरेंट्स की सुपरपावर को बनाये रखने के लिए बच्चे के लिए सुपरपावर लेकर आये हैं। क्योंकि जब शिशु रहेगा खुश तभी तो बेबी के मॉम डैड रहेंगे हैप्पी एंड सुपरस्ट्रॉन्ग। इसलिए आज इस आर्टिकल में शिशु के लिए विटामिन सी (Vitamin C for babies) से जुड़ी खास जानकारी हम आपके लिए लेकर आये हैं।
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शिशु के लिए विटामिन सी (Vitamin C for babies) क्यों है जरूरी?
बड़े बुजुर्गों के साथ-साथ शिशु के लिए विटामिन सी बेहद आवश्यक माना जाता है। विटामिन सी के सेवन से शरीर को एक नहीं, बल्कि कई तरह के लाभ मिलते हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार जिन शिशुओं को प्रयाप्त मात्रा में विटामिन सी का सेवन करवाया जाता है, उनका शारीरिक विकास बेहतर तरीके से होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि विटामिन सी में एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) की मात्रा अत्यधिक मौजूद होती है, जो शिशु के शरीर से टॉक्सिन (Toxin) को दूर करने में सहायक होता है। यही नहीं शिशु के लिए विटामिन सी (Vitamin C for babies) का सेवन इसलिए भी आवश्यक माना जाता है, क्योंकि इसके सेवन से बच्चे की इम्यून पावर (Immune power) को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद मिलती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि शिशु के लिए विटामिन सी (Vitamin C) ही हमेशा दिया जाना चाहिए या सेवन करवाना चाहिए। शिशु का शरीर सेंसेटिव होता है, इसलिए ध्यानपूर्वक और बैलेंस मात्रा में ही विटामिन सी देना चाहिए।
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शिशु के लिए विटामिन सी कितनी मात्रा कितनी होनी चाहिए? (Vitamin C dose for babies)
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ऑफिस ऑफ डायट्री सप्लिमेंट्स (National Institute of Health Office Dietary Supplements) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार बड़ों की तुलना में नवजात शिशु के लिए विटामिन सी की मात्रा कम होती है।
- 0 से 6 महीने के शिशु के लिए 40 mg
- 6 से 12 महीने के शिशु के लिए 50 mg
- गर्भवती महिलाओं को 85 विटामिन सी का सेवन करना चाहिए।
स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को विटामिन सी रिच फूड (Vitamin C rich food) का सेवन ज्यादा करना चाहिए, क्योंकि नवजात शिशुओं में विटामिन सी की पूर्ति मां के दूध से हो सकता है। इसलिए जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं, उन्हें 120 mg विटामिन सी का सेवन रोजाना करना चाहिए। वहीं जो महिलाएं बच्चे को स्तनपान नहीं करवा सकती हैं, तो नवजात शिशुओं के लिए आने वाले फॉर्मूला मिल्क (Formula milk) में विटामिन सी की मात्रा मौजूद होती है।
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ब्रेस्टफीडिंग और फॉर्मूला मिल्क फीडिंग से जुड़ी जानकारी के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और एक्सपर्ट से समझें ब्रेस्टफीडिंग और फॉर्मूला मिल्क फीडिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
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क्या शिशु के लिए विटामिन सी सप्लिमेंट्स (Vitamin C Supplements for babies) का सेवन करवाया जा सकता है?
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार नवजात बच्चों को विटामिन सी की पूर्ति ग्रेस्ट्फीडिंग या फॉर्मूला फीडिंग से ही हो जाती है। रिसर्च रिपोर्ट्स में इस बात की जिक्र की गई है कि शिशु के लिए विटामिन सी सप्लिमेंट्स आवश्यकता पड़ने पर दी जा सकती है, लेकिन अगर शिशु को इसकी जरूरत नहीं है या स्तनपान या फॉर्मूला मिल्क से ही विटामिन सी की पूर्ति हो रही है, तो विटामिन सी का ओवर डोज बच्चे के लिए टॉक्सिक (Toxin) हो सकता है। यूके नैशनल हेल्थ सर्विसेस (U.K.’s National Health Service) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 6 महीने से कम उम्र के शिशु के लिए विटामिन सी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को खाने-पीने की चीजों से विटामिन सी की पूर्ति करनी चाहिए।
शिशु के लिए विटामिन सी सप्लिमेंट्स (Vitamin C Supplements for babies) कब आवश्यक हो सकती है?
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ऑफिस ऑफ डायट्री सप्लिमेंट्स (National Institute of Health Office Dietary Supplements) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार नवजात बच्चों को विटामिन सी सप्लिमेंट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती है। अगर किसी कारण शिशु में विटामिन सी की कमी (Deficiency of Vitamin C) होती है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर शिशु की हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर दवा प्रिस्क्राइब कर सकते हैं और शिशु के लिए डोज भी वही तय करते हैं।
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शिशु के लिए विटामिन सी (Vitamin C for babies) की पूर्ति के लिए स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को क्या करना चाहिए?
जो महिलाएं शिशुओं को स्तनपान करवाती हैं, उन्हें अपनी डायट (Diet) का विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए स्तनपान करवानी वाली महिलाओं को निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। जैसे:
- आंवला (Gossobery)- आंवले में विटामिन सी की मात्रा भरपूर पाई जाती है। इसलिए एक आंवले के सेवन से 600 मिलीग्राम विटामिन सी (Vitamin C) की पूर्ति हो सकती है।
- टमाटर (Tomato)- स्तनपना करवाने वाली महिलाओं को टमाटर का भी सेवन करना चाहिए। माना जाता टमाटर में विटामिन सी तकरीबन 17 मिलीग्राम होती है।
- ब्रोकली (Broccoli)- ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को ब्रोकली का सेवन करना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो 100 ग्राम ब्रोकली के सेवन से 51 मिग्रा विटामिन सी (Vitamin C) की प्राप्ति हो सकती है।
- कीवी (Kiwi)- शिशु को स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को कीवी का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से तकरीबन 71 मिग्रा विटामिन सी की प्राप्ति हो सकती है।
इन खाद्य पदार्थों के अलावा ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) करवाने वाली महिला डॉक्टर द्वारा बताये गए डायट (Diet) और फूड प्रॉडक्ट्स का सेवन कर सकती हैं। अगर शिशु में विटामिन सी की कमी होती है, तो घबराएं नहीं। ऐसे में डॉक्टर से कंसल्टेशन बेहद जरूरी होता है, क्योंकि शिशु में किसी भी न्यूट्रशन की कमी होने पर बच्चे के शारीरिक विकास (Physical development) और मानसिक विकास (Mental development) दोनों पर पड़ सकता है। इसलिए डॉक्टर से संपर्क करना सबसे बेहतर ऑप्शन माना जाता है। डिलिवरी के बाद मां को सामान्य से ज्यादा कैलोरी (Callory) की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए महिला को अपने आहार में कैलोरी रिच फूड को शामिल करना चाहिए। इसलिए बेबी डिलिवरी के बाद मां को मेवे (Dry fruits), गुड़ एवं घी (Ghee) से बने खाद्य पदार्थों का सेवन लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से मां और बच्चे दोनों को ही न्यूट्रिशन मिलता है।
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