के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
अगर आपको पाचन संबंधी कोई समस्या है, तो आपको अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। ऐसे में, ऐसे फूड्स का सेवन करना चाहिए, जो पचने में आसान हो। क्योंकि, कुछ फूड्स आसानी से और जल्दी पच जाते हैं। लेकिन, कुछ फूड्स को पचने में समय लगता है। आपको याद होगा आपको भी बचपन में च्युइंगम यानी गम खाने के लिए मना किया जाता होगा। ऐसा इसलिए था ताकि आपके दांत खराब न हों। लेकिन एक सच यह भी है कि च्युइंगम को डायजेस्ट होने में बहुत अधिक समय लगता है। आज हम बात करने वाले हैं कि च्युइंगम यानी गम को पचने में कितना समय लगता है (How Long Gum Take to Digest)”, इस बारे में। लेकिन, गम को पचने में कितना समय लगता है (How Long Gum Take to Digest), इससे पहले जानते हैं कि क्या च्युइंगम को निगलना हानिकारक हो सकता है?
यह बात याद रहे कि च्युइंगम को चबाने के लिए बनाया गया है, न की निगलने के लिए। हालांकि, अगर इसे अगर निगल लिया जाता है, तो यह इतना हानिकारक नहीं होता है। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि इसे पचने में लम्बा समय लगता है। हमारा शरीर इसे आसानी से नहीं पचा पाता है। यह हमारे डायजेस्टिव सिस्टम के माध्यम से रेलेटिवली इन्टेक्ट रहता है और स्टूल में एक्सक्रेट होता है। दुर्लभ मामलों में अगर बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाए, तो इससे इंटेस्टाइन ब्लॉक हो जाता है,जो कब्ज का कारण बन सकता है। यही कारण है कि च्युइंगम यानी गम को निगलने से मना किया जाता है, खासतौर पर बच्चों को। अब जानते हैं कि गम को पचने में कितना समय लगता है (How Long Gum Take to Digest)?
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जैसा कि पहले ही बताया गया है कि च्युइंगम को निगलना हानिकारक हो सकता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह आपके पेट में लगभग सात साल तक रह सकती है। हालांकि पूरी तरह से असत्य है, यह मिथक बच्चों और कुछ वयस्कों को च्युइंगम निगलने से बचाने का एक काफी प्रभावी तरीका साबित हुआ है। इन सात सालों वाली बात की उत्पत्ति कैसे और कहां हुई इसकी जानकारी भी नहीं है। च्युइंगम जिन चीजों से बनती है, उसे हमारा डायजेस्टिव सिस्टम आसानी से ब्रेक-डाउन कर सकता है। इनमें स्वीटनर्स, फ्लेवरिंग, प्रिजरवेटिव और सॉफ्टनर्स शामिल हैं। हालांकि गम बेस का पचना थोड़ा मुश्किल होता है।
परंपरागत रूप से, चील (Chicle) का उपयोग करके गम को बनाया जाता था जो सापोडिला पेड़ (Sapodilla tree) का सैप यानी रस है। जैसे-जैसे च्युइंगम यानी गम की लोकप्रियता बढ़ती गई, वैसे-वैसे इसकी मांग भी बढ़ती गई। ऐसे में निर्माताओं को गम बेस के रूप में सिंथेटिक पॉलिमर (Synthetic polymers) का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। यू.एस. फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (U.S. Food and Drug Administration) इसके निर्माण के लिए तब तक कई सब्सटांसेस का इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं जब तक कि यह कुछ खास स्पेसिफिकेशन्स और लिमिटेशंस को पूरा करते हों।
लेकिन, सिंथेटिक पॉलिमर को शामिल करने के बाद भी, च्युइंगम जैसा अपचनीय खाद्य पदार्थ आपके पेट में कुछ दिनों से अधिक समय तक नहीं रहेगा। बल्कि, कुछ ही दिनों में यह मल के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। यह तो आप जान ही गए होंगे कि गम को पचने में कितना समय लगता है (How Long Gum Take to Digest)? अब जानते हैं कि च्युइंगम कैसे डायजेस्ट होती है?
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हमारा डायजेस्टिव सिस्टम, डायजेस्ट करने के लिए बना है। यह जो कुछ भी पच नहीं सकता है, उसे पास कर देता है। जैसे कॉर्न यानी मक्का को हमारा शरीर डायजेस्ट नहीं कर पाता। यही कारण हैं कि इसके शैल खाने के बाद स्टूल में रह जाते हैं। ऐसे ही च्युइंगम का एक छोटा सा टुकड़ा निगलना हार्मफुल हो सकता है। च्युइंगम इस तरह से डायजेस्ट होती है:
च्युइंगम यानी गम को पचने में कितना समय लगता है (How Long Gum Take to Digest), के साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि क्या च्युइंगम निगलना किसी बड़ी परेशानी का कारण है?
अधिक मात्रा में या इसके कई छोटे टुकड़ों को निगलने से दुर्लभ मामलों में डायजेस्टिव ट्रैक्ट ब्लॉक हो सकता है। यह ब्लॉकेज अधिकतर तब होती है, जब च्युइंगम को अन्य किसी फॉरेन ऑब्जेक्ट्स के साथ निगला जाता है जैसे सिक्के या जब इसे नॉन-डायजेस्टिबल मेटेरियल जैसे सनफ्लावर सीड्स के साथ निगला जाए। छोटे बच्चे इससे अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि वो यह नहीं समझ पाते हैं कि च्युइंगम चबाने के लिए है न की निगलने के लिए। हालांकि, अगर कभी-कभार इस का कोई पीस निगल लिया जाए, तो उससे कोई हानि नहीं होती है।
याद रखें कि बच्चों को च्युइंगम तब तक नहीं देनी चाहिए जब तक कि वे इसे पूरी तरह से न निगलने के महत्व को समझ लें। 5 साल की उम्र तक, ज्यादातर बच्चे समझ जाएंगे कि च्युइंगम एक सामान्य कैंडी से अलग है और इसे निगलना नहीं है। ऐसे में अगर आपका बच्चा छोटा है, तो उसे कभी भी इसे खाने के लिए न दें। उम्मीद है कि च्युइंगम यानी गम को पचने में कितना समय लगता है (How Long Gum Take to Digest), यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अब जानते हैं इसके बारे में और अधिक?
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किसी भी चीज की अधिकता समस्या हो सकती है। दांतों के लिए भी यह एक बुरी चीज है। अधिकतर गम्स शुगर फ्री नहीं होती है, जिससे बच्चों को कैविटी हो सकती है। शुगर फ्री च्युइंगम जिसमें चीनी की जगह सोर्बिटोल (Sorbitol) का इस्तेमाल होता है, वो भी परेशानी की वजह बन सकती हैं। इससे डायरिया हो सकता है। दालचीनी के फ्लेवर वाली गम्स भी मुंह की लायनिंग के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। इसे खाने का बेहतरीन तरीका यही है कि शुगर फ्री च्युइंगम का इस्तेमाल करें और दिन में एक या दो पीस से अधिक न खाएं। अगर आप इसे खाएं भी, तो कभी भी न निगलें बल्कि तुरंत इसे फेंक दें।
उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि च्युइंगम यानी गम को पचने में कितना समय लगता है (How Long Gum Take to Digest)? अगर आप इसे निगल भी जाते हैं, तो भी समझ लें कि इसे पचने में सात साल नहीं लगते हैं। बल्कि, कुछ ही दिनों में यह मल के माध्यम से पास हो जाती है। लेकिन, फिर भी अधिक मात्रा में इसे खाने की सलाह नहीं दी जाती है। क्योंकि रिसर्च यह बताती हैं कि अधिक मात्रा में इसका सेवन इंटेस्टाइनल ब्लॉकेज का कारण बन सकता है, खासतौर पर बच्चों में। च्युइंगम का सेवन करने से भी सबको बचना चाहिए। बच्चों के गले में भी यह फंस सकती है। अगर आप कभी इसे बच्चे को देते भी हैं, तो ध्यान रखें कि वो उसे न निगले।
लगातार इसे निगलने से यह समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे पेट में दर्द (Abdominal pain), क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (Chronic constipation) , गैस (Gas), डायरिया (Diarrhea), माउथ अल्सर (Mouth ulcers)। अगर आपके मन में गम को पचने में कितना समय लगता है (How Long Gum Take to Digest)” इस बारे में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात करना न भूलें।
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