एनल फिशर (Annal fissure) की समस्या 20 से 40 साल तक के लोगों में पाई जाने वाली आम बीमारी है। जब एनल केनाल के आस-पास किसी तरह का कट या चीरा उभर आए तो उसे एनल फिशर (Anal Fissure) कहते हैं। पाइल्स (Piels) और इस बीमारी को लेकर अक्सर लोगों के मन में भ्रम रहता है। स्टूल पास करते समय आपको पेन या फिर ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। इस तकलीफदेह स्थिति में आपको अपने सर्जन से मिलने की आवश्यकता है। अगर आपको अधिक समस्या है, तो सर्जरी कराना जरूरी हो जाता है। लेकिन कुछ लोगों को बिना सर्जरी के भी आराम मिल जाता है।
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बिना सर्जरी के फिशर ट्रीटमेंट (Fissure treatment without surgery)
ज्यादातर मामलों में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है। फिशर ट्रीटमेंट बिना सर्जरी के भी ठीक हो सकता है। ज्यादातर मामलों में सर्जन बिना सर्जरी के ही इस समस्या को खत्म कर देते हैं। बिना सर्जरी के ट्रीटमेंट के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखने के साथ ही दिनचर्या में भी बदलाव की जरूरत होती है। आपको अपने खानपान पर ध्यान देने के साथ ही डॉक्टर की ओर से दी गई सलाह का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है। बिना सर्जरी के फिशर ट्रीटमेंट (Fissure treatment) लेने के दौरान कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए, कुछ बातें जैसे कि
- स्टूल पास करते समय अधिक तनाव या जोर न लगाएं।
- कॉफी, चाय या फिर कैफीन (Caffeine) युक्त पेय पदार्थों का सेवन न करें। ये आपकी समस्या को बढ़ाने का काम कर सकती है।
- मसालेदार भोजन (Spicy food) एनल फिशर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए अधिक मुसीबत खड़ी कर सकता है। बेहतर होगा कि भोजन क्या लेना है, इस बारे में आप अपने डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।
- लंबे समय तक एक ही स्थान में बैठकर काम न करें। ऐसा करने से एनल फिशर की समस्या अधिक बढ़ सकती है। काम के दौरान कुछ देर के लिए टहलें भी। साथ ही बैठते समय सही पोस्चर को भी अपनाएं।
- डॉक्टर बिना सर्जरी के एनल फिशर का ट्रीटमेंट (Anal fissure treatment) करते समय आपको एक्टरनल यूज के लिए क्रीम लगाने की सलाह दे सकता है। ऐसा करने पर कट वाले स्थान में हीलिंग प्रोसेस तेजी से होती है और साथ ही घाव कम समय में भर जाता है। आपको रोजाना समय पर दवा को लगाना चाहिए।
- दर्द का कम एहसास होने लगे और साथ ही स्टूल के साथ ब्लड आना भी बंद हो जाए तो इसका मतलब ये है कि आपकी समस्या धीरे-धीरे खत्म हो रही है। आप डॉक्टर को इस बारे में जानकारी दे सकते हैं।
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मरहम (Local Ointments)
परीक्षण के बाद सर्जन आपको कुछ मरहम या जैली दे सकते हैं जो कि आपकी परेशानी को दूर करेगा। इसकी मदद से दर्द (Pain), सूजन (Swelling) और जलन (Burning) से राहत मिलेगी। साथ ही स्टूल पास करने में भी आसानी होगी।
ओरल मेडिसिन (Oral Medicines for anal fissures)
आपका डॉक्टर आपको स्टूल सॉफ्टनर दे सकता है। ये मुंह से खाने वाली मेडिसिन होती है। इसकी हेल्प से आपको सॉक्ट स्टूल करने में मदद मिलेगी। एक बात का ध्यान रखें कि अगर आपको कुछ ट्रीटमेंट लेने के बाद स्टूल आसानी से पास नहीं हो रहा है और आपको लंबे समय तक बाथरूम में बैठने की जरूरत महसूस हो रही है तो डॉक्टर को इस बारे में बताएं। अधिक दबाव बनाने से एनल कैनाल में परेशानी खड़ी हो सकती है और साथ ही घाव भी गहरा हो सकता है।
सिट्ज बाथ (Sitz Bath)
जब ऐसी समस्या हो तो सिट्ज ( Sitz) बाथ जरूरी हो जाता है। सर्जन आपको इसकी सलाह दे सकता है। टॉयलेट सीट पर सीधे गर्म पानी से भरे बेसिन को रखें। ज्यादा गर्म पानी का यूज न करें। डॉक्टर जो दवा कहे, उसे पानी में डालने के बाद यूज करें। अब बेसिन में करीब 5 से 10 मिनट तक बैठे रहें। इस बाथ से आपको बहुत रिलेक्स मिलेगा और घाव में भी आराम मिलेगा।
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क्या ये सही हो रहा है?
आपका घाव क्या धीरे-धीरे भर रहा है ? अगर आपको लग रहा है कि ये बात आपको कैसे पता चलेगी तो परेशान न हों। एनल एरिया के आस-पास की जलन कम हो जाएगी। साथ ही सूजन और ब्लीडिंग की समस्या से भी राहत मिलेगी।
फिशर सर्जरी की आवश्यकता कब होती है?
यदि आपने नॉन-सर्जिकल फिशर ट्रीटमेंट (Fisher treatment) लिया है और किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है तो आपको सर्जरी की जरूरत है। फिशर सर्जरी 15 मिनट की डेकेयर प्रक्रिया है। आपको कुछ घंटों में ही हॉस्पिटल से घर आ सकते हैं। जांच में लंबा समय न लगाएं। समस्या होने पर जांच कराएं और फिर सर्जन तय करेगा कि आपको किस उपचार की जरूरत है।
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इन चीजों से बनाएं दूरी
एनल फिशर ट्रीटमेंट (Fisher treatment) के दौरान आपको कुछ चीजों से परहेज करना होगा। सही खान-पान आपकी समस्या को कम कर देगा। ऐसे फूड का सेवन बिल्कुल न करें जो पचने में समस्या खड़ी करें। खाने में फास्ट फूड को इग्नोर करें और साथ ही कार्बोनेटेड पेय (Carbonated drink) पदार्थों का सेवन, एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन न करें। भोजन सादा लें ताकि पचने में किसी भी तरह की परेशानी न हो।
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आहार में परिवर्तन
सर्जरी के बाद कोशिश करें कि सादा भोजन ही लें। सादे भोजन से मतलब फाइबर (Fiber) युक्त भोजन से है। आप गेंहू के आटे की रोटी, ब्राउन ब्रेड, फल जैसे सेब, पपीता, केला ले सकते हैं। इस दौरान नॉनवेज से दूर रहें। हैवी फूड कब्ज (Constipation) की समस्या बढ़ा सकता है।
धूम्रपान न करें
सर्जरी के बाद धूम्रपान और शराब से इंफेक्शन (Infection) का खतरा बढ़ जाता है। इन्हें न कह दें क्योंकि ये बीमारियों को बढ़ाने का काम कर सकती हैं।
इस दौरान तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा दें। कोशिश करें कि पानी का सेवन ज्यादा करें। ज्याद पानी से स्टूल नरम होगा और एनल फिशर होने की संभावना कम होगी। आप तरल पदार्थों में फलों का जूस (Juice), सब्जियों (Vegetables) का सूप आदि ले सकते हैं। आप डॉक्टर से एक बार जरूर पूछ लें कि आपको किन सब्जियों या फिर फूड से परहेज करना चाहिए। अगर डॉक्टर ने आपको सभी फलों या सब्जियों को खाने की सलाह दी हो तो आप दिन में एक बार फल और सब्जियों का जूस बनाकर जरूर लें।
अगर आपको स्टूल पास करने के दौरान ब्लीडिंग और पेन (Pain) हो रहा है तो डॉक्टर को जरूर बताएं। बिना डॉक्टर की सलाह के घर पर किसी भी तरह का उपाय न अपनाएं। उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या हो रही है तो पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करें।कुछ सावधानियों को ध्यान में रखकर आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। सर्जन की सहायता से आप सही विधि को चुनें।
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