लिवर सिस्ट (Liver Cyst), लिवर में फ्लूड से भरी हुई एक कैविटी होती है। लिवर सिस्ट (Liver Cyst) की समस्या पॉपुलेशन के करीब पांच प्रतिशत लोगों में ही पाई जाती है। जिन लोगों को लिवर सिस्ट की समस्या होती है, उनमें एक या एक से अधिक लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं। अक्सर लोगों को लिवर से संबंधित बीमारियों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है क्योंकि लिवर में समस्या होने पर पेट में दर्द का एहसास होता है, जो कि लोग आम बीमारी समझते हैं। समस्या के बढ़ जाने पर ही बीमारी डायग्नोज हो पाती है। कुछ पेशेंट्स के सिस्ट में ब्लीडिंग भी शुरू हो सकती है, जिसके कारण कंधों का दर्द शुरू हो जाता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको लिवर सिस्ट (Liver Cyst) के लक्षणों, कारण और उपचार से संबंधित अहम जानकारी देंगे। आइये सबसे पहले जानते हैं लिवर सिस्ट के लक्षणों के बारे में।
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लिवर सिस्ट के लक्षण (Liver Cyst Symptoms)
हमें किसी भी बीमारी के बारे में तभी पता चलता है, जब उस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं। अगर किसी बीमारी के लक्षण नहीं पता चलते हैं, तो बीमारी समय पर डायग्नोज नहीं हो पाती है। लिवर सिस्ट के साथ ही यहीं समस्या रहती है। लिवर सिस्ट (Liver Cyst) का आकार अगर छोटा है, तो संभावना कम रहती है कि व्यक्ति को किसी प्रकार के लक्षण दिखाई दें। व्यक्ति को लिवर सिस्ट (Liver Cyst) की समस्या हो जाने के एक से अधिक साल बाद भी इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है। यानी लिवर डिजीज संबंधी बीमारी डायग्नोज नहीं हो पाती है। सिस्ट के बड़ा हो जाने पर एब्डॉमिनल ब्लोटिंग (Abdominal bloating) या फिर पेट के ऊपर दाईं ओर दर्द का एहसास हो सकता है। अगर सिस्ट का साइज बड़ जाता है, तो पेट में उभार जैसा भी दिखाई पड़ सकता है। अगर लिवर सिस्ट (Liver Cyst) में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है, तो दर्द अचानक से बढ़ जाता है। कुछ लोगों में ब्लीडिंग की समस्या अपने आप बंद भी हो जाती है। अगर ब्लीडिंग बंद नहीं होती है, तो व्यक्ति को पेट संबंधी समस्या बढ़ जाती है। यानी लिवर सिस्ट के लक्षण सभी व्यक्तियों को महसूस नहीं होते हैं। अगर आपको लिवर सिस्ट के लक्षणों के बारे में जानकारी चाहिए, तो आप डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।
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लिवर सिस्ट के कारण (Causes of liver cyst)
अगर लिवर सिस्ट (Liver Cyst) के सटीक कारणों की बात की जाए, तो ये स्पष्ट नहीं है। ऐसा माना जाता है कि बाइल डक्ट में मॉलफॉर्मेशन के कारण लिवर सिस्ट की समस्या हो सकती है। बाइल लिवर के माध्यम से तैयार किया जाता है और पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करता है। ये फ्लूड लिवर से गॉलब्लैडर (Gallbladder) की ओर ट्रेवल करता है। ये ट्यूब जैसी दिखने वाली डक्ट के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान में जाता है। लिवर सिस्ट की समस्या कुछ लोगों में जन्म से भी हो सकती है, वहीं कुछ लोगों में अधिक उम्र में ये विकसित हो सकती है। अगर लक्षणों का पता नहीं चलता है, तो ये लंबे समय तक बनी रह सकती है। अगर व्यक्ति इंफेक्टेड फूड खाता है, तो अल्सर का निर्माण हो सकता है। ये लिवर डिजीज फैमिली हिस्ट्री से भी संबंधित हो सकती है, यानी अगर परिवार में किसी सदस्य को ये समस्या है, तो संभावना है कि बच्चों में भी ये बीमारी पाई जाए। आपको इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं।
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ये लिवर डिजीज कैसे की जाती है डायग्नोज?
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि लिवर सिस्ट की समस्या होने पर अधिकतर लोगों में लक्षण नहीं दिखाई पड़ते हैं। ऐसे में बीमारी को डायग्नोज करना मुश्किल हो जाता है। अगर किसी व्यक्ति को एब्डॉमिनल पेन होता है, तो बीमारी को डायग्नोज किया जाता है। लिवर सिस्ट को डायग्नोज करने के लिए डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट के माध्यम से लिवर में आई समस्याओं को जांचते हैं। वहीं डॉक्टर अन्य जानकारी के लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी स्कैन (CT scan) आदि की भी सलाह दे सकते हैं। दोनों ही प्रोसेस में लिवर के अन्दर की समस्याओं के बारे में पता चल जाता है।
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लिवर सिस्ट का कैसे किया जाता है ट्रीटमेंट (Liver Cyst treatment)
लिवर सिस्ट का आकार छोटा या फिर बड़ा, दोनों ही प्रकार का हो सकता है। अगर सिस्ट का आकार छोटा है, तो डॉक्टर ट्रीट करने की जरूरत नहीं समझते हैं। अगर सिस्ट का साइज बढ़ गया है और उससे ब्लीडिंग की भी समस्या हो रही है, तो ऐसे में बीमारी का ट्रीटमेंट करना जरूरी हो जाता है। सिस्ट के अंदर फ्लूड भर जाता है, जिसे निकालना जरूरी हो जाता है।
डॉक्टर सर्जिकल स्तर में सिस्ट से फ्लूड निकाल देते हैं लेकिन इसकी फिर से भर जाने की अधिक संभावना रहती है। ऐसे में डॉक्टर लैप्रोस्कोपी ( laparoscopy) की मदद ले सकते हैं। इस प्रोसेस में डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से दो से तीन चीरे लगाते हैं और सिस्ट को हटा देते हैं। आपको फुल रिकवर होने में करीब दो सप्ताह लग सकते हैं। डॉक्टर सिस्ट में पैरासाइट की जांच भी कर सकते हैं, जिसके लिए ब्लड टेस्ट करवाना जरूरी होता है। अगर व्यक्ति को इंफेक्शन की समस्या है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स की मदद ले सकते हैं। अगर लिवर सिस्ट की समस्या गंभीर हो चुकी है और कोई ऑप्शन नहीं बचा है, तो ऐसे में लिवर ट्रांसप्लांट (Liver transplant) की सलाह भी दी जा सकती है लेकिन इसे अंतिम विकल्प के रूप में अपनाया जाता है।
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अगर आपको कभी भी पेट में दर्द संबंधी समस्या हो, तो आपको डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए। पेट के दर्द को कभी भी हल्के में न लें। लिवर डिजीज होने पर डायग्नोज की हेल्प से ही जानकारी मिल पाती है। अगर आप जांच नहीं कराएंगे, तो बीमारी गंभीर रूप भी ले सकती है। आप चाहे तो इस संबंध में डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको लिवर सिस्ट (Liver Cyst) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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