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Barrett’s Esophagus : बैरेट इसोफैगस क्या है?

Barrett’s Esophagus : बैरेट इसोफैगस क्या है?

परिचय

बैरेट इसोफैगस में, इसोफ़ेगस (जो कि मुंह से पेट की तरफ बनी अन्ननली है) की सामान्य टिशू लाइनिंग, इंटेस्टाइन में मौजूद टिशू लाइनिंग की तरह बदलने लगती है। इस रोग से पीड़ित लोगों को प्रभावित भाग में कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है लेकिन इसकी संभावना बहुत कम रहती है। बैरेट इसोफैगस के कोई खास लक्षण नहीं हैं, लेकिन इस बीमारी से पीड़ित रोगी में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज(GERD) के सामान लक्षण भी दिखाई देते हैं।

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लक्षण

विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग के लक्षणों की जानकारी नहीं है। अधिकतर लोगों में बैरेट इसोफैगस की स्थिति में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। इस रोग में जो लक्षण दिखाई देते हैं वो गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज(GERD) के समान ही होते हैं। यह लक्षण इस प्रकार हैं:

निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, अगर आपको :

  • पांच साल से हार्ट बर्न की समस्या हो
  • छाती में दर्द हो, यह हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है
  • निगलने में समस्या हो
  • खून के समान या कॉफ़ी के रंग की उलटी हो
  • काला या खून के रंग के समान मल त्याग हो

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कारण

  • जब हम कुछ खाते हैं तो खाना गले से हो कर पेट तक पहुंचता है। इस दौरान भोजन इसोफैगस से हो कर गुजरता है। निचले इसोफैगस में मांसपेशी फाइबर का एक गोला पेट की सामग्री को पीछे की ओर बढ़ने से रोकता है। अगर यह मांसपेशियां अच्छे से टाइट न हों तो सख्त पेट का एसिड इसोफैगस में से रिस सकता है। इसे रिफ्लक्स या गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स(GERD) कहा जाता है। यह समय बढ़ने के साथ टिश्यू को होने वाले नुकसान का कारण बन सकता है।
  • बैरेट इसोफैगस की समस्या महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक होती है। जिन लोगों को लंबे समय से गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज(GERD) की समस्या है, उन्हें बैरेट इसोफैगस होने की संभावना अधिक होती है।

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जोखिम

निम्नलिखित स्थितियों में बैरेट इसोफैगस का जोखिम बढ़ जाता है:

  • हार्टबर्न :  अगर आपको पुरानी हार्टबर्न और एसिड रिफ्लक्स की समस्या है, तो यह रोग होने का जोखिम ज्यादा है।
  • उम्र : बैरेट इसोफैगस की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बुजुर्गों में यह होना बहुत ही सामान्य है।
  • पुरुष : पुरुषों में भी यह बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।
  • अधिक वजन : अगर आपका वजन अधिक है तो आपको इस रोग के होने का जोखिम भी अधिक है।
  • धूम्रपान : अगर आप धूम्रपान करते हैं तो इस रोग की संभावना बढ़ जाती है।

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उपचार

बैरेट इसोफैगस के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे इस बीमारी के लक्षण जानेंगे। हालांकि इसके लक्षण अन्य रोगों के समान हो सकते हैं, इसलिए आपको कुछ टेस्ट कराने के लिए कहा जा सकता है।

एंडोस्कोपी 

बैरेट इसोफैगस की बीमारी होने पर आमतौर पर एंडोस्कोपी कराई जाती है। इसके लिए कैमरे के साथ वाली एक ट्यूब गले में डाली जाती है, ताकि बदलते हुए इसोफैगस टिश्यू के बारे में पता चले। सामान्य इसोफैगस में टिश्यू पीले और चमकीले होते हैं। लेकिन बैरेट इसोफैगस की स्थिति में यह टिश्यू लाल और वेलवेटी हो जाते हैं। अगर आपके टिश्यू लाल और वेलवेटी हैं, तो डॉक्टर बायोप्सी से इन टिशूओं को आपके गले से निकाल देंगे। बायोप्सी किये हुए टिश्यू कितने बदले हैं यह जानने के लिए उन्हें पहले जांचा जाता है।

टिश्यू में परिवर्तन की जांच

डॉक्टर इन टिशूओं की जांच करेंगे क्योंकि इसोफैगस में डिसप्लेसिया का निदान करना मुश्किल हो सकता है। आपके टिश्यू को इस तरह से तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है:

  • अगर बैरेट इसोफैगस की समस्या है, लेकिन कोशिकाओं में कोई प्रीकैंसरस परिवर्तन नहीं पाए जाएं, तो कोई डिस्प्लेसिया नहीं होता।
  • अगर आपके सेल्स प्रीकैंसरस परिवर्तन के कुछ लक्षण दिखाएं तो लौ-ग्रेड डिस्प्लेसिया होता है।
  • अगर आपके सेल्स में अधिक परिवर्तन दिखाई दे तो लौ-ग्रेड डिस्प्लेसिया होता है।

बैरेट इसोफैगस की स्क्रीनिंग

जिन लोगों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज(GERD) के लक्षण दिखाई दें और जिन्हे प्रोटोन पंप इन्हीबिटर दवाइयों के सेवन से कोई फर्क न पड़े, उन्हें स्क्रीनिंग की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इन स्थितियों में भी स्क्रीइंग कराई जा सकती है।

  • पचास साल की अधिक उम्र के होना
  • पेट में अधिक वसा होना
  • भविष्य या वर्तमान में धूम्रपानकरना
  • बैरेट इसोफैगस की फैमिली हिस्ट्री होना
  • जबकि महिलाओं को बैरेट इसोफैगस होने की संभावना काफी कम है। लेकिन, अगर किसी महिला को असंतुलित रिफ्लक्स या अन्य कोई गंभीर समस्या हो तो उसकी स्क्रीनिंग भी की जा सकती है।

बैरेट इसोफैगस का उपचार

इस बीमारी का उपचार इसोफैगस में पेट की कोशिकाओं के विकास की दर और रोगी के स्वास्थ्य  पर निर्भर करता है।

डिस्प्लेसिया न होना 

अगर आपकी बायोप्सी यह दर्शाती है कि अपने शरीर में कोई डिस्प्लेसिया नहीं है तो आपको एक साल तक लगातार एंडोस्कोपी करानी चाहिए और उसके बाद हर तीन साल के बाद एंडोस्कोपी कराएं।

  • GERD  का उपचार : इस स्थिति में दवाइयां और जीवनशैली में परिवर्तन इसके लक्षणों में राहत दे सकते हैं।

लौ ग्रेड डिस्प्लेसिया 

अगर आपको बायोप्सी लौ ग्रेड डिस्प्लेसिया दिखाती है तो डॉक्टर आपको हर 6 महीने बाद एंडोस्कोपी के लिए कह सकते हैं। लेकिन इसोफैगस कैंसर का जोखिम होने पर आपको उपचार की सलाह तभी दी जा सकती है जब निदान पूरा हो जाए। इसका उपचार इस प्रकार है:

  • इंडोस्कोपिक रिसेक्शन : इसमें जिन कोशिकाओं को नुकसान हुआ है, उन्हें एंडोस्कोपी की सहायता से निकाल दिया जाता है।
  • रेडियोफ्रीक्वेंसी अबलेशन : इसमें असमान्य इसोफैगस टिश्यू को निकालने के लिए हीट का प्रयोग किया जाता है।

हाई ग्रेड डिस्प्लेसिया 

हाई ग्रेड डिस्प्लेसिया की स्थिति में इन उपचारों का सहारा लिया जाता है: 

  • क्रायोथेरेपीक्रायोथेरेपी में इसोफैगस में असामान्य कोशिकाओं पर एक ठंडा तरल या गैस लगाने के लिए एंडोस्कोप का उपयोग किया जाता है। कोशिकाओं को गर्म करने की अनुमति दी जाती है और फिर फिर से उन्हें जमा दिया जाता है। 
  • फोटोडायनामिक थेरेपी :  फोटोडायनामिक थेरेपी में असामान्य कोशिकाओं को लाइट के प्रति संवेदनशील बना कर नष्ट कर दिया जाता है। 
  • सर्जरी : सर्जरी द्वारा इसोफैगस का ख़राब हिस्सा निकाल दिया जाता है और बचे हुए हिस्से को पेट के साथ जोड़ दिया जाता है।

उपचार के बाद भी बैरेट इसोफैगस की समस्या फिर से हो सकती है। इसके लिए आपको समय-समय पर अपने डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए। अगर आप असामान्य इसोफैगस टिश्यू को निकालने के लिए सर्जरी के अलावा कोई अन्य उपचार चाहते हैं तो डॉक्टर आपको दवाइयां दे सकते हैं। जिससे आपके शरीर में एसिड कम होगा और इसोफैगस को ठीक होने में मदद मिलेगी।

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घरेलू उपाय

कुछ घरेलू उपाय और लाइफस्टाइल में परिवर्तन कर के आप बैरेट इसोफैगस से राहत पा सकते हैं, यह उपाय इस प्रकार हैं :

  • अपने खानपान का ध्यान रखें। बसा युक्त आहार, चॉकलेट, कैफीन, मसालेदार चीज़ें, पुदीना आदि शरीर में एसिड की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही शराब पीने और धूम्रपान से भी बचें।

    अपने वजन को संतुलित बनाये रखें। अगर आपका वजन सामान्य से अधिक है तो उसे कम करें। अधिक वजन होने से भी रिफ्लक्स का जोखिम बढ़ जाता है।

  • ध्यान रखें सोते हुए आपकी सिर वाली तरह ऊंची होनी चाहिए। ऐसा करने से एसिड, इसोफैगस से हो कर पेट तक नहीं पहुंचता। अपने सिर वाली तरह को ऊंचा करने के लिए आप बेड के नीचे कोई लकड़ी का ब्लॉक रख सकते हैं।
  • खाना खाने के बाद तीन घंटे तक लेटने से बचें।
  • डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें। अपनी सभी दवाइयों को बहुत सारे पानी के लें।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/barretts-esophagus/symptoms-causes/syc-20352841 20 march 2020

https://www.asge.org/home/for-patients/patient-information/understanding-barrett-39-s-esophagus 20 march 2020

https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/barretts-esophagus 20 march 2020

https://www.healthline.com/health/barretts-esophagus 20 march 2020

https://medlineplus.gov/ency/article/001143.htm 20 march 2020

https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/14432-barretts-esophagus 20 march 2020

Current Version

11/05/2021

Anu sharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Toshini Rathod


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Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/05/2021

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