परिचय
क्या-करें और क्या न करें, जिससे आपको हर्निया ना हो
हमारे शरीर के अंदर कुछ खोखले और रिक्त स्थान मौजूद होते हैं, जिन्हें बॉडी कैविटी कहते हैं। ये कैवेटी चमड़ी की झिल्ली और कुछ मांसपेशियों से ढकी होती हैं। जब ये झिल्लयां कभी-कभी फट जाती हैं या मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं, तो किसी अंग का कुछ भाग बाहर निकलकर उस जगह पर पहुंच जाता है, जहां उसे नहीं होना चाहिए। यही विकृति हर्निया है। अगर हर्निया दबाव या किसी झटके के साथ उभरता दिखा तो ये सामान्य (Reducible) हर्निया कहा जाता है, जिसे घटाया जा सकता है और ये खतरनाक नहीं होता। लेकिन अगर अंग या टिशू का वो हिस्सा जो किसी कैवेटी में बढ़ गया है और वापस नहीं आ सकता तो इसे खतरनाक माना जाता है। इसे Incarcerated hernia कहते हैं, जो एक गंभीर समस्या है। सबसे ज्यादा खतरनाक हर्निया को स्ट्रैंगुलेटेड (strangulated) हर्निया कहते हैं, जिसमें टिशू में खून का प्रवाह रूक जाता है। हर्निया कई प्रकार के होते हैं जिसमें से ज्यादातर को कुछ में हर्निया से बचाव के घरेलू उपाय आजमाकर हर्निया से बचाव किया जा सकता है।
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इंग्वाइनल हर्निया (Inguinal hernia)
वेक्षण हर्निया अर्थात इंग्वाइनल हर्निया पेट के निचले हिस्से में होता है। इस हर्निया में नसें और आंतों का कुछ हिस्सा जांघ की पिछली नली से नाभि के नीचे खिसक जाता है। महिलाओं के मुकाबले ये पुरुषों में सबसे ज्यादा होता है। पुरुषों में नसों का हिस्सा अंडकोष (testicles) में खिसक जाता है। ऐसा होने पर अंडकोष का आकार बढ़ जाता है। अंडकोष में सूजन हो जाने के कारण हाइड्रोसिल और हर्निया में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। हर्निया का यह प्रकार पुरुषों में पाया जाता है और ये घातक रूप भी ले सकता है। हर्निया के लगभग 70 प्रतिशत रोगियों को ये हर्निया ही होता है जिसमें भयानक दर्द होता है।
नोट- यह जानकारी किसी भी स्वास्थ्य परामर्श का विकल्प नहीं हैं। हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कितनी तरह का होता है हर्निया?
हर्निया शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होता लेकिन कुछ हर्निया कॉमन होते हैं:
जन्मजात हर्निया यानी जन्म से होने वाला हर्निया। यह ज्यादातर मामलों में लड़कों में होता है। इसमें टेस्टिकल अंदर से बाहर निकलता है जिससे रास्ता बंद नहीं होता है। जिन बच्चों में यह होता है तो कोशिश की जाती है कि उनके चलना शुरू करने से पहले सर्जरी कर दी जाए। क्योंकि उनके चलने पर समस्या बढ़ सकती है। कई मामलों में यह कैविटी अपने आप से भर जाती है। इसमें ऑपरेशन कराने की जरूरत नहीं होती है।
एक हर्निया बाद में होता है। यह हर्निया उम्र बढ़ने, ऑपरेशन या कई दूसरे कारणों से होता है। इस हर्निया के ज्यादातर मामलों में सर्जरी कराना जरूरी ही होता है।
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शरीर के किस-किस हिस्से में हर्निया होता है?
वैसे तो हर्निया शरूर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन कुछ हिस्सों में यह बेहद कॉमन होता है:
इन्गुइनल हर्निया (Inguinal hernia): यह सबसे सामान्य प्रकार का हर्निया है जो पेट के नीचे की तरफ होता है। यह महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा होता है। यह पुरुषों को ग्रोइन (पेट और जांघ के बीच का हिस्सा) में पाया जाता है।
अम्बलाइकल हर्निया : (Umbilical hernia): यह पेट का हर्निया होता है, जिसमें मरीज की आंत का कोई हिस्सा अपने झिल्ली से बाहर निकल आता है। यह भी काफी कॉमन है, खासकर यह छह महीने से कम के बच्चों में पाया जाता है। यह पेट की मांसपेशियों के मजबूत होने पर खुद ठीक हो जाता है। यदि बच्चा एक साल का हो जाता है और यह ठीक नहीं होता तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की जाती है।
एपिगेस्ट्रिक हर्निया (Epigastric hernia): यह हर्निया नाभि और रिब्स के सेंटर में होता है। यह बच्चों और वयस्कों दोनों में कॉमन है।
फीमोरल हर्निया (Femoral hernia): यह जांघ में होता है और महिलाओं में ज्यादा होता है। ज्यादातर फीमोरल हर्निया में किसी तरह के कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं। हालांकि, कभी-कभी यह गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। इसके अलावा भी स्पोर्ट्स (sports), इनसीसनल (Incisional), लंबर (Lumbar), पैरस्थोमल (Parastomal), पैरास्थमल (Parastomal) और हिएटल (Hiatal) हर्निया आदि होते हैं।
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टिप्स
हर्निया एक ऐसी शारीरिक समस्या है, जिस पर सही समय पर अगर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा इसके लिए ऑपरेशन की एकमात्र जरिया बचता है। ऐसे में इन टिप्स की मदद से हर्निया से बचाव किया जा सकता है-
हर्निया से बचाव के घरेलू उपाय: कब्ज से बचें
सबसे पहला उपाय तो यह है कि आप अपना पेट साफ रखें और कब्ज से बचें। कब्ज से पेट पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे मांसपेशियां कमजोर पड़ती हैं और इंग्वाइनल हर्निया होने की संभावना ज्यादा रहती है। इसके अलावा ऐसे कार्यों को ज्यादा करने से बचें, जिनसे पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता हो। हर्निया से बचाव के लिए अपने वजन को संतुलित रखने का प्रयास करें।
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हर्निया से बचाव के घरेलू उपाय: धूम्रपान/मांसाहर से बचें
किसी भी प्रकार की धूम्रपान की आदत को तुरंतअलविदा कह दें। सिगरेट, तंबाकू से खांसी बढ़ती है। ज्यादा खांसने से निचले मांसपेशियों पर झटका पड़ता है। वहीं ज्यादा मांसाहार पेट पर दबाव बनाने के साथ कब्जियत बढ़ाता है।
हर्निया से बचाव के घरेलू उपाय: खानपान में बरतें ये सावधानी
अत्यधिक खाने से बचें और चाय, कॉफी एवं कैफीन युक्त अन्य पदार्थों का सेवन करने से बचें। और पानी पीते समय एक बार में बहुत अधिक पानी न पिएं, बल्कि घूंट-घूंट में पान पिएं। इससे भी पेट पर कम दबाव पड़ेगा।
हर्निया से बचाव के घरेलू उपाय: खूब पानी पिएं पर समय का ध्यान रखें
पानी खूब पिएं पर खाना खाने के लगभग 1 घंटे बाद ही पानी पिएं। एक गिलास पानी में सेब का सिरका मिलाएं और इसे धीरे-धीरे घूंट-घूंट कर पिएं।
हर्निया से बचाव के घरेलू उपाय: एक्सरसाइज करें
अपने वजन को कम करने का प्रयास करें। व्यायाम करें और पैदल चलना जारी रखें, इससे लाभ होगा।
निष्कर्ष
हर्निया के कुछ मामले जन्मजात होते हैं पर कुछ मामले जैसे इंग्वाइनल हर्निया हमारे असंतुलित खानपान, मोटापे और अगल आदतों की वजह से होते हैं। ऐसे में उपरोक्त टिप्स को अपनाकर आप हर्निया से बचाव कर सकते हैं।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।
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हैलो हेल्थ ग्रुप Hello Health Group किसी भी तरह के चिकित्सा परामर्श और इलाज नहीं देता है। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में हर्निया से बचाव से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आप हर्निया से बचाव के बारे में अन्य कुछ जानना चाहते हैं तो आप अपना सवाल हमसें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।
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