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Parasitic Worms: पैरासाइटिक वर्म के लक्षण, कारण और इलाज क्या हैं?

Parasitic Worms: पैरासाइटिक वर्म के लक्षण, कारण और इलाज क्या हैं?

पेट के कीड़े के बारे में हमसभी चर्चा करते हैं और इससे जुड़ी कई तरह की बातों को एकदूसरे के साथ शेयर करते हैं। पेट में कीड़े की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना सकती है, लेकिन इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल में पैरासाइटिक वर्म (Parasitic Worms) से जुड़ी कई मत्वपूर्ण जानकारियों को शेयर करेंगे। 

  • पैरासाइटिक वर्म क्या है?
  • पैरासाइटिक वर्म के कारण क्या हैं?
  • पैरासाइटिक वर्म कितने तरह के होते हैं?
  • पैरासाइटिक वर्म के लक्षण क्या हैं?
  • पैरासाइटिक वर्म का इलाज कैसे किया जाता है?
  • पैरासाइटिक वर्म से बचाव कैसे संभव है?     

चलिए अब पैरासाइटिक वर्म से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं। 

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पैरासाइटिक वर्म (Parasitic Worms) क्या है?

पैरासाइटिक वर्म (Parasitic Worms)

पैरासाइटिक वर्म जिसे सामान्य भाषा में पेट का कीड़ा या कृमिरोग (Parasitic Worms) भी कहा जाता है। ऐसा विशेष रूप से अनहेल्दी खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारी है। पैरासाइटिक वर्म की समस्या सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा देखी जाती है। पेट के कीड़े के कारण कई और हो सकते हैं चलिए उन कारणों के बारे में जान लेते हैं, जिससे पेट के कीड़े की समस्या से बचने में मदद मिल सके।   

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पैरासाइटिक वर्म के कारण क्या हैं? (Cause of Parasitic Worms)

पैरासाइटिक वर्म के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

  • दूषित पानी का सेवन (Consumption of contaminated water) करना। 
  • दूषित मल के संपर्क में (Contact with contaminated feces) आना। 
  • साफ-सफाई का ध्यान (Poor sanitation) नहीं रखना। 
  • गन्दे हाथों (Dirty hand) से खाना खाना।  
  • खुले में रखे हुए खाने-पीने की चीजों का सेवन करना।  
  • अधिक मीठा (Sweets) खाना। 

पेट में कीड़े के कारण यहां बताये कारणों की वजह से हो सकती है। पैरासाइटिक वर्म भी अलग-अलग तरह के होते हैं। अगर आप इन कारणों को इग्नोर करेंगे, तो इससे सिर्फ पैरासाइटिक इंफेक्शन ही नहीं, बल्कि कई अन्य इंफेक्शन और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपनी डायट और हेल्दी लाइफ स्टाइल को फॉलो करना अत्यधिक जरूरी है।

पैरासाइटिक वर्म कितने तरह के होते हैं? (Types of Parasitic Worms)

पैरासाइटिक वर्म (Parasitic Worms)

पेट में कीड़े निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं। जैसे: 

  • टेपवर्म (Tapeworms)
  • फ्लुक्स (Flukes)
  • हुकवर्म (Hookworms)
  • पिनवर्म (Pinworms) 
  • त्रिकीनेला (Trichinella)

पेट में कीड़े के ये अलग-अलग प्रकार हैं। पेट के कीड़े के लक्षण को समझकर इस तकलीफ से बचने में मदद मिल सकती है।  

पैरासाइटिक वर्म के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Parasitic Worms)

पेट में कीड़े के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

पेट में कीड़े के लक्षण ऊपर बताये लक्षणों से मिलते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। 

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पैरासाइटिक वर्म का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Parasitic Worms)

पेट में कीड़े की समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें, डॉक्टर सबसे पहले लक्षणों के बारे में पूछते हैं और हेल्थ कंडिशन की जानकारी लेते हैं और पैरासाइटिक वर्म की जानकारी और गंभीरता की जानकारी के लिए निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। जैसे:

  • मल की जांच (Fecal test)- स्टूल सैंपल में पैरासाइट, लार्वा या एग्स की जानकारी मिलती है। 
  • ब्लड टेस्ट (Blood test)- ब्लड टेस्ट की सहयता से मरीज किस तरह के पैरासाइट का शिकार है इसकी जानकारी मिलती है। 
  • इमेजिंग टेस्ट (Imaging tests)- सीटी स्कैन (CT scans), एमआरआई (MRIs) या एक्स-रे (X-rays) से पैरासाइट के कारण बॉडी के दूसरे ऑर्गन में होने वाली समस्या की जानकारी मिलती है। 
  • कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy)- कोलोनोस्कोपी की जरूरत तब पड़ सकती है जब पैरासाइटिक वर्म के लिए मेडिकेशन लेने के बाद भी तकलीफ कम ना हो। 

इन टेस्ट रिपोर्ट को ध्यान में रखकर और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पैरासाइटिक वर्म का इलाज शुरू किया जाता है। अगर मरीज किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में उस बीमारी को भी ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है। 

पैरासाइटिक वर्म का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Parasitic Worms)

पेट में कीड़े का इलाज निम्नलिखित दवाओं से किया जा सकता है। जैसे: 

  1. एल्बेंडाजोल (Albendazole) 
  2. आइवरमेक्टिन (Ivermectin)
  3. मेबेन्डाजोल (Mebendazole) 
  4. ट्राइक्लेबेंडाजोल (Triclabendazole)

इन ऊपर बताये दवाओं के डोज की सलाह पैरासाइटिक इंफेक्शन के प्रकार को ध्यान में रखकर डॉक्टर प्रिस्क्राइब करते हैं। इसलिए इन दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से ना करें और डोज भी अधूरा ना छोड़ें। वहीं पैरासाइटिक इंफेक्शन अगर जरूरत से ज्यादा फैल जाए, तो ऐसी स्थिति में दवाओं के साथ-साथ सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है।

इन अलग-अलग दवाओं से पेट में कीड़े का इलाज किया जाता है। वैसे पेट में कीड़े की समस्या से निजात पाने के लिए या इस परेशानी से बचने के लिए अन्य उपाय भी किये जा सकते हैं। 

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पैरासाइटिक वर्म से बचाव कैसे संभव है? (Tips to prevent Parasitic Worms)    

पैरासाइटिक वर्म से बचाव के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करने से लाभ मिल सकता है। जैसे: 

  1. खाना खाने के पहले हाथ को अच्छी तरह से धोने के आदत डालें। 
  2. खाना बनाने से पहले साबुन की मदद से हाथ धोएं।
  3. खुले में रखे हुए खाद्य पदार्थ पदार्थ या पेय पदार्थों का सेवन ना करें। 
  4. ताजा खाना खाने की आदत डालें। 
  5. हमेशा साफ पानी पीने की आदत डालें। आप चाहें तो पानी को उबालकर ठंडा करें और फिर सेवन करें। 
  6. खाने को अच्छे तरह से पहले पकाएं और फिर खाएं। ध्यान रखें सब्जियां और ठीक तरह से ना पके हुए मांस का सेवन ना करें। 
  7. जरूरत से ज्यादा मीठे का सेवन ना करें। 
  8. टॉयलेट से आने के बाद हाथों को अच्छी तरह से वॉश करें।
  9. बच्चों के मल को भी क्लीन करने के बाद हाथ अच्छी तरह से धोएं।
  10. अगर आप जानवर पालते हैं, तो उनके मल को भी क्लीन करने के बाद अपने हाथों को साफ करना ना भूलें।
  11. ट्रेवलिंग के दौरान भी हाइजीन का ध्यान रखना ना भूलें।

इन ग्यारह टिप्स को फॉलो कर पैरासाइटिक वर्म से बचाव में मदद मिल सकती है। 

पैरासाइटिक वर्म (Parasitic Worms) की समस्या से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं या अगर आप या आपके कोई भी करीबी पैरासाइटिक वर्म (Parasitic Worms) की समस्या से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) एवं बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज करते हैं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Parasitic Diseases/https://medlineplus.gov/parasiticdiseases.html/Accessed on 31/03/2022

History of Human Parasitology/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC126866/Accessed on 31/03/2022

Current Version

31/03/2022

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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डॉ. प्रणाली पाटील

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Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/03/2022

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