सेंसेटिव … यह एक ऐसा टर्म है, जिसे प्रायः हमसभी स्किन से जोड़ देते हैं। जैसे स्किन बहुत सेंसेटिव है, लेकिन क्या आपने कभी सेंसेटिव स्टमक (Sensitive Stomach) की बात की है? वैसे अगर आपके मन में कई अलग-अलग तरह के विचार उठ रहें हैं, तो सेंसेटिव स्टमक यानी सेंसेटिव गट (Sensitive Gut) से जुड़े सवालों का जवाब जानेंगे। जर्नल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (Journal Gastroenterology) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में हर 10 युवाओं में से 4 युवा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (Gastrointestinal disorders) की समस्या के शिकार हैं। इसलिए पेट से जुड़ी कम हो या ज्यादा इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। तो चलिए आज सेंसेटिव स्टमक (Sensitive Stomach) के बारे में समझेंगे।
- सेंसेटिव स्टमक क्या है?
- सेंसेटिव स्टमक के कारण क्या हो सकते हैं?
- सेंसेटिव स्टमक के लक्षण क्या हो सकते हैं?
- सेंसेटिव स्टमक का इलाज कैसे किया जाता है?
- डॉक्टर से कब करें कंसल्टेशन?
सेंसेटिव गट यानी सेंसेटिव स्टमक (Sensitive Stomach) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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सेंसेटिव स्टमक (Sensitive Stomach) क्या है?
पेट से जुड़ी परेशानियों को नॉन मेडिकल टर्म में सेंसेटिव स्टमक कहा जाता है। सेंसेटिव स्टमक को अगर आसान शब्दों में समझें, तो डायरिया (Diarrhea), कॉन्स्टिपेशन (Constipation), उल्टी (Vomiting), गैस (Gas) जैसी अन्य स्थितियों को सेंसेटिव स्टमक (Sensitive Stomach) कहते हैं। सेंसेटिव स्टमक को सेंसेटिव गट (Sensitive Gut), स्टमक अपसेट (Stomach upset) एवं टमी ट्रबल (Tummy Troubles) भी कहा जाता है। पेट से जुड़ी ये परेशानी अगर कभी-कभी हो तो घबराना नहीं चाहिए, लेकिन स्टमक अपसेट (Stomach upset) की समस्या ज्यादा होने लगे तो ध्यान देना अत्यधिक जरूरी होता है और ऐसी स्थिति में सेंसेटिव स्टमक के कारण और इलाज को समझना जरूरी होता है।
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सेंसेटिव स्टमक के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Sensitive Stomach)
पेट से जुड़ी परेशानी अगर पुरानी हो, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोगों में डेयरी प्रॉडक्ट्स के सेवन, तला-भुना, स्पाइसी फूड एवं एल्कोहॉल (Alcohol) के सेवन से सेंसेटिव स्टमक की समस्या शुरू हो सकती है। इन कारणों के अलावा सेंसेटिव स्टमक के कारण निम्नलिखित डायजेस्टिव प्रॉब्लेम की वजह से हो सकती है। जैसे-
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome)
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) आंतों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें पेट में दर्द, ऐंठन, सूजन, डायरिया (Diarrhea) और कब्ज की शिकायत होती है। इसे स्पैस्टिक कोलन (Spastic Colon), इरिटेबल कोलन (Irritable Colon), म्यूकस कोलाइटिस (Mucus colitis) जैसे अलग-अलग मेडिकल टर्म से जाना जाता है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या होने पर बाउल हेबिट्स में बदलाव (Changes in bowel habits), गैस (Gas) की समस्या एवं एब्डॉमिनल पेन (Abdominal pain) जैसी तकलीफ धीर-धीरे सेंसेटिव स्टमक का कारण बन सकते हैं।
इंफ्लमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease)
पेट में जलन की समस्या कभी-कभी होना सामान्य है, लेकिन ऐसी समस्या अगर ज्यादा होने लगे तो इंफ्लमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease) की समस्या दस्तक दे सकती है। इंफ्लमेटरी बाउल डिजीज की समस्या होने पर डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive Health) से जुड़ी समस्या लगातार होने लगती है और धीरे-धीरे यही समस्या सेंसेटिव स्टमक (Sensitive Stomach) का कारण बनने लगती है।
सेंसेटिव गट के कारणों को समझने के साथ-साथ इसके लक्षणों को समझना जरूरी है। क्योंकि लक्षणों को समझकर जल्द से जल्द इलाज करवाया जा सकता है।
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सेंसेटिव स्टमक के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Symptoms of Sensitive Stomach)
सेंसेटिव स्टमक के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- आंतों की गैस (Intestinal gas) की समस्या होना।
- पेट में सूजन (Bloating) की समस्या होना।
- अपच (Indigestion) की समस्या होना।
- सीने में जलन (Heartburn) की समस्या होना।
- एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) की समस्या होना।
- बार-बार जी मिचलाना (Nausea) महसूस होना।
- उल्टी (Vomiting) होना।
- पेट दर्द (Abdominal pain) महसूस होना।
- कॉन्स्टिपेशन (Constipation) की समस्या रहना।
- डायरिया (Diarrhea) की समस्या होना।
यहां ऊपर बताये गए लक्षण सेंसेटिव स्टमक के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए ऐसे लक्षणों को इग्नोर ना करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
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सेंसेटिव स्टमक का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Sensitive Stomach)
पेट से जुड़ी समस्या कई कारणों से हो सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर पेशेंट्स उन सभी लक्षणों के बारे में समझने की कोशिश करते हैं। अगर इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome) या इंफ्लमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease) की समस्या नजर आने आने पर इन बीमारियों का इलाज किया जाता है। वहीं अगर ऐसी कोई स्थिति समझ नहीं आने पर निम्नलिखित उपायों से सेंसेटिव स्टमक की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। जैसे:
- एक बार में ज्यादा खाने से अपच (Indigestion) की समस्या हो सकती है। इसलिए एक बार में ज्यादा खाना खाने की आदत को टालें। थोड़ा-थोड़ा खाएं (Eat smaller portions) और खाने को एक बार की बजाये 4 से 5 बार में खाएं। ऐसा करने से अपच की समस्या से बचने में मदद मिल सकती है।
- तेजी से खाने की वजह से गैस (Gas) एवं इंडायजेशन (Indigestion) की समस्या शुरू हो सकती है। इसलिए धीरे-धीरे खाएं (Eat more slowly) एवं खाने को पहले अच्छी तरह से चबाएं और धीरे-धीरे खाएं।
- सेंसेटिव स्टमक की समस्या महसूस होने पर डेयरी (Dairy), स्पाइसी फूड (Spicy foods), प्रोसेस्ड फूड (Processed foods), ऑयली या फ्राइड फूड (Oily or fried foods), एल्कोहॉल (Alcohol) एवं ग्लूटेन (Gluten) का सेवन ना करें। कुछ लोगों में इन खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों के सेवन से सेंसेटिव गट की समस्या शुरू हो सकती है।
- कैफीन (Caffeine) के सेवन से पेट से जुड़ी परेशानियों की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए कम से कम कैफीन का सेवन करें और पेट से जुड़ी परेशानियों से दूर रहें।
- लंबे वक्त से तनाव (Chronic stress) में रहना पेट से जुड़ी परेशानियों को दावत दे सकता है। इसलिए कोशिश करें कि अपने आपको तनाव से दूर रखें।
- पूरे एवं नैचुरल तरीके से पके हुए फलों (Ripen fruits) का सेवन करें।
- अच्छी तरह से पकी हुई सब्जियों (Cooked vegetables) का सेवन करें।
- लीन प्रोटीन (Lean protein) का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
- जो अनाज (Grains) अच्छे से पच सके उनका सेवन करें।
- फैट फ्री (Fat-free) या लो-फैट डेयरी (Low-fat dairy) का सेवन करें।
इन बातों को ध्यान में रखकर सेंसेटिव स्टमक (Sensitive Stomach) या टमी ट्रबल (Tummy Troubles) जैसी स्थिति से बचने में मदद मिल सकती है। हालांकि ज्यादा परेशानी महसूस होने पर सिर्फ इन उपायों तक सिमित नहीं रहना चाहिए।
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डॉक्टर से कब करें कंसल्टेशन? (Consult Health Expert if-)
निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। जैसे:
- पेट दर्द की समस्या काफी दिनों से हो रही हो या बहुत तेज पेट दर्द (Abdominal pain) महसूस करते हों।
- स्टूल में ब्लड (Blood) या पस (Pus) नजर आना।
- डायरिया (Diarrhea) की समस्या लगातार रहना।
- बिना कारण बुखार (Unexplained fever) होना।
- हाइव्स (Hives), सूजन (Swelling) या खुजली (Itching) जैसे एलर्जिक रिएक्शन (Allergic reaction) होना।
इन स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लेना अत्यधिक जरूरी है।
सेंसेटिव स्टमक यानी सेंसेटिव गट (Sensitive Gut) की समस्या है, तो ऐसी स्थिति में इसे इग्नोर ना करें। डॉक्टर पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री (Medical History) और बीमारी की गंभीरता को समझन कर इलाज करते हैं।
अगर आपको कोई भी शारीरिक या मानसिक परेशानी हो, तो उसे नजरअंदाज ना करें। छोटी से छोटी बीमारी को नजरअंदाज करने का मतलब है आप अनजाने में किसी गंभीर बीमारी को इन्वाइट कर रहें हैं। इसलिए ऐसा ना करें और डॉक्टर से सलाह लें।
कॉन्स्टिपेशन (Constipation) की समस्या को योग से भी दूर किया जा सकता है। कब्ज की समस्या कई गंभीर बीमारियों को दावत दे सकती है। इसलिए इससे बचना जरूरी है। तो कॉन्स्टिपेशन की समस्या से बचने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।
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