दिनभर की थकान और तनाव दूर करने का एक बेहतरीन जरिया है हॉट वॉटर बाथ यानी गर्म पानी से भरे टब में कुछ देर के लिए सुकून से स्नान करना। यह एंटीडोट का काम करता है जिससे थकान दूर होने के साथ ही दिमाग भी रिलैक्स होता है। गर्भावस्था में तो यह और भी आरामदायक महसूस कराता है, लेकिन क्या प्रेग्नेंसी के दौरान हॉट वॉटर बाथ लेना सुरक्षित है? कुछ लोगों का मानना है कि यह सही नहीं है। मेडिकली जानते हैं कि ये कितना सुरक्षित है और इसे कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है।
पानी बहुत गर्म नहीं होना चाहिए
प्रेग्नेंसी के दौरान भी हॉट वॉटर बाथ लिया जा सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पानी बहुत गर्म न हो और आप गर्म पानी में बहुत देर तक न नहाएं। पानी इतना ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए कि आपके शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाए। गर्म पानी में बहुत देर तक स्नान करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसेः
- ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, जिससे बच्चे तक ऑक्सिजन और पोषक तत्व पहुंचने में मुश्किल आएगी। इससे मिसकैरेज का खतरा बढ़ सकता है।
- अध्ययन के मुताबिक, गर्भावस्था के पहले चरण में ज्यादा हॉट वॉटर बाथ से स्पाइना बिफिडा जैसे बर्थ डिफेक्ट की संभावना बढ़ जाती है।
- आपको चक्कर आ सकता है या कमजोरी महसूस हो सकती है। इसके अलावा आप हाइपरथर्मिया (ऐसी अवस्था जिसमें शरीर अपनी क्षमता से अधिक गर्मी अवशोषित कर लेता है) की भी शिकार हो सकती हैं।
और पढ़ेंः मिसकैरिज : ये 4 लक्षण हो सकते हैं खतरे की घंटी, गर्भपात के बाद खुद को कैसे संभालें?
हॉट वॉटर बाथ से ज्यादा सेफ है हॉट शॉवर
प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह की समस्या से बचने के लिए बेहतर है कि आप बहुत ज्यादा गर्म पानी से ज्यादा देर तक न नहाएं। गर्भवती महिला के लिए सौना, हॉट टब या स्टीम बाथ को सुरक्षित नहीं माना जाता है। हां, थोड़े से गर्म पानी से स्नान कर सकती हैं या हॉट शॉवर ले सकती हैं। पानी उतना ही गर्म इस्तेमाल करें जिसमें आप सहज महसूस कर सकें। यदि पानी में जाते ही आपको पसीना आने लगता है या त्वचा लाल होने लगती है, तो तुरंत बाथटब से बाहर आ जाएं और पानी ठंडा होने पर ही स्नान करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्म पानी से स्नान करते समय बबल्स, खुशबूदार तेल और नमक से परहेज़ करें। क्योंकि यह वजायना के ऐसिडिक बैलेंस को बदल सकते हैं और इससे यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है।
[mc4wp_form id=’183492″]
गर्भावस्था और हॉट वॉटर बाथ कब बन सकता है जोखिम भरा?
हॉट वॉटर बाथ बहुत ही कम समय के लिए सुरक्षित माना जा ता है। एक गर्म टब में 10 मिनट से अधिक समय बिताने से शरीर का तापमान 101 F (38.3 C) से अधिक हो सकता है। शोधों के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक समय तक हॉट वॉटर बाथ टब में लेटने से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural tube defect) का खतरा बढ़ सकता है। जो गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए जानलेवा भी हो सकता है।
क्या है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट?
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी की गंभीर असामान्यताओं की स्थिति को कहा जाता है। गर्भावस्था के शुरूआती चरण में जब भ्रूण का विकास होने लगता है, तब न्यूरल ट्यूब विकसित होता है। यह आमतौर पर गर्भधारण के दो हफ्तों के भीतर विकसित होने लगता है। यह ट्यूब एक छोटे से रिबन की तरह होता है जो बाद में ब्रेन स्पाइनल कॉर्ड और नसों में विकसित होता है। लेकिन कुछ वजहों से यह न्यूरल ट्यूब असामान्यताएं विकसित करने लगता है जिसके कारण ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और नसों के विकास में बाधाएं आने लगती है। आमतौर पर यह समस्या शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है।
और पढ़ें: ओवर वेट गर्भवती महिला की कैसी हो डायट? इस लेख में मिलेगा इस सवाल का जवाब
कब बढ़ सकता है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का खतरा?
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का खतरा प्रेग्नेंसी के शुरूआती चरण यानी पहले महीने में ज्यादा बढ़ सकता है। आमतौर पर न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट दो प्रकार के हो सकते हैं। पहला स्पाइना बिफिडा और दूसरा अनेंसेफाली।
स्पाइना बिफिडाः स्पाइना बिफिडा में स्पाइनल कॉलम पूरी तरह बंद नहीं होता, इसमें थोड़ी-थोड़ी दूरी पर गैप रह जाता है। जिसे साधारण शब्दों में रीढ़ की हड्डी में दरार कहा जा सकता है। इसके कारण नसें क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और यह पैरों में लकवा का कारण भी बन सकता है। साथ ही स्टूल और ब्लैडर पर भी इसका खराब प्रभाव देखा जा सकात है। यह न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का सबसे आम रूप होता है।
और पढ़ें: गर्भवती होने के लिए फर्टिलिटी ड्रग के फायदे और नुकसान
अनेंसेफालीः स्पाइना बिफिडा के मुकाबले, अनेंसेफाली की समस्या अधिक गंभीर स्थिति होती है। इसके कारण बच्चे में सिर्फ आधे ब्रेन का ही विकास हो पाता है। इससे प्रभावित बच्चे जन्म के कुछ समय बाद या गर्भ में ही दम तोड़ सकते हैं।
इसके अलावा बुखार होने के कारण भी महिलाओं का गर्भपात हो सकता है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान बुखार होने पर गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है, हालांकि, इस दिशा में अभी भी उचित शोध की आवश्यकता है। देखा जाए तो इसका सबसे सामान्य कारण असामान्य रूप से शरीर का तापमान गर्म होना हो सकता है। क्योंकि हॉट वॉटर बाथ शरीर के तापमान को बहुत तेजी से बढ़ा सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान हॉट वॉटर बाथ के दौरान उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
अगर आपने गर्भावस्था के समय की लंबी अवधि के लिए एक गर्म टब का उपयोग किया है, तो गर्भावस्था के दौरान न्यूरल ट्यूब दोष का पता लगाने के तरीकों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
और पढ़ें: क्या कम उम्र में गर्भवती होना सही है?
अगर आप गर्भवती हैं और हॉट वॉटर बाथ टब का उपयोग करने की योजना बना रही हैं या आप गर्भावस्था के दौरान हॉट वॉटर बाथ टब का उपयोग करती हैं, तो इससे जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखेंः
- हॉट वॉटर बाथ टब में 10 मिनट से कम का समय बिताएं।
- अपने सिर, हाथ, कंधे और ब्रेस्ट के ऊपरी हिस्सों तक पानी न भरें।
- अगर आपको कोई असुविधा महसूस हो तो हॉट टब से तुरंत बाहर निकल जाएं।
- अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान बुखार है तो हॉट वॉटर बाथ न लें। साथ ही, व्यायाम करने तुरंत बाद भी गर्म पानी से न नहाएं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हमें उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में हॉट वॉटर बाथ के बारे में बताया गया है। यदि आप इससे जुड़ी अधिक जानकारी पाना चाहते हैं तो इसके लिए बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क करें।
[embed-health-tool-due-date]