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चंद्र ग्रहण 2020 : प्रेग्नेंट महिलाएं चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/07/2020

    चंद्र ग्रहण 2020 : प्रेग्नेंट महिलाएं चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?

    चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) पड़ने का नाम सुनते ही किसी को चिंता हो या न हो लेकिन, प्रेग्नेंट महिला होती हैं उनकी चिंता जरूर बढ़ जाती है। चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला क्या करे और क्या न करे? इसको लेकर बातें शुरू हो जाती हैं। हैलो हेल्थ ग्रुप से जुड़े एस्ट्रोलॉजर पंडित अजय तोमर इस बारे में बताते हैं “आज साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण कुल चार घंटे और एक मिनट के लिए लगेगा। साल 2020 में इसके बाद तीन और चंद्र ग्रहण पड़ेगें, जो कि 5 जून, 5 जुलाई और 30 नवंबर को होंगे। कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला पर असर पड़ने के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है। हालांकि, साइंस के लिहाज से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। आज लगने वाला चंद्र ग्रहण रात को 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और अगली तारीख यानी 11 जनवरी को तड़के पौने तीन बजे तक रहेगा। भारत के अलावा ये ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका और आस्‍ट्रेलिया महाद्वीपों में भी देखा जा सकेगा।

    चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला को क्या नहीं करना चाहिए?

    चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला क्या न करें?

    ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाएं घर से बाहर न निकलें। दरअसल, ग्रहण के दौरान हानिकारक किरणें निकलती हैं, जो गर्भ में पल रहे बच्चे और गर्भवती महिला को नुक्सान पहुंचा सकती हैं।

  • चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला बना हुआ खाना खाने से बचें। विज्ञान ने साबित कर दिया है कि ग्रहण के दौरान, पराबैंगनी और अन्य किरणों का रेडिएशन काफी बढ़ जाता है। इसका प्रभाव भोजन पर भी पड़ता है और ऐसे भोजन का सेवन हमारे लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए ग्रहण के दौरान फास्टिंग करने का सुझाव दिया जाता है।

  • चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद प्रेग्नेंट लेडी को नहाने की सलाह दी जाती हो। इससे गर्भवती महिला और शिशु दूषित किरणों के प्रभाव से बच सकेंगे।

  • चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें, चंद्रमा पर पड़ने से कॉस्मिक रेडिएशन होता है जिससे कुछ हानिकारक बैक्टीरिया पनपने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए पीने के पानी और खाने में तुलसी की पत्तियां मिलाने की सलाह दी जाती है। तुलसी की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो खाने और पानी को दूषित होने से बचाते हैं।

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    चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला: चंद्र ग्रहण का क्या असर होता है?

    चंद्र ग्रहण का हमारी भावनात्मक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है और यह दूसरों के साथ रिलेशनशिप को प्रभावित कर सकता है। नासा के अनुसार “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ग्रहण का मनुष्यों पर कोई शारीरिक प्रभाव पड़ता है। हालांकि, ग्रहण का हमेशा मनोवैज्ञानिक प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है।’ इस समय के दौरान व्यक्ति की भावनाओं में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं। गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु एक-दूसरे से इमोशनली जुड़े होते हैं। गर्भवती महिला की भावनात्मक स्थिति में बदलाव आने से बच्चे के मन पर भी असर पड़ता है। इसलिए ही कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला पूजा में ध्यान लगाना चाहिए ताकि महिला और शिशु पर नकारात्मक भावनाएं हावी न हो सकें।

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    चंद्र ग्रहण के दौरान में प्रकृति में कई तरह की हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है जिसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इन बुरे प्रभावों के असर को कम करने के लिहाज से ही कुछ चीजों की करने की मनाही होती है लेकिन, इन बंदिशों को मानना आवश्‍यक नहीं है। खासकर इसलिए भी कि लंबे समय तक बिना खाना खाएं या पानी न पीने से गर्भवती महिला को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍या हो सकती है। इसलिए ग्रहण में गर्भवती महिला को आवश्‍यकतानुसार आहार लेते रहना चाहिए।

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    चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला: ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए ?

    जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि वैज्ञानिक ये बात मानते हैं कि ग्रहण का मनुष्यों पर कोई शारीरिक प्रभाव पड़ता है, लेकिन फिर भी शास्त्रों के अनुसार बहुत सी बातें हैं, जो गर्भवती स्त्री को ग्रहण के दौरान न करने की सलाह दी जाती है। ये बात कितनी सच है, ये कह पाना मुश्किल है, लेकिन कुछ लोग ऐसी बातों को मानते हैं। आप भी जानिए कि ग्रहण में क्या नहीं करने की सलाह दी जाती हैं।

    • ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट लेडी को घर के बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण में बाहर निकलने से होने वाले शिशु की सेहत में बुरा असर पड़ सकता है। साथ ही जन्म के बाद उसके शरीर में कुछ निशान भी पड़ सकते हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है, ये कह पाना मुश्किल है।
    • ग्रहण लगने से पहले ही खाने के सामान में कुश या तुलसी की पत्तियों को डाल देना चाहिए। साथ ही पहले से रखे गए भोजन को नहीं खाना चाहिए। इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मौजूद है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि तुलसी स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है और साथ ही ये भोजन को अशुद्ध होने भी बचाती है। एक बात का ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं को भूखा नहीं रहना चाहिए। बेहतर होगा कि भूख लगने पर महिलाएं अपनी इच्छानुसार खाएं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
    •  ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नुकीलें हथियार या फिर चाकू का प्रयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
    • ग्रहण के दौरान भगवान की मूत्तियों को नहीं छूना चाहिए, साथ ही मंत्रों का जाप करना चाहिए।

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    ये बात सच है कि चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण प्राकृतिक घटना हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इसका प्रेग्नेंसी या फिर किसी की सेहत से कोई लेना देना नहीं है। इस आर्टिकल में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं, जो कुछ लोगों के द्वारा मानी जाती हैं। वहीं ग्रहण को लेकर कुछ बातें भी फैली हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि ये सच ही हो। ये बातें मानना या न मानना आपका निर्णय है। डॉक्टर के अनुसार एक प्रेग्नेंट लेडी को समय से भोजन करना चाहिए और शरीर में पानी की कमी नहीं होनी देनी चाहिए। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर की बताई गई सलाह को मानें।

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    उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको च्रंदग्रहण में गर्भावस्था से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।  अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप एक्सपर्ट से संपर्क कर सकते हैं।

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