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चंद्र ग्रहण के दौरान में प्रकृति में कई तरह की हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है जिसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इन बुरे प्रभावों के असर को कम करने के लिहाज से ही कुछ चीजों की करने की मनाही होती है लेकिन, इन बंदिशों को मानना आवश्यक नहीं है। खासकर इसलिए भी कि लंबे समय तक बिना खाना खाएं या पानी न पीने से गर्भवती महिला को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है। इसलिए ग्रहण में गर्भवती महिला को आवश्यकतानुसार आहार लेते रहना चाहिए।
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चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला: ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए ?
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि वैज्ञानिक ये बात मानते हैं कि ग्रहण का मनुष्यों पर कोई शारीरिक प्रभाव पड़ता है, लेकिन फिर भी शास्त्रों के अनुसार बहुत सी बातें हैं, जो गर्भवती स्त्री को ग्रहण के दौरान न करने की सलाह दी जाती है। ये बात कितनी सच है, ये कह पाना मुश्किल है, लेकिन कुछ लोग ऐसी बातों को मानते हैं। आप भी जानिए कि ग्रहण में क्या नहीं करने की सलाह दी जाती हैं।
- ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट लेडी को घर के बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण में बाहर निकलने से होने वाले शिशु की सेहत में बुरा असर पड़ सकता है। साथ ही जन्म के बाद उसके शरीर में कुछ निशान भी पड़ सकते हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है, ये कह पाना मुश्किल है।
- ग्रहण लगने से पहले ही खाने के सामान में कुश या तुलसी की पत्तियों को डाल देना चाहिए। साथ ही पहले से रखे गए भोजन को नहीं खाना चाहिए। इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मौजूद है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि तुलसी स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है और साथ ही ये भोजन को अशुद्ध होने भी बचाती है। एक बात का ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं को भूखा नहीं रहना चाहिए। बेहतर होगा कि भूख लगने पर महिलाएं अपनी इच्छानुसार खाएं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
- ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नुकीलें हथियार या फिर चाकू का प्रयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
- ग्रहण के दौरान भगवान की मूत्तियों को नहीं छूना चाहिए, साथ ही मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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