प्रॉन्स यानी कि झिंगा मछली एक प्रचलित और ज्यादातर लोगों का पसंदीदा सी फूड है। लेकिन कई बार लोग कहते हैं कि प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स का सेवन करना बच्चे के सेहत के लिए हानिकारक होता है। इस आर्टिकल में हम यही जानने का प्रयास करेंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान प्रॉन्स खाना क्या सही में बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डालता है? अगर नहीं, तो गर्भावस्था में झींगा मछली खाने के फायदे क्या हैं? क्योंकि कई बार ऐसा देखा गया कि जो महिलाएं नॉनवेज खाती है, उन्हें प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाने की क्रेविंग होती है।
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क्या प्रेग्नेंसी के दौरान प्रॉन्स का सेवन करना सुरक्षित है?
प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाने के बारे में हैलो स्वास्थ्य ने वाराणसी के चंद्रा हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कुसुम चंद्रा से बात की। डॉ. कुसुम ने बताया कि “यदि गर्भवती महिला नॉनवेज खाती है तो उसे सी फूड का सेवन करना चाहिए। मछलियों में सभी प्रकार के विटामिन की मात्रा भरपूर होती है। इसके अलावा सी फूड्स से महिला को प्रोटीन भी मिलता है। ऐसे में गर्भवती महिला को कुछ चुनिंदा मछलियां ही खानी चाहिए। जिसमें झींगा मछली भी शामिल है।”
डॉ. कुसुम बताती हैं कि “प्रेग्नेंसी में मरक्यूरी वाली मछली नहीं खानी चाहिए, क्योंकि मरक्यूरी वाली मछली का सेवन करने से बच्चे के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ सकता है। इसलिए कुछ मछिलयां गर्भवती महिलाओं को नहीं खानी चाहिए, जैसे- फ्रेश टूना, शार्क फिश और टाइल फिश का सेवन नहीं करना चाहिए। जिन मछलियों में कम मात्रा में मरक्यूरी पाई जाती है, उन्हें खा सकते हैं। जैसे- सैल्मन, झिंगा, कॉड, टूना और रोहू आदि मछली खाई जा सकती है। वहीं, अगर आपको गर्भावस्था से पहले कोई स्वास्थ्य समस्या रही हो तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।”
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प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाने के फायदे क्या हैं?
प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स का सेवन करने के अपने कई फायदे हैं। इससे मां और बच्चे दोनों की सेहत को फायदा पहुंचता है। हमेशा याद रखिए मां जो खाती है, बच्चे के शरीर में वही पहुंचता है। प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाने के फायदे निम्न हैं :
भरपूर मात्रा में मिलती है विटामिन
प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स का सेवन करने से विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन बी12, आयोडिन, कॉपर, फॉस्फोरस, जिंक, आयरन आदि की मात्रा मिलती है। प्रॉन्स खाने से इम्यून सिस्टम अच्छा होता है, थायरॉइड के लेवल को भी संतुलित रखता है और बच्चे के ब्रेन के विकास में भी भागीदारी निभाता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद विटामिन डी बच्चे के हड्डियों और दांतों के विकास में मदद करता है।
प्रोटीन का अच्छा स्रोत है प्रॉन्स
प्रेग्नेंसी के दौरान प्रॉन्स खाना एक अच्छा प्रोटीन का स्रोत माना जा सकता है। प्रोटीन से भरपूर फूड्स खाने से ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहता है। हेल्दी मसल्स मास के लिए प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
पोषक तत्वों से भरपूर होता है प्रॉन्स
प्रेग्नेंसी में झींगा का सेवन करने से शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं। सेलेनियम एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाता है और कई तरह के कैंसर के रिस्क को भी कम करता है। प्रॉन्स में एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं, जिससे शरीर की डैमेज सेल्स रिपेयर होती हैं। प्रॉन्स में एंटी-इंफ्लमेटरी और एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं, जो कि डिलिवरी के दौरान और डिलिवरी के बाद बहुत मददगार हो सकता है। प्रॉन्स में पाई जाने वाले ये पोषक तत्व मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
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ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाएं
प्रॉन्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाई जाती है। एक रिसर्च के मुताबिक प्रॉन्स का सेवन करने से गर्भ में पल रहे बच्चे की आंखों और नर्व कनेक्शन का विकास करता है। ऐसे में प्रॉन्स खाना आपके बच्चे के आंखों और नर्वस सिस्टम के लिए अच्छा हो सकता है।
लो कैलोरी फूड है प्रॉन
प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाना आपके लिए कैलोरी के मायनों में भी ठीक हो सकता है। अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान ओवरवेट से गुजर रही हैं तो आप लो कैलोरी के लिए प्रॉन्स खा सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स या प्रेग्नेंसी में झींगा का सेवन कैसे करें ?
- जब भी प्रॉन्स खरीदें, तो किसी अच्छे कंपनी या अच्छी शॉप से खरीदें। इस बात को सुनिश्चित करें कि झींगें देखने में मोटे शाइनी हैं या नहीं। कभी भी सिकुड़े हुए और हल्के रंग के झिंगें ना खरीदें। ये बासी और खराब क्वालिटी के प्रॉन्स हो सकते हैं।
- आजकल सुशी का क्रेज है। सुशी कच्चे सी फूड्स होते हैं। गर्भावस्था में कोई भी नॉनवेज कच्चा खाने से बचना चाहिए। इसलिए जब भी प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाने का प्लान करें तो उन्हें अच्छे से धुल कर पका लें।
- इस बात पर विशेष ध्यान दें कि कोई भी खाना पकाने से पहले उसे अच्छे साफ करें। जहां तक बात रही प्रॉन्स की तो आप उन्हें शेल के साथ या बिना शेल के भी पका सकते हैं।
- पहली बात को आप कोशिश करें कि फ्रेश प्रॉन्स का सेवन किया जाए। अगर ऐसा संभव ना हो तो आप अच्छी क्वालिटी का फ्रोजन किया हुआ प्रॉन खरीदें। इसके बाद उसे पकाने से पहले अच्छे से डिफ्रॉस्ट करें।
- उन्हें अच्छी तरह से साफ करके पकाएं। प्रॉन अच्छी तरह से पक गया है या नहीं, ये जानने के लिए झींगे के फ्लेश को देखें वो थोड़ी ट्रांसपैरेंट्स सी देखने में लगेगी। इसके लिए पकाने से पहले आप प्रॉन्स को लगभग 10 मिनट के लिए गुनगुने नमक डाले हुए पानी में भिगोएं और फिर उन्हें अच्छी तरह से धो लें।
- गर्भावस्था में रेस्टोरेंट में सी फूड खाने से बचें। क्योंकि वहां पर उसकी शुद्धता का पूरा ध्यान रखा गया हो, इस बात की कोई गारंटी नहीं है।
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प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स या प्रेग्नेंसी में झींगा का सेवन कब नहीं खाना चाहिए?
कई बार प्रेग्नेंसी के पहले कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण प्रेग्नेंसी के दौरान प्रॉन्स नहीं खाना चाहिए :
- अगर आपको सी फूड्स से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हो तो आपको प्रेग्नेंसी के दौरान प्रॉन्स नहीं खाना चाहिए। इससे आपको पेट में दर्द, खुजली की समस्या, रैशेज और जलन की समस्या हो सकती है।
- प्रॉन्स कोलेस्ट्रोल का अच्छा स्रोत होता है। अगर आपको हाई कोलेस्ट्रोल की समस्या है तो प्रॉन्स खाना आपके लिए और आपके बच्चे के लिए अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है।
- कई बार लोग जानकारी ना होने के कारण कच्चे झींगे खा लेते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान इसे खाने से आपको इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। ये इंफेक्शन आपके पेट में भी हो सकता है। इसके अलावा ब्लड पॉइजनिंग, फूड पॉइजनिंग की समस्या या बच्चे को किसी भी तरह का नुकसान हो सकता है।
इस तरह से आपने जाना कि प्रेग्नेंसी में प्रॉन्स खाना पूरी तरह सुरक्षित हो सकता है, बस आपको उसके पकाने और खाने के तरीकों का ध्यान रखना पड़ेगा। उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं।
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