प्रेग्नेंसी वीक 34 में गर्भस्थ शिशु का विकास
प्रेग्नेंसी वीक 34 में मेरे शिशु का विकास कैसा है? (Pregnancy Week 34)
प्रेग्नेंसी वीक 34 के दौरान गर्भ में शिशु का वजन 2.15 किलोग्राम और लंबाई 46 सेंटीमीटर के करीब हो जाता है। प्रेग्नेंसी वीक 34 तक अधिकतर शिशु डिलिवरी के लिए योग्य पोजीशन में आ जाते हैं। इसके अलावा इस हफ्ते में डॉक्टर आपको यह भी बता सकता है, कि डिलिवरी के समय शिशु का सिर नीचे होगा या ऊपर होगा।
गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं को मैटर्नल कैल्शियम का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि, शिशु अपने विकास और हड्डियों की मजबूती के लिए जैविक मां के शरीर से कैल्शियम लेता है, जिससे गर्भवती महिला के शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। अगर, आप पर्याप्त कैल्शियम का सेवन नहीं करेंगी, तो आपकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, क्योंकि शिशु अपने शारीरिक विकास के लिए आपके शरीर से ही मिनरल्स लेता है।
प्रेग्नेंसी वीक 34 तक शिशु के शरीर से लानूगो की परत करीबन पूरी हट चुकी होती है। जबकि, उसके शरीर पर मौजूद वर्निक्स की कोटिंग मोटी हो जाती है। गर्भावस्था के चौंतीसवे हफ्ते (प्रेग्नेंसी वीक 34) में शिशु के नाखून फिंगरटिप तक पहुंच जाते हैं और खोपड़ी के अलावा उसका स्केलेटन मजबूत होता रहता है। शिशु के दो साल की उम्र होने तक उसकी खोपड़ी की हड्डियां लचीली रहती हैं, जिससे डिलिवरी के समय बर्थ कैनाल से उसका सिर बड़े आकार का होने के बावजूद आराम से निकल आता है।
हालांकि, प्रेग्नेंसी वीक 34 से कुछ हफ्ते पहले ही आपके गर्भाशय में संकुचन शुरू हो चुके होते हैं, लेकिन उसमें कसाव इसी हफ्ते से महसूस होना शुरू होगा। इसे ही ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन कहते हैं। ऐसे कॉन्ट्रैक्शन आपके गर्भाशय को डिलिवरी के लिए तैयार करते हैं। इस समय शिशु रौशनी के संपर्क में आने पर अपनी आंखों की पुतलियों को फैला और सिकोड़ सकता है।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में स्किन प्रॉब्लम: गर्भवती महिलाएं जान लें इनके बारे में
प्रेग्नेंसी वीक 34 में शारीरिक और दैनिक जीवन में परिवर्तन
प्रेग्नेंसी वीक 34 के दौरान मेरे शरीर में क्या-क्या बदलाव आएंगे?
प्रेग्नेंसी वीक 34 के दौरान आपको फिर से थकान महसूस होने लगेगी। लेकिन, यह थकान प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों के मुकाबले कम परेशान करेगी। आपको शारीरिक तनाव, बार-बार पेशाब आने की वजह से अपर्याप्त नींद की वजह से हो रही होती है।
प्रेग्नेंसी वीक 34 से आपको ज्यादा आराम करना चाहिए। ताकि, डिलिवरी के वक्त और उसके बाद के लिए आप ऊर्जा बचा पाएं। अगर आप ज्यादा देर तक लेटी या बैठी रहती हैं, तो झटके से ना उठें। प्रेग्नेंसी वीक 34 में आपका ब्लड पैरों और तलवों में जाने लगता है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर कम हो सकता है और आपका सिर चकरा सकता है। अगर आपको अपने पेट, जांघ और कूल्हों के पास खुजली वाले लाल निशान दिखते हैं, तो यह प्रुरिटिक अर्टिकरियल पैपुल्स और प्रेग्नेंसी के प्लेक (Pruritic Urticarial Papules and Plaques of Pregnancy (PUPPP)) की समस्या हो सकती है।
करीब एक प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को PUPPP की समस्या होती है, जो कि खतरनाक नहीं होती। लेकिन, यह स्थिति काफी असुविधाजनक होती है, जिसमें त्वचा पर खुजली वाले लाल रैशेज हो जाते हैं। इसके लिए अपने डॉक्टर के पास जाएं, ताकि वो इस समस्या की गंभीरता को जांच सके। अगर, यह गंभीर समस्या होगी, तो वो आपको किसी चर्मरोग विशेषज्ञ के पास भेज सकता है। इसके अलावा, अगर आपको प्रेग्नेंसी वीक 34 में रैशेज के बिना भी पूरे शरीर पर खुजली हो रही हो, तो यह लिवर की समस्या हो सकती है।
[mc4wp_form id=’183492″]
प्रेग्नेंसी वीक 34 में मुझे किन बातों के बारे में चिंतित होना चाहिए?
85 प्रतिशत से ज्यादा गर्भवती महिलाओं का म्यूकस प्लग क्षतिग्रस्त नहीं होता है। लेकिन, अगर आप बची हुई 15 प्रतिशत महिलाओं में हैं और आपका म्यूकस प्लग क्षतिग्रस्त हो गया है, तो डरने की कोई बात नहीं है। म्यूकस प्लग क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में एम्नियोटिक फ्लूड बाहर नहीं गिरने लगता है। म्यूकस प्लग के क्षतिग्रस्त होने की वजह से एम्नियोटिक फ्लूड के बाहर गिरने की संभावना कम रहती है। क्योंकि, आपके शिशु का सिर यूट्रस की ओपनिंग को अवरोध किए रखता है, जिससे एम्नियोटिक फ्लूड अंदर ही रहता है।
और पढ़ें : Double Uterus: जानें गर्भवती महिलाओं में डबल यूट्रस से होने वाले खतरे
प्रेग्नेंसी वीक 34 में डॉक्टरी सलाह
प्रेग्नेंसी वीक 34 में मुझे डॉक्टर को क्या-क्या बताना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 34 के आसपास आपकी डिलिवरी डेट आने वाली होती है। इसलिए, आपको डॉक्टर से अपने मन की सारी शंकाओं और चिंताओं के बारे में बातचीत कर लेनी चाहिए। इसके अलावा आप डॉक्टर से लेबर और डिलिवरी के बारे में भी पूरी जानकारी ले सकती हैं। इसके बाद डॉक्टर से मिली सभी जानकारी और सलाह को आप लिख लीजिए, ताकि भूल जाने पर भी आपको कोई चिंता न हो। प्रेग्नेंसी वीक 34 में अपने डॉक्टर से बात करके किसी अच्छे अस्पताल या नर्सिंग होम का चुनाव कर लीजिए, जहां आप बच्चे को जन्म देंगी। यह अस्पताल या नर्सिंग होम आपके घर से जितना पास होगा, उतना ही बेहतर है।
और पढ़ें- प्रसव-पूर्व योग से दूर भगाएं प्रेग्नेंसी के दौर की समस्याएं
प्रेग्नेंसी वीक 34 के दौरान मुझे किन टेस्ट्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 34 से डिलिवरी तक आपको हर हफ्ते में दो बार डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ताकि, डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट्स की मदद से आपकी गर्भावस्था के विकास का पता लगा सके।
- वजन की जांच (इस समय आपका वजन बढ़ना बंद हो सकता है या घटना शुरू हो सकता है)
- ब्लड प्रेशर की जांच (दूसरी तिमाही के मुकाबले इस समय उच्च हो सकता है)
- यूरिन में ग्लूकोज और प्रोटीन की जांच
- पैरों में वेरीकोज वेन और हाथों-पैरों पर सूजन की जांच
- शिशु की हृदय गति
- बाहर से यूट्रस के आकार की जांच
- यूट्रस के ऊपरी हिस्से की लंबाई की जांच, जिसे फंडस कहते हैं
- गर्भ में शिशु की पोजीशन की जांच, ताकि डिलिवरी के समय शिशु की स्थित का पता लग सके
और पढ़ें : पीसीओएस के साथ गर्भवती होने में कितना समय लगेगा?
प्रेग्नेंसी वीक 34 में स्वास्थ्य और सुरक्षा
प्रेग्नेंसी वीक 34 के दौरान मुझे अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी किन बातों के बारे में पता होना चाहिए?
जबतक स्विमिंग पूल के पानी में क्लोरीन की मात्रा नियंत्रित है, तबतक आपको स्विमिंग पूल में तैरने से कोई खतरा नहीं है। बल्कि तैरने से आपको अच्छा फील होगा और आपके शरीर को राहत मिलेगी। अभी तक, इस बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है कि क्लोरीन के पानी में स्विमिंग करने से किसी प्रकार का बर्थ डिफेक्ट हो सकता है या नहीं। लेकिन हां, बिना क्लोरीन वाले पानी में स्विमिंग करने से आपको स्किन इंफेक्शन जैसी बीमारी हो सकती है।
अगले आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी वीक 35 के बारे में बात करेंगे।
[embed-health-tool-pregnancy-weight-gain]