गर्भावस्था में महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव के कारण स्किन प्रॉब्लम्स भी होती हैं। गर्भ में शिशु के पलने के कारण शरीर को ज्यादा तरल चीजों की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति जरूरत के अनुरूप न होने पर प्रेग्नेंसी में स्किन प्रॉब्लम होती हैं। इसमें स्ट्रेच मार्क्स, खुजली, मुंहासे, पिग्मेंटेशन और प्रसव के बाद त्वचा का ढीला पड़ जाना जैसी समस्याएं शामिल हैं। इनमें से अधिकांश स्थितियां हानिरहित हैं और शिशु के जन्म देने के बाद कम हो जाती हैं। इन समस्याओं से बहुत हद तक बचाव संभव है, लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ख्याल रखना होगा।