गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की भी देखभाल करनी होती है। तीसरे ट्राइमेस्टर तक पहुंचते-पहुंचते शरीर का वजन भी बढ़ जाता है। तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज करके महिलाएं स्वस्थ रह सकती हैं। तीसरा महीना आने तक महिलाएं आलसी हो जाती हैं। शरीर को एक्टिव रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज दोनों ही जरूरी हैं। गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करने से वजन नियंत्रित रहता है। बैक पेन से राहत मिलती है और बच्चा भी स्वस्थ्य रहता है। साथ-साथ डिलिवरी के समय भी परेशानी कम हो सकती है। इसका फायदा डिलिवरी के बाद मिलता है। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज करके प्रेग्नेंट महिलाएं अपनी परेशानियां तो कम करती ही हैं साथ ही तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज से नॉर्मल डिलिवरी भी आसान हो जाती है। आइए जानते हैं थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज।
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तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज कौन-कौन सी हैं?
- वॉकिंग और जॉगिंग (Walking & Jogging)
- कीगल (Kegal)
- स्क्वॉट्स (Squats)
1. तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज: वॉकिंग और जॉगिंग (Walking & Jogging)
प्रेग्नेंसी के तीसरे ट्राइमेस्टर में अगर गर्भवती महिला एक्सरसाइज करने में असमर्थ है, तो वॉकिंग और जॉगिंग शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आसानी से कर सकती हैं। तीसरे ट्राइमेस्टर में गर्भ में पल रहा शिशु पूरी तरह से विकसित हो जाता है। इसलिए इस दौरान नियमित रूप वॉकिंग या जॉगिंग करने से मां और शिशु दोनों के लिए अच्छा होता है। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में प्रेग्नेंट महिलाओं को कोई भी ज्यादा दिक्कत करने वाली एक्सरसाइज नहीं करनी है बल्कि वही करना है जो उनसे आसानी से हो जाए। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में डॉक्टर भी महिलाओं को आसान एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग और जॉगिंग करने की सलाह देते हैं।
इस दौरान अपने डॉक्टर से यह जरूर समझें कि आपके शरीर को एक्सरसाइज कितनी जरूरत है। प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने से जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होता है और डिलिवरी आसानी से हो सकती है। तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में जितना हो सके ब्रिस्क वॉक करें और जॉगिंग करें। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज करने से पूरी तरह से विकसित शिशु के साथ महिलाओं के लिए भी अच्छा होता है।
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2. तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज: कीगल Kegal)
तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में कीगल एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में नियमित रूप से 10-20 मिनट कीगल (Kegel) एक्सरसाइज प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलिवरी के बाद भी हेल्थ के लिए बेहतर माना जाती है। कीगल एक्सरसाइजिस करने से गर्भावस्था में होने वाली यूरिन और पेल्विक फ्लोर मसल्स संबंधी समस्या कम हो सकती है। कीगल एक्सरसाइजिस मैट पर आसानी से लेट कर की जा सकती है। इस एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर मसल्स स्ट्रॉन्ग होते हैं और डिलिवरी के दौरान परेशानी कम होती है। गर्भावस्था के तीसरे ट्राइमेस्टर के दौरान कीगल व्यायाम खाली ब्लैडर (टॉयलेट के बाद) के दौरान किए जाने पर सबसे ज्यादा आरामदायक होती है। गर्भावस्था के दौरान कीगल एक दिन में 3 बार 10-10 मिनट के लिए की जानी चाहिए। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में कीगल एक्सरसाइज करना ना केवल डिलिवरी के दौरान बल्कि डिलिवरी के बाद भी महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।
कीगल एक्सरसाइज कैसे करें ? (How to do kegal exercise?)
तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में कीगल एक्सरसाइज करने से ब्लैडर की मसल्स टोन होती हैं। ज्यादातर मामलों में महिलाओं को डिलिवरी के बाद इनकोन्टिनेंस की समस्या हो जाती है। कीगल एक्सरसाइज करने से इस समस्या की संभावना कम हो सकती है। इस एक्सरसाइज को करने का तरीका सबसे आसान है। यूरिन रिलीज करते वक्त पेल्विक फ्लोर की एक से अधिक मसल्स इंगेज होती हैं। यूरिन रिलीज करते वक्त आपको कुछ सेकेंड्स के लिए अचानक यूरिन को रोक लेना है। फिर यूरिन को रिलीज करना है। ऐसा आपको कई बार करना है। एक सेट में इस एक्सरसाइज को 10 बार तक किया जा सकता है। इस एक्सरसाइज को यूरिन पास करते वक्त करना जरूरी नहीं है आप इसे दिन में कभी भी कर सकती हैं। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में कीगल एक्सरसाइज करने की सलाह डॉक्टर भी देते हैं जो गर्भवती महिलाओं के ब्लैडर को स्ट्रॉन्ग बनाता है।
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3. तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज: स्क्वॉट्स (Squats)
पूरे शरीर का भार पैरों पर होता है और गर्भावस्था के दौरान शरीर का वजन सामान्य से ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए पैरों को स्ट्रॉन्ग रखने के लिए स्क्वॉट्स एक्सरसाइज करने की सलाह फिटनेस एक्सपर्ट्स देते हैं। इस वर्कआउट से कंधों, कमर और पैर की सभी मसल्स मजबूत होती है और मसल्स स्ट्रॉन्ग होते हैं। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में स्क्वॉट्स करना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सही होता है क्योंकि इससे उनके पैर, बट्स और कंधे मजबूत होते हैं।
तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज स्क्वॉट्स कैसे करें ? (How to do squats?)
सीधी खड़ी हो जाएं और दोनों हाथों को सामने लाएं। अब दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप दें और बैलेंस बनाते हुए दोनों घुटनों के सहारे शरीर को नीचे की ओर पुश करें। अब इसी अवस्था में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें। इस एक्सरसाइज को करते वक्त यह ध्यान रखें कि आपके घुटने ज्यादा आगे न जाएं। इसे 10 से 15 बार किया जा सकता है।
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तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें –
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार और आसान एक्सरसाइज करें।
- थकावट महसूस होने पर एक्सरसाइज न करें।
- ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ और पानी का सेवन करें।
- वजन न उठाएं।
तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज करना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है प्रेग्नेंसी में शुरू से एक्सरसाइज करना। कई महिलाएं शुरूआत में एक्सरसाइज करने से डरती है जिसकी वजह से उन्हें बाद में एक्सरसाइज करने में परेशानी होती है। एक्सरसाइज करते समय होने वाली परेशानी से बचने के लिए शुरूआत से ही महिलाओं को अपने शरीर को ढ़ाल लेना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें आगे चलकर थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने से डरे नहीं बल्कि प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही एक्सरसाइज करें। बस अपने हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें कि आपकी शारीरिक क्षमता और मेडिकल कंडिशन के अनुसार कौन-कौन सी एक्सरसाइज की जा सकती हैं? इसके अलावा एक्सरसाइज किसी एक्सपर्ट की देख-रेख में ही करें। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में तीसरे ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज के बारे में बताया गया है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।
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