कोरोना वायरस या कोविड-19 एक ऐसा नाम है, जिसके कारण पिछले कई महीनों से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। इसने न केवल करोड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है बल्कि हजारों लोग इसकी वजह से अपनी जान तक गवां चुके हैं। इसका असर हर व्यक्ति और हमारे जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। हमारा स्वास्थ्य इससे सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। फिर यह स्वास्थ्य चाहे शारीरिक हो मानसिक या भावनात्मक। आज हम बात करने वाले हैं कि कोविड-19 और फर्टिलिटी के बारे में। ऐसा माना जा रहा है कि कोविड-19 का IVF ट्रीटमेंट और फर्टिलिटी पर भी असर हुआ है। अगर आपके मन में भी कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव के बारे में कोई शंका है, तो आज हम इस लेख के माध्यम से आपके हर सवाल या शंका को दूर करने की कोशिश करेंगे।
आइए जानते हैं कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ा है या नहीं
यह बात तो आप जानते ही होंगे कि महिलाओं और पुरुषों की फर्टिलिटी पर कई लाइफस्टाइल फैक्टर जैसे न्यूट्रिशन, प्रदूषण, तनाव, मोबाइल रेडिएशन्स आदि का असर होता है। इनमे से कुछ फैक्टर हमारे कंट्रोल में होते हैं तो कुछ नहीं होते। एक्सपर्ट यह मानते हैं हमारी तनावभरी या खराब लाइफस्टाइल का प्रभाव हमारी फर्टिलिटी पर पड़ता है। पिछले कई महीनों से पूरी दुनिया एक तनाव और चिंता भरे माहौल में रह रही है। लेकिन ऐसा कोई सुबूत अभी तक नहीं मिला है जिससे पता चले कि कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ा है। लेकिन, कोविड -19 महामारी ने IVF उपचार से गुजरने वाले कपल्स को भी संकट में ड़ाल दिया है।
तथ्यों के अनुसार हमारे देश में हर साल लगभग 30 लाख लोग इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट से गुजरते हैं जिनमें से पांच लाख IVF/IUI ट्रीटमेंट करवाते हैं। लेकिन कोविड़-19 के कारण उन्हें कई समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। लोग यह ट्रीटमेंट कराने से ड़र रहे हैं। सबसे पहले जानते हैं IVF ट्रीटमेंट के बारे में:
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क्या है IVF ट्रीटमेंट
कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ा है या नहीं। इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह सच है कि इसका असर अन्य कई चीजों पर पड़ा है। इन्हीं में से एक है IVF ट्रीटमेंट। IVF ट्रीटमेंट का अर्थ है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन। जो एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे महिला के अंडाणु को लेबोरेटरी में स्पर्म के साथ फर्टिलाइज्ड कराया जाता है और उसके बाद इस फर्टिलाइज्ड अंडाणु को महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है। इनफर्टाइल कपल इस तरह के तरीके को माता-पिता बनने के लिए अपनाते हैं। पिछले कुछ समय से कोविड-19 के चलते लोग इस ट्रीटमेंट को कराने से घबरा रहे हैं।
लेकिन, डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि लोगों को इस ट्रीटमेंट के लिए कोविड-19 की वजह से देरी नहीं करनी चाहिए। उनका यह भी मानना है कि जो लोग IVF के लिए प्लान कर रहे हैं वो टाइम फ्रेम को लेकर चिंतित हैं और जल्दी से जल्दी इस प्रक्रिया को ख़त्म करना चाहते हैं। ऐसे में थोड़ी सी भी देरी उनके लिए परेशान करने वाली हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार इस वायरस से IVF ट्रीटमेंट के दौरान या बाद उन्हें या उनके शिशु को कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन, ट्रीटमेंट में देरी करने से उनके माता-पिता बनाने की संभावना कम हो सकती है। पाएं, इससे जुड़े कुछ सवालों के जवाब
कोविड-19 और फर्टिलिटी को लेकर क्या हैं, लोगों के मन में सवाल और पाएं उनके जवाब
कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है या नहीं, इस दौरान IVF ट्रीटमेंट कराना चाहिए या नहीं। यह कुछ सवाल हैं जो IVF ट्रीटमेंट करवाने की इच्छा रखने वाले हर माता-पिता के मन में आ सकते हैं। यह सवाल उनके मन में आना स्वाभाविक है। क्योंकि यहां बात उनसे और उनके शिशु से जुड़ी है। जानिए ऐसे ही कुछ सवाल और उनके जवाब:
क्या कोरोना वायरस गर्भावस्था को प्रभावित करता है?
अध्ययन के अनुसार गर्भवती महिलाओं को कोविड संक्रमण का जोखिम उतना ही है, जितना उन महिलाओं को है जो गर्भवती नहीं हैं। इसके अलावा, बहुत कम सबूत मौजूद हैं, जो यह बताते हैं कि गर्भवती महिला से कोविड वायरस बच्चों तक पास हो सकता है। इस वायरस से पीड़ित अधिकांश रोगियों के एम्निओटिक द्रव या स्तन के दूध में कोरोना वायरस मौजूद नहीं होता है। इन तथ्यों को देखते हुए, यह संभावना बहुत कम है कि कोविड-19 गर्भावस्था को प्रभावित कर सकता है।
कोविड 19 प्रेग्नेंसी की कम्प्लीकेशन्स को बढ़ा सकता है या नहीं?
कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है यह जवाब तो आपको मिल गया होगा। इसके साथ ही इस बात का भी कोई तथ्य मौजूद नहीं है कि कोरोना वायरस के कारण बर्थ डिफेक्ट या प्रेग्नेंसी की कम्प्लीकेशन्स बढ़ सकती हैं। लेकिन, इस दौरान गर्भवती महिला को खास ख्याल रखने की जरूरत है। गर्भावस्था में इस वायरस का शिकार होने के कारण प्रीटर्म बर्थ या शिशु में ग्रोथ संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।
क्या कोरोना वायरस के दौरान IVF ट्रीटमेंट कराना सुरक्षित है ?
यह बहुत ही आम सवाल है, जिसे अधिकतर कपल पूछते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह पूरी तरह से सुरक्षित है। कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव नहीं पड़ता है या IVF ट्रीटमेंट और इस वायरस का कोई संबंध नहीं है।
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क्या मुझे कोरोना की वजह से IVF ट्रीटमेंट में देरी करनी चाहिए ?
प्रजनन आयु के अधिकांश रोगी, कोविड के हाई रिस्क ग्रुप में नहीं आते हैं। ऐसे में किसी को भी कोविड 19 की वजह से कंसल्टेशन और ट्रीटमेंट में देरी नहीं करनी चाहिए। अगर आप IVF ट्रीटमेंट में देरी करते हैं तो सही उपचार होने की संभावना कम हो जाती है। क्योंकि, कपल्स को तनाव हो सकता है।ऐसे में सही समय पर ट्रीटमेंट लेना जरूरी है। कोविड को लेकर अधिकतर डॉक्टर पूरी एहतियात बरत रहे हैं। यही नहीं, अधिकतर डॉक्टर टेलीकाउंसलिंग के जरिए लोगों को गाइड भी कर रहे हैं।
अगर आप IVF ट्रीटमेंट ले रहे हैं तो कोरोना वैक्सीन लेना सुरक्षित है ?
जी हां अगर आप IVF ट्रीटमेंट ले रहे हैं, तो इस दौरान आप इस वैक्सीन को ले सकते हैं। USA में हुए एक शोध के अनुसार गर्भवती महिलाएं अगर वैक्सीन लेती हैं, तो मां या शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है। आपको कोविड वैक्सीन लेने के बाद देरी करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, सही सलाह और मार्गदर्शन के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
क्या कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है या इसकी वैक्सीन से फर्टिलिटी पर कोई असर होता है?
ऐसा कोई सुबूत मौजूद नहीं है जो यह बताएं कि कोरोना वायरस या इसकी वैक्सीन फर्टिलिटी पर प्रभाव ड़ाल सकती है। लेकिन, विशेष एहतियात के तौर पर, आईयूआई या आईवीएफ उपचार से गुजरने वाले सभी रोगियों का शुरुआत में दो बार परीक्षण किया जाता है। यदि कोविड के टेस्ट का परिणाम सकारात्मक आता है, तो उपचार चक्र रद्द कर दो महीने के लिए स्थगित कर दिया जाता है।
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संक्रमित पुरुष के वीर्य में कोरोना वायरस हो सकता है?
इस समस्या से संबंधित कुछ पुरुषों पर किए गए अध्ययन के मुताबिक 15 प्रतिशत पुरुषों के वीर्य में यह वायरस पाया गया है। वीर्य के माध्यम से COVID -19 के सेक्शुअल ट्रांसमिशन की पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि अगर किसी पुरुष को यह संक्रमण है या वो इस स्थिति से रिकवर कर रहा है तो सेक्स से परहेज करें या कंडोम का प्रयोग करें।
क्या कोविड-19 के इस समय में कंसीव करना सुरक्षित है?
कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव से ज्यादा जरूरी है, इस प्रश्न का उत्तर जानना। हालांकि डॉक्टर इस स्थिति में महिला के गर्भवती होने को सुरक्षित मानते हैं लेकिन कुछ मेडिकल स्थितियां जैसे डायबिटीज, हाय ब्लड प्रेशर या मोटापा आदि इस स्थिति में जोखिम को बढ़ा सकती है।
कोविड का फर्टिलिटी पर किस तरह से प्रभाव पड़ सकता है?
कोविड के कुछ लक्षण जैसे बुखार रिट्रीवड़ अंडाणु की मात्रा, प्रजनन उपचार या आईवीएफ चक्र की लेंथ, या जरूरत दवा की मात्रा को प्रभावित कर सकता है। लेकिन अभी, इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोरोना वायरस का किसी महिला की प्रजनन क्षमता पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है।
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अगर आप फर्टिलिटी या IVF ट्रीटमेंट करा रहे हैं तो आपको कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या करना चाहिए
हालांकि इस बात के पर्याप्त सुबूत मौजूद नहीं हैं कि कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन अगर आप फर्टिलिटी या IVF ट्रीटमेंट करा रहे हैं। तो आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि आप किसी भी जोखिम से बच सकें। आपको हर समय इन सावधानियों को बरतना चाहिए:
- 3 से 6 फीट की सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।
- घर से बाहर निकलते हुए हमेशा मास्क लगाएं।
- जिस क्लिनिक में आप अपना इलाज करा रहे हैं, वहां नियमों का पालन करें जैसे टेम्प्रेचर की जांच और सोशल डिस्टेंसिंग आरोग्य सेतु एप डाउनलोड का उपयोग आदि।
- बिना किसी काम या मतलब के घर से बाहर निकलने से बचे।
- लगातार अपने हाथों साबुन और पानी से धोएं या सेनेटाइज करते रहें।
- यूज्ड सर्फेस को बार-बार साफ करें।
- अपने मुंह, नाक और आंखों को बार-बार छूने से बचें।
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अगर आप फर्टिलिटी या IVF ट्रीटमेंट करा रहे हैं तो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें कि आपको क्या करना चाहिए। फर्टिलिटी या IVF ट्रीटमेंट के दौरान आपको वैक्सीन लेनी चाहिए या नहीं, कोविड-19 का फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं आदि के बारे में पूरी तरह से निश्चिन्त होने के लिए डॉक्टर का मार्गदर्शन लें। हालांकि, इस महामारी के दौरान भी यह सब पूरी तरह से सुरक्षित है लेकिन फिर भी पूरी प्रीकॉशन्स लेना सुनिश्चत करें। कोरोना वायरस की वजन से IVF ट्रीटमेंट को टालने से बचे, इससे मुश्किलें बढ़ सकती हैं। महामारी के इस दौर में भी आप यह उपचार ले सकते हैं।
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