ब्रेस्ट मिल्क में खून आने की समस्या क्या सामान्य है?
मां का दूध शिशु के लिए पौष्टिक माना जाता है। शिशु के बेहतर विकास के लिए 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही दिया जाता है और उसके बाद ही उसे बाहरी खाद्य पदार्थ जैसे दाल का पानी आदि दिया जाता है। लेकिन, नवजात शिशु को स्तनपान करवाना जरूरी होता है। हालांकि कई बार कुछ महिलाएं स्तनपान नहीं करवा पाती हैं। क्योंकि कुछ महिला के ब्रेस्ट मिल्क में खून आने जैसी परेशानी शुरू हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सलाह अनुसार ब्रेस्ट मिल्क में खून आने से परेशान न हों। ब्रेस्ट मिल्क में खून आने की समस्या उन महिलाओं में ही होती है, जो स्तनपान करवाती हैं। ध्यान रखें की ब्रेस्ट मिल्क में खून ब्लीडिंग होने जैसा नहीं निकलता है। बेहद कम मात्रा में निप्पल से ब्लड आता है और इस ओर तुरंत ध्यान भी नहीं जाता है।
स्तनपान करवाने के दौरान महिलाएं कई सारी परेशानियों का सामना करती हैं। इन परेशानियों में शामिल है ब्रेस्ट से सामान्य से ज्यादा मिल्क का सिक्रीशन (स्तन से ज्यादा दूध आना) होना, स्तन से जुड़ी लेचिंग की समस्या या ब्रेस्ट मिल्क में खून आना। ऐसी स्थिति में महिलाएं परेशान हो जाती हैं लेकिन, ब्रेस्ट मिल्क में खून की समस्या से परेशान नहीं होना चाहिए। रिसर्च के अनुसार यह परेशानी उन महिलाओं को ज्यादा होती हैं जो पहली बार स्तनपान करवाती हैं। ब्रेस्ट मिल्क में खून को नोटिस तभी किया जा सकता है जब नवजात शिशु को मुंह को देखा जाए या फिर पम्प्ड मिल्क में आप देख सकती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और बच्चे को भूखा नहीं रखना चाहिए।
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ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के क्या हैं कारण?
ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। इन कारणों में शामिल है:
ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के कारण 1: निप्पल का क्रेक होना
निप्पल के क्रेक होने की वजह से भी ब्रेस्ट के मिल्क में ब्लड आने की समस्या हो सकती है। निप्पल के क्रेक होने की वजह से शिशु को स्तनपान करवाने में मां को परेशानी होने के साथ-साथ शिशु भी ठीक तरह से स्तनपान नहीं कर पाता है। यही नहीं इस दौरान स्तन में खुजली होना, फफोले होने के साथ-साथ अन्य परेशानी हो सकती है। ऐसी परेशानी होने पर खुद से इलाज न करें और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से संपर्क करना बेहतर होगा।
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ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के कारण 2: डैमेज केपिलरी
डैमेज केपिलरी का अर्थ है स्तन की कोशिकाओं (सेल्स) से जुड़ी हुई परेशानी। स्तनपान करवाने वाली महिला के मिल्क का कलर अगर भूरा या लाल होने लगे तो यह डैमेज सेल्स की ओर इशारा करता है। यह परेशानी वैसे तो कुछ दिनों में ही खुद से ठीक हो जाती है लेकिन, अगर ऐसा लगातार होने लगे तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और घरेलू इलाज से बचना चाहिए।
ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के कारण 3: रस्टी पाइप सिंड्रोम
रस्टी पाइप सिंड्रोम की समस्या महिलाओं में होने वाली समस्या है। इस सिंड्रोम को पहली बेबी डिलिवरी के बाद देखी जा सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह परेशानी अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन, अगर कोई महिला इस समस्या से लगातार परेशान हैं, तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के कारण 4: पगेट्स डिजीज
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार 5 प्रतिशत से भी कम महिलाओं में पगेट्स डिजीज (Paget’s disease) की समस्या हो सकती है। मिल्क डक्ट से जुड़ी परेशानी को पगेट्स डिजीज कहते हैं। इस वजह से ब्रेस्ट कैंसर की भी संभावना बढ़ जाती है। हालांकि ब्रेस्ट कैंसर से डरना नहीं चाहिए बल्कि अगर आपको ऐसी कोई परेशानी समझ आती है, तो जल्द से जल्द इसका इलाज शुरू करवाना चाहिए। मिल्क डक्ट में परेशानी की वजह से भी ब्रेस्ट मिल्क में खून आने लगता है। अगर स्तन का रंग विशेषकर निप्पल का रंग लाल हो जाए, निप्पल से पीले रंग का डिस्चार्ज हो, निप्पल फ्लैट हो जाए, स्तन में जलन महसूस हो या फिर निप्पल में खुजली महसूस होने पर यह पगेट्स डिजीज की ओर इशारा करता है।
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ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के कारण 5: फिब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट
फिब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट का अर्थ हैं स्तन में गांठ आना। यह परेशानी सिर्फ एक स्तन में भी हो सकती है या दोनों में भी हो सकती है। फिब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट की समस्या ज्यादतर 30 वर्ष से ज्यादा की महिलाओं में होती है। फिब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट होने की वजह से भी ब्रेस्ट मिल्क में खून आने की समस्या हो सकती है।
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ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के कारण 6: मस्तितिस ब्रेस्टफीडिंग
मस्तितिस ब्रेस्टफीडिंग (Mastitis breastfeeding) एक तरह का इंफेक्शन है जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होता है। ऐसा दरअसल तब होता है जब शिशु ठीक तरह से स्तन को नहीं पकड़ पाता है और न ही वह ठीक तरह से स्तनपान कर पाता है। ऐसी स्थिति में स्तन से खून आने की समस्या हो सकती है। मस्तितिस ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के साथ-साथ स्तन में दर्द, टेंडरनेस, स्तन का गर्म होना, फ्लू की तरह महसूस होना, ब्रेस्ट में सूजन या गांठ होना, ब्रेस्ट का रंग लाल होना, ठंड महसूस होने के साथ-साथ बुखार होने की समस्या हो सकती है।
ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के कारण 7: इंट्राडक्टल पेपिलोमा
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