कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) की प्रक्रिया कई संस्कृतियों में जरूरी मानी गई है। विश्व के कई देशों में कॉर्ड बर्निंग के माध्यम से ही बच्चे की नाल को जला के हटाया जाता है। साधारण तौर पर हॉस्पिटल में वजायनल डिलिवरी हो या फिर सी-सेक्शन, डॉक्टर अंबलिकल कॉर्ड को सीजर की हेल्प से काट देते हैं। कई देशों में होम बर्थ के दौरान अंबलिकल कॉर्ड को जलाने की परंपरा है। ऐसा नहीं है कि कॉर्ड को आग से जला देने पर बच्चे या मां को कोई परेशानी होती हो। ये कार्य एक परंपरा के तहत किया जाता है।
कई देशों में कॉर्ड को जलाने के लिए बकायदा एक बॉक्स का यूज किया जाता है। कॉर्ड को जलाने के पीछे एक मान्यता भी छिपी हुई है। सुनने में ये अजीब लगे, लेकिन होम बर्थ के दौरान इस परंपरा का क्रेज बढ़ रहा है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कुछ देशों में होम बर्थ के दौरान कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) की परंपरा क्यों है।
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कैंडल से होती है कॉर्ड बर्निंग (Cord burning)
कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) के लिए विशेष तौर पर एक बॉक्स तैयार किया जाता है। इस बॉक्स के चारों ओर एक फॉइल भी चढ़ी होती है। इसका मकसद किसी भी तरह से बच्चे को फ्लेम से नुकसान न पहुंचाना होता है। जब घर में बच्चा जन्म ले लेता है तो घर के सदस्य मिकलकर कॉर्ड बर्निंग का काम करते हैं। कॉर्ड बर्निंग के लिए सबसे पहले घर के सदस्य बॉक्स में वैक्स को रखते हैं। फिर बॉक्स के ऊपर कॉर्ड को रखा जाता है। फिर बहुत आराम से मोमबत्तियां जलाई जाती हैं और कॉर्ड को लौ के ऊपर रखा जाता है।
कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) की प्रॉसेस को करने में 20 से 30 मिनट का समय लगता है। घर के सदस्य इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि किसी भी तरह से मां और शिशु को किसी भी प्रकार की हानि न पहुंचे। जब कॉर्ड बर्निंग का काम पूरा हो जाता है तो घर के सदस्य खुशियां मनाते हैं। उनके लिए इस काम का मतलब मां और बच्चे के बीच अच्छे संबंधों की शुरुआत होता है।
कॉर्ड को जलाने की प्रथा: फैमिली बॉन्डिंग के लिए कॉर्ड बर्निंग (Cord burning)
कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) को फैमिली बॉन्डिंग के लिए जरूरी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कॉर्ड को जला देने से मां के साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों से भी बच्चे का रिश्ता मजबूत हो जाता है। इस प्रक्रिया को हॉस्पिटल में नहीं अपनाया जाता है। इसके पीछे का तथ्य ये है कि डॉक्टर्स को ओपन फ्लेम का इस तरह से बच्चे पर यूज करना सही नहीं लगता है। ये प्रक्रिया घर में जन्म लेने वाले बच्चों पर ही अपनाई जाती है।
जेसिका ऑस्टिन फ्रॉम बर्थ टेक ए विलेज के राइटर कहती हैं कि, बच्चे की कॉर्ड जलने पर ठीक वैसा ही महसूस होता है जैसे कि लगभग घर के बाहर आग लगने पर गंध आती है। बेहतर रहेगा कि कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) के समय कमरे के खिड़की और दरवाजों को खोल दिया जाए। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो स्मोक अलार्म बजने का खतरा हो सकता है।
वे आगे कहती हैं कि मुझे लगता है कि ये काम हॉस्पिटल बर्थ के दौरान भी किया जा सकता है। हॉस्पिटल में बच्चे के जन्म लेने के बाद यदि डॉक्टर को कॉर्ड काटने से मना कर दिया जाए तो ये संभव है। जब बच्चा घर आए तो कॉर्ड बर्निंग की प्रॉसेस की जा सकती है। ये बात हॉस्पिटल में मानी जाएगी या नहीं, ये कहना मेरे लिए मुश्किल है।
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कॉर्ड को जलाने की प्रथा: कुछ लोगों को बुरा लग सकता है
ऐसा नहीं है कि इस प्रचलन को सभी जगह अच्छा ही माना जाता है। कॉर्ड बर्निंग को लेकर कुछ लोग बुरा भी मान सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के कॉर्ड बर्निंग प्रॉसेस में भाग लेने की इच्छा जताता है तो इसे सही नहीं माना जाता है। ऐसा क्यों होता है इस बारे में कह पाना मुश्किल है।
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कुछ लोगों को नहीं पसंद है कॉर्ड बर्निंग (Cord burning)
कॉर्ड बर्निंग प्रॉसेस जहां एक ओर कुछ लोग परंपरा के तौर पर अपनाते हैं, वहीं कुछ लोग इसकी आलोचना भी करते हैं। आलोचना करने वाले लोगों का कहना है कि ये जबरदस्ती की जाने वाली प्रॉसेस है। पेरेंटिंग एक इमोशन है। अगर आप बच्चे से प्यार और लगाव रखते हैं तो वो इस बात को समझेगा और वैसा ही आपके साथ भी करेगा। कॉर्ड बर्निंग से रिश्तों के मजबूत होने का मतलब समझ नहीं आता है। साथ ही कॉर्ड बर्निंग के दौरान मां और बच्चे को समस्या भी हो सकती है।
डॉक्टर भी कर देते हैं हेल्प
ऐसा नहीं है कि ये प्रक्रिया केवल घर में ही अपनाई जा सकती है। जो महिलाएं हॉस्पिटल में बच्चे को जन्म देती हैं वे भी इसे अपनाती है। ऐसा माना जाता है कि कॉर्ड बर्निंग से इंफेक्शन और ब्लीडिंग की समस्या कम हो जाती है। कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) के बाद डॉक्टर की हेल्प भी ली जाती है ताकि किसी भी प्रकार की समस्या न रहे।
कैलीफोर्निया की गेस्टन कॉर्ड बर्निंग के बारे में कहती हैं कि मुझे इस बात की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी कि जन्म के बाद बच्चे की नाल को लौ के साथ जला दिया जाएगा। मैं बच्चे को अपने से कसकर चिपकाएं हुए थी। साथ ही उसकी नाल को भी बिस्तर के किनारे कर दिया था ताकि आग की लौ मेरे बच्चे को किसी भी प्रकार की हानि न पहुंचा सके।
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क्या कहना है WHO का?
कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ होकिंस ने कहना है कि, ‘जन्म के बाद जल्द ही प्लासेंटा और बच्चे के बीच रक्त प्रवाह जल्द ही रुक जाता है। कॉर्ड बर्निंग की प्रॉसेस में थोड़ा समय लगता है। इस कारण से कॉर्ड बर्निंग की प्रॉसेस का असर बच्चे के स्वास्थ्य पर नहीं होता। यह सेफ प्रॉसेस है।’ वहीं रॉयल कॉलेज ऑफ मिडवाइव्स के प्रवक्ता ने बताया कि,’ बच्चे के जन्म के बाद प्लासेंटा में किसी भी प्रकार का सर्क्युलेशन नहीं होता है। इस कारण से इसमें बैक्टीरिया या इंफेक्शन के चांसेस बढ़ जाते हैं। जन्म के कुछ ही समय बाद कॉर्ड को हटा देना या फिर जला देना बेहतर रहता है। अगर कॉर्ड बर्निंग का काम कोई एक्सपर्ट करें तो बेहतर रहेगा। बिना जानकारी के पहली बार कॉर्ड बर्निंग (Cord burning) करने वाले जोखिम को बढ़ाने का काम कर सकते हैं।’
कॉर्ड बर्निंग सही है या फिर नहीं, इस बारे में डॉक्टर जानकारी दे सकता है। ये विदेशों में प्रतलित प्रथा है। इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें। उपरोक्त दी गई चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको बच्चे की कॉर्ड के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो बेहतर है कि आप डॉक्टर से बात करें।
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