प्रतिस्पर्धा के इस युग में आजकल हर कोई भाग रहा है। एक महिला भी इसी दौड़ में शामिल है। सुनने वालों को हैरानी नहीं होगी कि महिलाएं प्रतिस्पर्धा में अपनी पूरी भागादारी कर, जीत का मुकाम हासिल कर रही हैं। महिलाओं के जीवन में एक ऐसा भी मोड़ आता है जब उनकी ये रफ्तार थम सी जाती है। जी हां ! बच्चे के जन्म और उसकी देखभाल के दौरान महिलाओं को ऑफिस से कुछ समय का ब्रेक लेना होता है। बच्चों की देखभाल के लिए मैटरनिटी लीव का प्रावधान है। कुछ महिलाएं मैटरनिटी लीव लेकर बच्चे की अच्छी देखभाल करना चाहती हैं। लेकिन मैटरनिटी लीव यानी पेरेंटल लीव के कारण उन्हें ऑफिस में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लंबे समय तक ऑफिस न जा पाने के कारण महिलाओं की पोस्ट के साथ भी भेदभाव हो जाता है। मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस वर्क की जिम्मेदारी संभालने से पहले आपको कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत पड़ सकती है।
आस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग के हालिया अध्ययन के अनुसार, हर दो महिलाओं में एक महिला को पैरेंटल लीव के कारण ऑफिस में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। वर्क एनकाउंटर में लौटने के बाद कुछ मुद्दें अहम रूप से सामने आते हैं।
- फ्लेक्सिबल वर्किंग अरेंजमेंट के लिए एप्लॉयर से समझौता करना।
- पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते काम से समझौता करना।
- बच्चे की जिम्मेदारी के कारण ऑफिस में पूरा समय न दे पाना।
- फुल टाइम की जगह पार्ट टाइम काम करना।
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मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस वर्क: मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) के बाद ऑफिस क्यों हो जाता है कठिन?
मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस में माहौल कुछ अलग हो सकता है। हो सकता है कि महिला का पद किसी और को दे दिया जाए या फिर पेरेंटल लीव के बाद महिला की सैलेरी कम कर दी जाए। हो सकता है कि मैटरनिटी लीव के बाद काम में पूरी तरह से परिवर्तन कर दिया जाए। पेरेंटल लीव रिप्लेसमेंट भी अनकॉमन होता है। ज्यादातर मामलों में ये पाया जाता है कि महिला को उस व्यक्ति को रिपोर्ट करना पड़े, जो अब तक ऑफिस में परमानेंट नहीं था। मैटरनिटी लीव के बाद भेदभाव का सामना तब भी करना पड़ सकता है, जब हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं हो।
मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) के बाद टर्मिनेट होने के होते हैं चांसेज
महिला का मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस वर्क की जिम्मेदारी उठाना जाना जहां एक ओर कठिन हो जाता है, वहीं ऑफिस से टर्मिनेशन लेटर मिलने के चांसेज भी बढ़ सकते हैं। कई बार ऑफिस की ओर से महिला के समय पर ऑफिस न जॉइन करने की बात भी सामने आती है।
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मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस वर्क: मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) के बाद ये बातें रखें ध्यान
हो सकता है कि आपको अपने अधिकारों के बारे में जानकारी न हो। महिला का मां बनना कोई अपराध नहीं होता है। अगर किसी भी महिला को बिना किसी वजह के मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस में परेशान किया जा रहा है तो इसे कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करने से दोबार ऑफिस जॉइन करते समय आने वाली समस्याएं कम हो सकती हैं।
ऑफिस में करें डिस्कस
ऑफिस से जब भी मैटरनिटी लीव लेकर जा रही हों, इस बारे में अपने ऑफिस में जरूर चर्चा करें। हो सके तो ऑफिस में साफ तरीके से ये जरूर बता दें कि आप कब तक काम में वापसी करेंगी। आप इस बारे में लिखित जानकारी दे सकती हैं और ऑफिस के हेड के साइन भी ले सकती हैं। ऐसा करने से दो तरीके की बातें नहीं होंगी। भविष्य में आपको झूठा साबित नहीं किया जा सकेगा कि आप तय समय पर ऑफिस नहीं आईं। समय-समय पर अपने एप्लॉयर को इस बात के बारे में याद जरूर दिलाती रहें कि आप जल्द ही काम में वापसी करेंगी।
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मैटरनिटी लीव पॉलिसी पर दें ध्यान
हर कंपनी की अपनी पॉलिसी होती है। आप अपने ऑफिस में एचआर के पास जाकर मैटरनिटी लीव की पॉलिसी की कॉपी ला सकती हैं। आप चाहे तो मैटरनिटी लीव के बारे में एचआर से डिस्कस भी कर सकती हैं। ऐसा करने से पैरेंटल लीव में आने के बाद आपको ऑफिस में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस वर्क: मैटरनिटी लीव लेने के बाद दिलाते रहें ध्यान
प्राइवेट संस्थानों में कई लोग आते-जाते रहते हैं। ऐसे में अगर महिला मैटरनिटी लीव में चली गई है तो हो सकता है कि एप्लॉयर कुछ समय बाद ये बात भूल जाए। आप चाहें तो 10 दिन या अधिक दिन के अंतर में मेल के माध्यम से उन्हें ये बात ध्यान दिला सकती हैं। साथ ही ऑफिस के कॉन्टेक्ट में रहने से महिला को ऑफिस में होने वाले परिवर्तनों के बारे में भी जानकारी मिलती रहेगी। मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस वर्क कि जिम्मेदारी संभालने के दौरान आपको कई प्रकार के चैलेंज को फेस करना पड़ सकता है।
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मैटरनिटी लीव खत्म होने से पहले
मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस वर्क अगर आप करना चाहती हैं तो पहले से ही आपको इस बारे में डिस्कस करना सही रहेगा। आप मैटरनिटी लीव खत्म होने के एक या दो महीने पहले अपनी सुविधा संबंधी किसी भी मुद्दे को लेकर ऑफिस में चर्चा कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका ऑफिस में कॉन्टेक्ट बना रहेगा। अगर किसी भी प्रकार की समस्या है तो उसके लिए ऑफिस में एचआर से जाकर विशेष अनुबंध किया जा सकता है। अगर आपको फुल टाइम जॉब नहीं करनी है तो भी इस बारे में एचआर से जाकर संपर्क करें।
बातचीत से निकल सकता है समाधान
बातचीत से समाधान निकाला सबसे आसान माना जाता है। अगर किसी कारण आपको वर्किंग अरेंजमेंट में समस्या हो रही है तो ऑफिस की पॉलिसी के अनुसार उसे सुलझाने का प्रयास किया जा सकता है। इस संबंध में अगर आपको जानकारी नहीं है तो किसी ऐसे व्यक्ति से जानकारी लें, जो ऑफिस की पॉलिसी को बारीकी से जानता हो। आप चाहे तो किसी भी समस्या के संबंध में लिखित अनुरोध भी कर सकते हैं।
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मैटरनिटी लीव के बाद परिवार वालों का साथ है जरूरी
मैटरनिटी लीव किसी भी महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। परिवार और बच्चे के साथ कीमती समय बिताना हर महिला का अधिकार होता है। मैटरनिटी लीव के बाद महिलाओं के साथ ऑफिस में भेदभाव होना गलत बात होती है। महिलाओं के लिए ये जरूरी है कि मैटरनिटी लीव के दौरान अपने काम की प्रैक्टिस करते रहे। परिवार वालों की हेल्प से आपको कुछ समय रिलेक्स मिल जाएगा और आप अपने काम को भी घर में थोड़ा समय दे पाएंगी।
मैटरनिटी लीव के दौरान बहुत जरूरी है कि महिलाओं को अपने ऑफिस, कलीग्स और काम के संपर्क में रहना चाहिए। अगर आप एक अच्छी वर्कर हैं तो ऑफिस आपको पूरी तरह से सपोर्ट करेगा। अगर ऐसा नहीं है तो आपको अपनी ओर से कुछ प्रयास करने होंगे।
उपरोक्त जानकारी एक्पर्ट की राय नहीं है, अगर आपको इस विषय के बारे में अधिक जानकारी चाहिए, तो बेहतर होगा कि आप एक्सपर्ट से राय लें।
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