क्या आप वैक्यूम डिलिवरी इंजुरी के बारे में जानते हैं ? अगर आपने वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी के बारे में अब तक नहीं सुना है तो आपको फिल्म का एक सीन याद दिलाती हूं। आपने ‘थ्री इडियट्स’ फिल्म देखी होगी जिसमें फिल्म के लास्ट में आमिर खान डिलिवरी करवाते हुए दिखाएं जाते हैं। जब बच्चा मां की वजायना से बाहर नहीं निकलता है तो फिल्म में डॉक्टर बनी करीना आमिर को वैक्यूम पंप की ओर इशारा कर कहती हैं कि इससे बच्चे के सिर को आराम से बाहर निकालो फिर बच्चा बाहर निकल आता है। इसको ही वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी कहते हैं।
यकीन है आपको जरूर याद आ गया होगा, लेकिन ध्यान रखें वो फिल्म का सीन था, हकीकत में ऐसा नहीं होता है। वैक्यूम डिलिवरी (vacuum delivery) बहुत सावधानी से की जाती है। सावधानी बरतने के बावजूद इंजुरी का खतरा बना रहता है। वैक्यूम डिलिवरी इंजुरी का खतरा बढ़ा देती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि किस तरह से वैक्यूम डिलवरी इंजरी के खतरे को बढ़ा देती है।
और पढ़ें : डिलिवरी के बाद क्यों होती है कब्ज की समस्या? जानिए इसका इलाज
वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी से बच्चे को होने वाले खतरे
अगर वैक्यूम एक्सट्रेक्शन का सही तरह से उपयोग किया जाता है तो इसके रिस्क कम हो जाते हैं। कई बार ज्यादा फोर्स अप्लाई होने से बच्चे में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- स्कैल्प में घाव और ब्लीडिंग (bleeding)।
- गर्दन में नर्व की स्ट्रेचिंग समस्या, इसकी वजह से ब्रेकियल प्लेक्सस इंजुरी (Brachial plexus injury) होने का खतरा रहता है।
- स्किन या फिर ब्रेन के अंदर ब्लीडिंग होने का खतरा।
- आंखों में ब्लीडिंग (bleeding) की समस्या।
- स्कल फ्रैक्चर की समस्या।
- ब्रेन डैमेज के कारण परमानेंट डिसेबिलिटी (permanent disability)।
और पढ़ें : डिलिवरी के दौरान कब और कैसे करें पुश?
वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी के कारण मां को होने वाले खतरे
वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी के दौरान वैक्यूम कप की हेल्प से सक्शन किया जाता है। इस विधि का प्रयोग सी-सेक्शन से बचने के लिए किया जाता है। किसी कारणवश खिंचाव ज्यादा हो जाने के कारण होने वाली मां को भी रिस्क रहता है।
- लोअर जेनिटल ट्रेक में डैमेज और टिअरिंग की समस्या
- लेबर और डिलिवरी के बाद पेरेनियम में दर्द (आपकी योनि और गुदा के बीच का ऊतक – प्रसव के बाद)
- ब्लड लॉस और एनीमिया की समस्या
- पेल्विक ऑर्गन के आसपास मसल्स और लिगामेंट की वीकनेस की समस्या
- स्टूल और यूरिन पास करने के दौरान आने वाली अल्पकालिक समस्याएं
- अल्पकालिक या दीर्घकालिक यूरिन या स्टूल इंकॉन्टीनेंस (अनैच्छिक यूरिन या स्टूल पास करना)
और पढ़ें : डिलिवरी के वक्त दाई (Doula) के रहने से होते हैं 7 फायदे
वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए अगर:
- आपके शिशु को एक ऐसी स्थिति है जो उसकी हड्डियों की मजबूती को प्रभावित करती है, जैसे कि ओस्टोजेनेसिस इम्पेक्टा या रक्तस्राव विकार (bleeding disorder) जैसे हीमोफिलिया
- प्रसव के दौरान शिशु का सिर बर्थ कैनाल के मध्य बिंदु से आगे न बढ़ा हो
- आपके शिशु के सिर की स्थिति ज्ञात नहीं है
- आपके शिशु के कंधे, हाथ, हिप्स या पैर बर्थ कैनाल के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं आदि।
और पढ़ें : क्या एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण न कर पाने के बीच है कोई संबंध?
कब पड़ती है वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी की जरूरत?
वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी (vacuum extraction delivery) से पहले प्लान करना मुश्किल होता है क्योंकि इसकी जरूरत अचानक से पड़ सकती है। डॉक्टर पहले लेबर रूम में कॉन्ट्रैक्शन के दौरान पुश करने के लिए कहेगा। लेबर की सेंकेंड स्टेज में पहुंचने के बाद भी जब आपके पुश करने के बाद बच्चा बर्थ कैनाल से बाहर नहीं निकलता है तो डॉक्टर चेक करते हैं कि बच्चे का सिर कहां है? अगर बच्चे का सिर बर्थ कैनाल के मिड तक पहुंच जाता है तो वो थोड़ा वेट करने के बाद वैक्यूम एक्सट्रैक्शन का यूज करते हैं।
वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी : डॉक्टर कैसे करते हैं तैयारी
इससे पहले कि डॉक्टर आपकी डिलिवरी के लिए वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी की सलाह देते हैं वे प्रसव के अन्य तरीकों को प्रोत्साहित करने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, पुश को और प्रभावी बनाने के लिए डॉक्टर एनेस्थीसिया को एडजस्ट कर सकते हैं। कॉन्ट्रैक्शंस को बढ़ाने के लिए डॉक्टर इन्ट्रवीनस मेडिकेशन का भी सहारा ले सकते हैं। डॉक्टर आपकी योनि और गुदा (एपिसीओटॉमी) के बीच के ऊतक में एक चीरा लगाकर भी आपके शिशु की डिलिवरी को आसान बना सकते हैं।
यदि डॉक्टर को आपके लिए वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी सबसे अच्छा विकल्प लगता है, तो डॉक्टर वैक्यूम डिलिवरी प्रक्रिया के जोखिमों और लाभों के बारे में बताते हैं फिर आपकी सहमति से ही वैक्यूम डिलिवरी अंजाम देते हैं।
और पढ़ें : क्या हैं शिशु की बर्थ पुजिशन्स? जानें उन्हें ठीक करने का तरीका
संकुचन के दौरान यूज किया जाता है वैक्यूम पंप
आपका हेल्थ केयर प्रोवाइडर वैक्यूम कप को वजायना के अंदर डालेगा और फिर बेबी के सिर में कप को लगाने के बाद पंप से खिंचाव किया जाएगा। जब महिला को संकुचन आते हैं तभी कप की हेल्प से खिंचाव किया जाता है। कुछ देर बाद वैक्यूम पंप की गति को बढ़ा दिया जाता है। वैक्यूम पंप की गति को ज्यादा या फिर कम किया जा सकता है। बेबी के पैदा हो जाने के बाद वैक्यूम पंप को हटा दिया जाता है।
वैक्यूम डिलिवरी हमेशा सक्सेसफुल नहीं होती है। अगर हेल्थ केयर प्रोवाइडर को वैक्यूम डिलिवरी के दौरान सफलता नहीं मिलती है तो सी-सेक्शन किया जाता है।
और पढ़ें : डिलिवरी के बाद क्यों होती है कब्ज की समस्या? जानिए इसका इलाज
वैक्यूम डिलिवरी इंजुरी चेक करेगा डॉक्टर
वैक्यूम एक्सट्रेक्शन के बाद डॉक्टर जांच करेगा कि कहीं आपको वैक्यूम डिलिवरी इंजुरी तो नहीं हुई है। जांच के बाद अगर आपको इंजुरी हुई है तो डॉक्टर घाव को रिपेयर करेगा। डॉक्टर बच्चे के शरीर की भी पूरी तरह से जांच करते हैं। अगर कोई इंजुरी या घाव है तो उसे ठीक किया जाता है।
कुछ समय तक हो सकती है परेशानी
वैक्यूम डिलिवरी इंजुरी हो जाने पर डॉक्टर घाव रिपेयर करेगा। अगर डिलिवरी के दौरान वजायना में कट किया गया है तो उसमे टांके लगाए जाएंगे। हर घाव कम हैं तो वैक्यूम डिलिवरी इंजुरी को ठीक होने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है। अगर इंजुरी ज्यादा है तो ठीक होने का समय बता पाना मुश्किल है। डॉक्टर जांच के बाद आपको सही जानकारी दे सकता है।
और पढ़ें :लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन (LSCS) के बाद नॉर्मल डिलिवरी के लिए ध्यान रखें इन बातों का
डिलिवरी के दौरान डिफरेंट सिचुएशन आ सकती है। सभी महिलाओं की डिलिवरी एक जैसी नहीं होती है। इस आर्टिकल में आपको वैक्यूम एक्सट्रैक्शन डिलिवरी इंजुरी के बारे में जानकारी दी गई है। ये बात ध्यान रखें कि कई बार बिना किसी इंजुरी के भी वैक्यूम डिलिवरी हो सकती है। उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा इससे जुड़ा कोई भी सवाल आपके पास है तो कमेंट बॉक्स में आप हमसे पूछ सकते हैं।
[embed-health-tool-due-date]