प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह की समस्या से बचने के लिए बेहतर है कि आप बहुत ज्यादा गर्म पानी से ज्यादा देर तक न नहाएं। गर्भवती महिला के लिए सौना, हॉट टब या स्टीम बाथ को सुरक्षित नहीं माना जाता है। हां, थोड़े से गर्म पानी से स्नान कर सकती हैं या हॉट शॉवर ले सकती हैं। पानी उतना ही गर्म इस्तेमाल करें जिसमें आप सहज महसूस कर सकें। यदि पानी में जाते ही आपको पसीना आने लगता है या त्वचा लाल होने लगती है, तो तुरंत बाथटब से बाहर आ जाएं और पानी ठंडा होने पर ही स्नान करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्म पानी से स्नान करते समय बबल्स, खुशबूदार तेल और नमक से परहेज़ करें। क्योंकि यह वजायना के ऐसिडिक बैलेंस को बदल सकते हैं और इससे यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है।
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गर्भावस्था और हॉट वॉटर बाथ कब बन सकता है जोखिम भरा?
हॉट वॉटर बाथ बहुत ही कम समय के लिए सुरक्षित माना जा ता है। एक गर्म टब में 10 मिनट से अधिक समय बिताने से शरीर का तापमान 101 F (38.3 C) से अधिक हो सकता है। शोधों के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक समय तक हॉट वॉटर बाथ टब में लेटने से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural tube defect) का खतरा बढ़ सकता है। जो गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए जानलेवा भी हो सकता है।
क्या है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट?
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी की गंभीर असामान्यताओं की स्थिति को कहा जाता है। गर्भावस्था के शुरूआती चरण में जब भ्रूण का विकास होने लगता है, तब न्यूरल ट्यूब विकसित होता है। यह आमतौर पर गर्भधारण के दो हफ्तों के भीतर विकसित होने लगता है। यह ट्यूब एक छोटे से रिबन की तरह होता है जो बाद में ब्रेन स्पाइनल कॉर्ड और नसों में विकसित होता है। लेकिन कुछ वजहों से यह न्यूरल ट्यूब असामान्यताएं विकसित करने लगता है जिसके कारण ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और नसों के विकास में बाधाएं आने लगती है। आमतौर पर यह समस्या शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है।
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कब बढ़ सकता है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का खतरा?
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का खतरा प्रेग्नेंसी के शुरूआती चरण यानी पहले महीने में ज्यादा बढ़ सकता है। आमतौर पर न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट दो प्रकार के हो सकते हैं। पहला स्पाइना बिफिडा और दूसरा अनेंसेफाली।