नवजात शिशु की त्वचा पर बाल जन्म से ही होते हैं। कई महिलाएं इनको लेकर चिंतित रहती हैं। गर्भाशय में यह बाल एक अहम भूमिका निभाते हैं। इंडियन फैमिलीज में नवजात शिशु की त्वचा से बाल निकालने के कई तरीके प्रचलित हैं। जिनमें आयुर्वेदिक आटा, मिल्क ब्रेड, हल्दी और दूध, उबटन शामिल हैं। इस पर हमने जबलपुर के अग्रवाल आई एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल की कंसल्टेंट पीडियाट्रीशियन डॉक्टर सोनिका अग्रवाल से खास बातचीत की। आइए जानते हैं उन्होंने इस संबंध में क्या कहा?
शिशु की त्वचा पर बालों के ऊपर डॉक्टर की राय
डॉक्टर सोनिका अगरवाल ने कहा कि नवजात शिशु की स्किन पर बाल मां के गर्भ से ही आते हैं। शिशु के कंधे, माथे और हांथों पर बाल होते हैं। ज्यादातर परिवारों में इन्हें निकालने के कुछ घरेलू उपाय प्रचलति हैं।
हकीकत में नवजात की उम्र बढ़ने के साथ ही यह बाल अपने आप निकल जाते हैं। इन्हें निकालने के लिए आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है। यदि आप बेसन या हल्दी की लोई बनाकर लगाते हैं तो इससे फायदा नहीं होता है। इससे बच्चे को दर्द का अहसास होता है। डॉक्टर सोनिका ने बताया कि यह बाल आजीवन बॉडी पर नहीं रहते हैं। ऐसे में इनको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
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शिशु की त्वचा पर बालों की अहमियत
डॉक्टर सोनिका के मुताबिक, ‘गर्भ में शिशु की स्किन पर यह बाल बेहद ही महत्वपूर्ण होते हैं। नवजात शिशु की त्वचा बेहद ही नाजुक होती है। गर्भाशय से बाहर निकलकर जब शिशु बाहरी दुनिया में आता है तो यही बाल शिशु की त्वचा की रक्षा करते हैं।’ उन्होंने बताया कि किसी शिशु की त्वचा पर यह बाल कम होते हैं तो किसी की स्किन पर ज्यादा। यह त्वचा पर होने वाले संक्रमण को रोकने में कारगर नहीं होते क्योंकि इन बालों की लेयर काफी पतली होती है।
त्वचा पर कम या ज्यादा बाल आने के कारण
उन्होंने कहा कि नवजात शिशु की त्वचा पर बाल ज्यादा या कम होंगे यह उसके माता पिता के जींस पर निर्भर करता है। यदि माता पिता की त्वचा पर ज्यादा बाल हैं तो शिशु की त्वचा पर भी यह ज्यादा होंगे। कई बार लड़कियों की स्किन पर ज्यादा बाल रहते हैं। इसका कारण उनके अंदर अपने पिता के जींस ज्यादा होना होता है। त्वचा पर बालों के घनेपन के पीछे पर्यावरण के कुछ कारक भी जिम्मेदार होते हैं।
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स्किन से बाल निकालने के नुकसान
डॉक्टर के मुताबिक, महिलाएं शिशु की त्वचा से बाल निकालने के लिए हल्दी या बेसन की लोई रगड़ती हैं। लोई को यदि रगड़कर लगाया जाए तो यह शिशु की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है। हकीकत में लोई से बाल नहीं निकलते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के घरेलू उपाय करने की जरूरत नहीं है। मालिश करते वक्त शिशु की उम्र का खासतौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही उसकी स्किन पर कुछ भी अप्लाई करने से पहले यह चेक कर लेना चाहिए कि उसे कोई एलर्जी तो नहीं। यदि नवजात की उम्र कम है तो मालिश करते वक्त भी खास सावधानी बरती जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हल्दी या बेसन की लोई को लगाने से त्वचा पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
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शिशु की त्वचा से बालों को निकालने के लिए बाहर के प्रोडक्ट्स इस्तेमाल नहीं करने चाहिए। यह शिशु की त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। महिलाओं को शिशु की मालिश में आयुर्वेदिक तेल इस्तेमाल करने चाहिए। जितना संभव हो सिंथेटिक चीजों को शिशु की त्वचा से दूर रखें।
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