प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान हो सकता है कि अचानक से वाटर ब्रेक हो जाए। समय से पहले वाटर ब्रेक होना समस्या खड़ी कर सकता है। इस दौरान यूट्रस में दवाब पड़ने से कई बार यूरिन भी पास हो जाती है। कई महिलाएं इसे लेकर परेशान हो सकती हैं। अगर समय से पहले वाटर ब्रेक हुआ है तो आपको बिना इंतजार किए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। गर्भावस्था में आने वाली समस्याएं कई बार बड़ी परेशानी भी खड़ी कर सकती हैं।
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प्री मैच्योर बेबी का होना
बच्चा मां के पेट में नौ माह रहता है और ग्रोथ करता है। प्रेग्नेंसी के सभी महीने बहुत अहम होते हैं। अगर बच्चा किसी कारणवश समय से पहले पैदा हो जाता है तो बच्चे का वजन कम हो सकता है। प्री मैच्योर डिलिवरी होने पर बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है। अगर बच्चा आठ माह में पैदा होता है तो बच्चे के वजन कम होने की संभावना रहती है। जो महिलाएं ज्यादा उम्र में मां बनती हैं, उन महिलाओं के प्री मैच्योर डिलिवरी की अधिक संभावना होती है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं।
गर्भावस्था में समस्या किसी को भी हो सकती है। सभी महिलाओं का शरीर प्रेंग्नेंसी के दौरान अलग लक्षण दिखा सकता है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान कोई समस्या हो तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। इस दौरान किसी भी सलाह को बिना डॉक्टर से पूछें न अपनाएं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।