जिस प्रकार से प्रेग्नेंसी के दौरान आपको पेट के निचले हिस्से, जांघों में स्ट्रेच मार्क दिखते हैं, ठीक उसी तरह से प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में भी खिचाव के निशान दिखाई दे सकते हैं। आपको इन निशानों से घबराने की जरूरत नहीं है। अगर आपको स्तनों में खिचाव का निशान दिखाई दे रहा है तो उस स्थान में मॉश्चराइजिंग क्रीम का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से स्ट्रेच मार्क की समस्या कम हो सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि खिचाव के निशान तब अधिक बढ़ जाते हैं जब त्वचा को सही तरह से नमी नहीं मिल पाती है। आप चाहे तो डॉक्टर को इस बारे में जानकारी देकर स्ट्रेच मार्क को दूर करने वाली क्रीम का उपयोग भी कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट की जांच है जरूरी
वैसे तो महिलाओं को अपने ब्रेस्ट की जांच हमेशा ही करनी चाहिए, लेकिन आपको प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने ब्रेस्ट की चार से पांच हफ्तों में जांच जरूर करनी चाहिए। आप जब ब्रेस्ट चेक करेंगे तो आपको उनमे भारीपन का एहसास हो सकता है, साथ ही कुछ गांठ जैसा एहसास भी हो सकता है जो सामान्यत: मिल्क डक्ट होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर का खतरा मालूम नहीं पड़ता है, लेकिन महिला सावधानी से बड़े खतरे से बच सकती है। 30 से 35 साल में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम ही होता है, लेकिन महिलाओं को अपने ब्रेस्ट की जांच जरूर करनी चाहिए। अगर आपको किसी एक स्थान गांठ का एहसास हो रहा है और साथ ही दर्द की भी समस्या है तो आपको डॉक्टर से जांच जरूर करानी चाहिए।
डिलिवरी के बाद स्तनों में क्या बदलाव देखे जा सकते हैं?
प्रसव के बाद भी स्तनों का आकार बड़ा रहता क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क का बनना जारी रहता है। किसी-किसी महिला के स्तनों में दूध अधिक मात्रा में बनता है, इसे स्तन अतिरक्तता (Breast Engorgement) कहते है। स्तन अतिरक्तता की वजह से ब्रेस्ट में दर्द या सूजन भी महसूस होने लगती है लेकिन, अक्सर स्तनपान या पंपिंग के बाद दर्द और सूजन में राहत मिल जाती है। प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट में बदलाव (Breast changes in pregnancy) आना सामान्य है लेकिन कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के बाद भी बदलाव दिखता है।
डिलिवरी के बाद जब ब्रेस्ट मिल्क बनाना बंद हो जाता है तो कुछ महिलाओं के स्तन अपने पुराने शेप और साइज में वापस आ जाते हैं। तो वहीं कुछ महिलाओं के स्तनों का आकार बड़ा ही रहता है। निप्पल का आकार और रंग पहले जैसा हो भी सकता है और नहीं भी लेकिन, ब्रेस्टफीडिंग बंद करने के बाद निपल्स का रंग धीरे-धीरे हल्का होने लगेगा। जहां प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट साइज बड़ा होता है वहीं प्रेग्नेंसी के बाद ब्रेस्ट साइज छोटा होता है। यह हर किसी के लिए अलग-अलग है। जो महिलाएं लंबे समय तक स्तनपान कराती है उनके ब्रेस्ट और निप्पल में बदलाव होता है।