HPV यानी ह्यूमन पेपीलोमा वायरस जो एक सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually Transmitted Infections) है। हालांकि, सेक्स से जुड़े शब्दों की वजह से इस विषय पर ज्यादा चर्चा नहीं होती है। वहीं संदेह तो यह भी जताया जाता है कि जो लड़कियां सेक्शुअली एक्टिव नहीं हैं तो उन्हें HPV वैक्सीन नहीं लेना चाहिए यानी लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन (HPV Vaccine for girls) आवश्यक नहीं हैं! ऐसे ही कई तरह के कयास लगाए जाते हैं, लेकिन हम आपके लिए इस आर्टिकल में लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन (HPV Vaccine for girls) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने जा रहें हैं, जो लड़कियों के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को जानना बेहद जरूरी है। इसलिए आज इस आर्टिकल में जानेंगे-
- ह्यूमन पेपीलोमा वायरस क्या है?
- लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन क्यों जरूरी है?
- किन महिलाओं या लड़कियों को HPV वैक्सीन रिकमेंड की जाती है?
- HPV वैक्सीन से जुड़ी खास जानकारी
- क्या प्रेग्नेंसी के दौरान HPV वैक्सीन लगवाना चाहिए?
- क्या प्रेग्नेंसी के दौरान लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है?
- किन लोगों में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा ज्यादा होता है?
HPV वैक्सीन (एचपीवी वैक्सीन) से जुड़े इन सवालों का जवाब अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट्स के आधार पर आगे आपके साथ शेयर कर रहें।
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ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (human papillomavirus) क्या है?
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD’s) की लिस्ट में ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) सबसे सामान्य परेशानी है। HPV का इंफेक्शन इन्फेक्टेड व्यक्ति (महिला या पुरुष) के संपर्क में आने से होता है। इसकी वजह से शरीर के कुछ खास ऑर्गन जैसे हाथ (Hand), पैर (Feet) और प्राइवेट ऑर्गन (Genital Organ) में मस्से बनने लगते हैं। HPV संक्रमण (HPV Infection) इंटरकोर्स की वजह से भी एक त्वचा से दूसरे व्यक्ति की त्वचा में फैल सकता है। वहीं प्राइवेट ऑर्गन के संपर्क में आने से इंफेक्शन (Infection) का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इस बीमारी को इलाज नहीं है। दरअसल सावधानी और समझदारी से इस बीमारी बचा जा सकता है। इसलिए आगे लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन (HPV Vaccine for girls) के बारे में समझेंगे।
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लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन क्यों जरूरी है? (Importance of HPV vaccine for girls)
HPV वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से बचाव के लिए प्रिस्क्राइब की जाती है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancers) का खतरा बढ़ने के साथ ही एनस, वल्वा, वजायना और थ्रोट के पिछले हिस्से को अपना शिकार तेजी से बनाता है। HPV वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के किसी बी प्रकार से बचाव में मददगार मानी गई है। वहीं महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को ध्यान में रखते हुए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन को अनिवार्य बताया गया है। इस रिसर्च रिपोर्ट में भारत के आंकड़ों की चर्चा तो नहीं की गई है, लेकिन यूनाइटेड स्टेट्स में साल 2016 में 12,000 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) डायग्नोस की गईं थीं। इन 12000 महिलाओं में 4,000 महिलाओं की मौत भी इसी कारण से हुई थी। यहां आंकड़ों से जुड़ी जानकारी शेयर करने का मकसद आपको डराना नहीं है, बल्कि इससे इस बीमारी के प्रति सजग करना है और HPV वैक्सीन के अनिवार्यता को समझना है। इसलिए लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन HPV वायरस और जेनाइटल वार्ट्स (Genital warts) से बचाव का विकल्प है।
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किन महिलाओं या लड़कियों को HPV वैक्सीन रिकमेंड की जाती है? (HPV Vaccine to recommended to girl or women)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों को HPV वैक्सीन अलग-अलग उम्र में दी जाती है, जो इस प्रकार है-
- 11 से 12 साल की लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन
- 13 से 26 साल की उम्र की लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन
उम्र के इन दो अलग-अलग पड़ाव में लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन रिकमेंड की जाती है। इसके अलावा 9 साल की उम्र में भी लड़कियों को HPV वैक्सीन दी जा सकती है। रिसर्च रिपोर्ट में यह कहा गया है कि 11 से 12 साल की लड़कियों को HPV वैक्सिनेशन से HPV के कारण कैंसर की संभावनाओं को कम करने में मददगार हो सकती है।
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HPV वैक्सीन से जुड़ी खास जानकारी (Important notes on HPV Vaccine)
- HPV विवालेंट वैक्सीन (HPV bivalent vaccine) HPV 16 and 18 से बचाव के लिए दी जाती है।
- HPV क्वाड्रीवॉलेंट वैक्सीन (HPV quadrivalent vaccine) HPV के प्रकार में शामिल 6, 11, 16 और 18 से बचाव के लिए दी जाती है।
- HPV 9 वॉलेट वैक्सीन (HPV 9-valent vaccine) HPV के प्रकार में शामिल 6, 11, 16, 18, 31, 33, 45, 52 और 58 से बचाव के लिए दी जाती है।
टीकाकरण से HPV के प्रकार और HPV वैक्सीन से जुड़ी इन 3 बातों को अवश्य ध्यान रखें।
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क्या प्रेग्नेंसी के दौरान लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है? (Can pregnant women get the HPV vaccine?)
एचपीवी वैक्सीन गर्भवती महिलाओं (Pregnant lady) को नहीं दी जाती है। इसके अलावा वैक्सिनेशन के दौरान अगर कोई महिला बीमारी है, तो ऐसी स्थिति में भी वैक्सीन नहीं दी जाती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार एलर्जी (Allergy) की समस्या से पीड़ित लोगों को HPV वैक्सीन लेने के पहले इसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर देनी चाहिए। वहीं यह भी ध्यान रखें कि अगर आप किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, तो इसकी जानकारी और अपनी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर के साथ जरूर शेयर करें।
नोट : गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद डॉक्टर से सलाह लेकर HPV वैक्सिनेशन करवाना चाहिए या अगर वैक्सिनेशन की डोज पूरी नहीं हुई है, तो डोज कंप्लीट जरूर करना चाहिए।
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किन लोगों में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा ज्यादा होता है? (Who are more prone to HPV)
ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा निम्नलिखित लोगों में ज्यादा देखी जा सकती है। जैसे:
- अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना।
- पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है HPV खतरा।
- एक से ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध बनाना।
- इम्यून सिस्टम (Immune system) कमजोर होना।
इन स्थितियों में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का खतरा बढ़ जाता है।
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लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन: HPV वैक्सिनेशन के बाद क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं? (Side effects after HPV Vaccination)
HPV वैक्सिनेशन के बाद सामान्य तकलीफों से गुजरना पड़ सकता है। जैसे इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द (Pain), सूजन (Swelling) एवं उस एरिया में स्किन का लाल (Skin redness) होना। इन तकलीफों से परेशान ना हों ये अपने आप 2 से 3 दिनों में ठीक हो सकती हैं। वैसे अगर ये परेशानी ज्यादा दिनों तक बनी रहे या कोई अन्य शारीरिक परेशानियां समझ आये, तो देर ना करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आप ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV), HPV के बचाव या HPV के प्रकार (Types of HPV) या लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन (HPV Vaccine for girls) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। ध्यान रखें किसी भी बीमारी का इलाज नेगेटिव सोच, तनाव, घबराहट या शर्माने से नहीं किया जा सकता है। इसलिए किसी भी बीमारी या शारीरिक परेशानी होने पर अपने करीबी और डॉक्टर से बात करें और स्वस्थ्य रहें।
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