एसेंशियल ऑयल (essential oil) का नाम तो आपने सुना ही होगा। लेकिन यह है क्या ये और कैसे काम करता है, इसको भी जानना जरूरी है। एसेंशियल ऑयल कई तरह के पौधों से निकाला जाने वाला अर्क हैं। अरोमाथेरेपी, प्राकृतिक उपचार और अल्टरनेटिव हेल्थ प्रैक्टिसेज में इनका उपयोग खूब किया जाता है। हालांकि, इन तेलों से जुड़े स्वास्थ्य लाभों को लेकर कुछ कॉन्ट्रोवर्सी भी है। ऐसे में इनके उपयोग से पहले आपको उनके स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानने की आवश्यकता है। “हैलो स्वास्थ्य” का यह आर्टिकल एसेंशियल ऑयल और उनके उपयोग, लाभ और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में ही आधारित है।
एसेंशियल ऑयल (essential oil) क्या हैं?
एसेंशियल ऑयल (essential oil) लाभकारी पौधों के लिक्विड एक्सट्रैक्ट होते हैं। जिन पौधों से ये बनाए जाते हैं उनकी तुलना में इनसे बने तेलों में ज्यादा स्ट्रांग स्मेल होती है। इसके साथ ही इनमें एक्टिव इंग्रेडिएंट्स (active ingredients) भी उच्च स्तर में मौजूद होते हैं। एसेंशियल ऑयल को निकालने के कई तरीके हैं जैसे- स्टीम या वाटर डिस्टिलेशन (distillation) या मैकेनिकल मेथड जैसे कोल्ड प्रेसिंग (cold pressing) से निकाला जाता है।
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एसेंशियल ऑयल (essential oil) कैसे काम करते हैं?
अरोमाथेरेपी में इन तेलों का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, जिसमें तेलों को कई तरीकों से सांस के माध्यम से लिया जाता है। इन तेलों को निगला नहीं जाता है क्योंकि एसेंशियल ऑयल में मौजूद केमिकल्स शरीर के साथ कई तरीकों से इंटरैक्ट कर सकते हैं। इनकी स्मेल को इन्हेल करने से आपके लिम्बिक सिस्टम के क्षेत्र उत्तेजित होते हैं जो आपके मस्तिष्क का एक हिस्सा होते हैं। ये इमोशंस, व्यवहार, स्मेल के सेंस और लॉन्ग टर्म मेमोरी में भूमिका निभाते हैं। लिंबिक सिस्टम (limbic system) मेमोरीज को बनाने का काम करता है। लिम्बिक सिस्टम कई अनकॉन्ससियस शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करने में भी भूमिका निभाता है, जैसे कि ब्रीदिंग, हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर।
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कुछ फेमस एसेंशियल ऑयल (essential oil) और उनके स्वास्थ्य लाभ
लगभग 90 से भी अधिक तरह के एसेंशियल ऑयल मौजूद हैं। हर ऑयल की अपनी स्पेशल स्मेल और उनके स्वास्थ्य लाभ हैं। यहां 10 सबसे फेमस ऑयल और उनसे जुड़े हेल्थ बेनिफिट्स बताए जा रहे हैं-
लैवेंडर ऑयल (Lavender essential oil)
लैवेंडर को थेराप्यूटिक और क्यूरेटिव गुणों की वजह से जाना जाता है। पैरासाइट इंफेक्शन, कीड़े के काटने, जलने और ऐंठन के उपचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। लैवेंडर का तेल कई न्यूरोलॉजिकल विकारों के उपचार में एक प्रभावी दवा के रूप में काम करता है। तनाव दूर करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
सैंडलवुड एसेंशियल ऑयल (Sandalwood essential oil)
इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-टैनिंग, एंटी-वायरल जैसे तमाम गुण पाए जाते हैं जो हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। नींद न आने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए इसका उपयोग मददगार हो सकता है। तंत्रिकाओं को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने में भी यह फायदेमंद होता है।
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पेपरमिंट ऑयल (Peppermint essential oil)
पेपरमिंट में एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीस्पास्मोडिक, एंटीऑक्सिडेंट, मायोरेलैक्सेंट, एनाल्जेसिक जैसी कई प्रॉपर्टीज होती हैं। पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल एनर्जी को बढ़ाने और डाइजेशन में मदद करने के लिए किया जाता है।
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बरगामोट एसेंशियल ऑयल (Bergamot essential oil)
ऑरेंज फैमिली का एक पेड़ (सिट्रस बर्गामिया), जिसमें एक गोल या नाशपाती के आकार का फल होता है, जिसके छिलके से एसेंशियल ऑयल बनाया जाता है। इस एसेंशियल ऑयल का उपयोग अरोमाथेरपी में खूब किया जाता है।इसका इस्तेमाल तनाव को कम करने और एक्जिमा जैसी स्किन प्रॉब्लम में सुधार करने के लिए किया जाता है।
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रोज एसेंशियल ऑयल (Rose essential oil)
गुलाब के तेल में कई साइकोलॉजिकल, फिजियोलॉजिकल, एनाल्जेसिक और एंटी-एंग्जायटी इफेक्ट्स होते हैं। मूड में सुधार और चिंता को कम करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
कैमोमाइल ऑयल (Chamomile oil)
मूड को सही करने और रिलैक्सेशन को बेहतर बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
इलंग इलंग (Ylang-Ylang) एसेंशियल ऑयल
इस एसेंशियल ऑयल का उपयोग अरोमाथेरेपी में किया जाता है और माना जाता है कि यह अवसाद, उच्च रक्तचाप और चिंता के इलाज में प्रभावी होता है।
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टी-ट्री एसेंशियल ऑयल
संक्रमण से लड़ने और इम्युनिटी को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
जैसमिन (चमेली) एसेंशियल ऑयल
अवसाद को कम करने और कामेच्छा को बढ़ाने में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
लेमन एसेंशियल ऑयल
एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ऑक्सीडेंट्स जैसे गुण इसमें पाए जाते हैं। इसलिए, इसका इस्तेमाल फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में खूब किया जाता है पाचन और सिरदर्द में इसका उपयोग किया जाता है।
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एसेंशियल ऑयल (essential oil) से जुड़ी सेफ्टी और साइड इफेक्ट्स
ये ऑयल प्राकृतिक हैं इसका मतलब यह नहीं कि ये पूरी तरह से सुरक्षित हैं। पौधों और हर्बल प्रोडक्ट्स में कई बायोएक्टिव कंपाउंड्स (bio active compounds) होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, जब त्वचा पर इसका उपयोग बेस ऑयल के साथ किया जाता है, तो अधिकांश एसेंशियल ऑयल सुरक्षित ही होते हैं। इसके अलावा इनकी खुशबू प्रेग्नेंट महिलाओं, बच्चों या पालतू जानवरों को भी थोड़ा-बहुत नुकसान पहुंचा सकती है।
इन ऑयल के कुछ साइड इफेक्ट्स जो दिख सकते हैं जैसे-
- रैशेस
- अस्थमा अटैक (asthma attack)
- सिर दर्द
- एलर्जी रिएक्शन
ध्यान दें
आमतौर पर लैवेंडर, पेपरमिंट, टी ट्री और इलंग-इलंग एसेंशियल ऑयल्स के कुछ रिएक्शन दिख सकते हैं। दालचीनी एसेंशियल ऑयल में फेनोल्स (phenols) उच्च मात्रा में होते हैं, जिससे त्वचा में जलन हो सकती है। ऐसे ही सिट्रस फ्रूट्स से बने एसेंशियल तेल को त्वचा पर लगाने से और धूप के संपर्क आने से जलन हो सकती है। बहुत कम अध्ययनों ने गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इन तेलों की सुरक्षा की जांच की है। आमतौर पर इनको एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल की मनाही है।
इस्तेमाल से पहले हेल्थ कंडिशन का रखें ध्यान
आमतौर पर essential oils को बेस ऑयल के साथ मिलाकर इन्हेल करने या त्वचा पर लगाने से कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, यदि आपके स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति है या आप कोई दवा ले रहे हैं, तो आपको इनके उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इन ऑयल का उपयोग काफी पुराने समय से कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। इन तेलों की सेफ्टी और प्रभाव कई नैदानिक परीक्षणों से साबित हुई है। फिर भी इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें।
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