स्किन में एचआईवी रैश के बारे में क्या आपने कभी सुना है? एचआईवी (HIV) की बीमारी वायरस से फैलने वाली बीमारी है। एचआईवी की बीमारी होने पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है। इस कारण से अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। एचआईवी होने पर स्किन में रैशेज की समस्या भी शुरू हो जाती है। एचआईवी की बीमारी में रैशेज होना आम बात है लेकिन रैशेज बीमारी के कारण धीरे-धीरे बढ़ाने लगते हैं। जिन लोगों को एचआईवी की बीमारी हो गई है और उन्हें लग रहा है कि उनकी स्किन में रैशेज की समस्या बढ़ रही है, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। एचआईवी (HIV) होने पर रैशेज क्यों होते हैं और साथ ही इनके क्या लक्षण होते हैं, इस बारे में आज हम आपको इस आर्टिका के माध्यम से बताएंगे। साथ ही इसके ट्रीटमेंट के बारे में भी जानकारी देंगे।
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स्किन में एचआईवी रैश (HIV Rash On Skin)
जब शरीर के तरल पदार्थ एक दूसरे के संपर्क में आते हैं, तो एचआईवी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसमें ब्लड, सीमन और वजाइनल फ्लूड के साथ ही ब्रेस्ट मिल्क भी शामिल है। एचआईवी की बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में असुरक्षित यौन संबंध, इंफेक्टेड निडिल इस्तेमाल करने से या फिर संक्रमित खून को चढ़ाए जाने से फैल सकती है। एचआईवी के कारण होने वाले रैशेज स्पेसिफिक नहीं होते हैं। एचआईवी के कारण प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है, इसलिए शरीर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होते हैं और साथ ही यह स्किन रिएक्शन को भी ट्रिगर कर सकती है। एचआईवी में रसैज की समस्या शुरुआती समय में भी हो सकती है। इसमें स्किन का कलर उड़ जाना, लालिमा होना स्किन में खुजली होना आदि लक्षण भी दिख सकते हैं।
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स्किन में एचआईवी रैश के लक्षण
स्किन में रैश एचआईवी के शुरुआती समय में दिख सकते हैं। एचआईवी की अर्ली स्टेज में भी ये दिखाई पड़ सकते हैं। वायरस के एक्स्पोजर से 1 से 2 सप्ताह के भीतर स्किन में रैशेज दिख सकते हैं। एक्यूट एचआईवी स्टेज में बॉडी वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी प्रोड्यूज करती है। करीब 80 से 90% एचआईवी से पीड़ित लोगों को फ्लू जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है और कुछ लोगों को स्किन रैश की समस्या भी हो सकती है। कई बार कुछ लोगों में स्किन में केवल रैश लक्षण के रूप में दिखाई पड़ते हैं। एचआईवी एड्स के लक्षण के अलावा निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई पड़ सकते हैं।
- मांसपेशियों के दर्द
- ठंड लगना
- रात में पसीना आना
- गले में खराश
- आम तौर पर अस्वस्थ महसूस करना
- बुखार
- सूजी हुई लिम्फ नोड्स
- थकावट
- मुंह के छालें
सीडीसी (CDC) की मानें तो ये लक्षण एक्सपोजर के 2-4 सप्ताह बाद दिखाई दे सकते हैं और कुछ दिनों और कई हफ्तों के बीच रह सकते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को उपरोक्त दिए हुए लक्षण नजर आते हैं, तो ऐसे में उसे तुरंत जांच करानी चाहिए तथा बीमारी के बारे में पता करना चाहिए। बीमारी के लक्षण दिखने पर बीमारी का यदि पता चल जाए, तो ट्रीटमेंट करने में आसानी होती है। आइए जानते हैं कि यह कितने प्रकार के होते हैं और किन कारणों से होते हैं।
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स्किन में एचआईवी रैश : जानिए क्या हैं प्रकार
अगर एक्यूट स्टेज एचआईवी में स्किन रैश लक्षण के रूप में नजर आते हैं, तो यह इम्यून सिस्टम के वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाने पर धीरे धीरे चले भी जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति एचआईवी में मेडिसिंस नहीं ले रहा है, तो ऐसे में समस्या बढ़ जाने का खतरा अधिक होता है। इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और शरीर में वायरस ,फंगस, बैक्टीरिया आदि आसानी से प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में स्किन को अधिक खतरा बढ़ जाता है और साथ ही स्किन संबंधित समस्याओं का भी खतरा बना रहता है। जानिए ऐसे में किन स्किन कंडीशन से गुजरना पड़ सकता है।
- सेल्युलाइटिस (cellulitis)
- इंटरट्रिगो (intertrigo)
- थ्रस (thrush)
- सोरायसिस
- बुलस इम्पेटिगो (bullous impetigo)
- खुजली (scabies)
- खुजली (eczema)
- डर्मेटाइटिस (dermatitis)
एचआईवी से संबंधित चकत्ते या रैशेज बहुत भिन्न होते हैं। एक दाने के विकास की संभावना एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं का उपयोग, मेडिकल केयर, संक्रामक त्वचा की स्थिति के संपर्क में आने से बढ़ जाती है। स्किन में एचआईवी रैश से बचने के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। प्रतिरक्षा प्रणाली पर एचआईवी के प्रभाव के कारण, संक्रमण की संभावना अधिक हो सकती है। समय के साथ ये बढ़ भी सकते हैं।
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स्किन में एचआईवी रैश: डॉक्टर की कब पड़ती है जरूरत?
सही समय पर टेस्टिंग और बीमारी के ट्रीटमेंट कराने से एचआईवी से होने वाले लक्षणों को रोका जाता है और साथ ही स्किन में रैशेज की समस्या में भी राहत मिलती है।अगर आपको उपरोक्त दिए गए बीमारी के लक्षण नजर आते हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर एचआईवी का टेस्ट करते हैं और रिजल्ट पॉजिटिव आने पर आपको ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी देते हैं। मेडिकेशन के साथ ही वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए कुछ अन्य उपाय भी बताए जा सकते हैं।
जिन लोगों को एचआईवी पहले से डायग्नोज हो चुका है, उन्हें मेडिकल अटेंशन की जरूरत पड़ती है और यह दिखाना पड़ता है कि कहीं रैश तेजी से तो नहीं बढ़ रहे हैं या फिर उनमें सूजन या फीवर तो नहीं आ रहा है या फिर वह मीटिंग या मितली का एहसास तो नहीं हो रहा है। रैश के साथ साथ यह समस्याएं भी दिख सकती हैं।
एचआईवी की दवाएं और रैशेज
एचआईवी दवाएं स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम नामक एक गंभीर अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकती हैं। इस कारण से भी पेनफुल ब्रल्सटर्स, रैशेज, फीवर भी महसूस कर सकते हैं। अगर आपको भी दवा के सेवन के बाद ऐसा एहसास हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए। अगर एचआईवी के कारण आपको भी रैशेज की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर उसे मेडिसिंस के माध्यम से ठीक करेंगे। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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एचआईवी की बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। इस बीमारी के लक्षणों को दवाओं के माध्यम से कम किया जा सकता है। अगर आपको भी एड्स की बीमारी है, तो आप डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का समय पर सेवन करें। अगर दवा को खाने से किसी प्रकार का दुष्प्रभाव आपको दिखाई दे रहा हो, तो उसके बारे में डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।
इस आर्टिकल में हमने आपको स्किन में एचआईवी रैश (HIV Rash On Skin) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।