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बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने पर क्या करें?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने पर क्या करें?

    सोरायसिस (Psoriasis) एक नॉन इंफेक्शियस स्किन कंडिशन है। जिसमें त्वचा रूखी हो जाती है और उसमें पैचेस आ जाते हैं। 40 प्रतिशत से अधिक लोगों मे सोरायसिस के लक्षण 16 साल से पहले वहीं 10 प्रतिशत लोगों में 10 साल से पहले दिखाई देने लगते हैं। बच्चों में सोरायसिस की बीमारी (Psoriasis disease in children) माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर तीन प्रकार की हो सकती है। यह एक जीवनभर चलने वाली स्किन कंडिशन है, इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का उपचार दवाओं के द्वारा किया जा सकता है। ज्यादातर बच्चों में सोरायसिस माइल्ड होता है जो ट्रीटमेंट के बाद बेहतर हो जाता है। सोरायसिस स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) की तरह ही एक बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) है। निम्न कंडिशन के साथ बच्चों में सोरायसिस होने का रिस्क ज्यादा रहता है।

    • मोटापा
    • निश्चित मेडिकेशन जिसमें लिथियम, बीटा ब्लॉकर्स और मलेरिया की दवाएं लेना शामिल है
    • ठंडा वातावरण
    • कट, स्ट्रेचेस, सनबर्न और त्वचा पर रैशेज
    • अत्यधिक तनाव (Stress)
    • जेनेटिक कंडिशन (Genetic condition)

    बच्चों में सोरायसिस की बीमारी के लक्षण (Symptoms of psoriasis disease in children)

    सोरायसिस के लक्षण इसके टाइप पर निर्भर करते हैं। हर टाइप के लक्षण अलग होते हैं। सोरायसिस के कॉमन लक्षण निम्न हैं।

    • स्किन पर लाल या सफेद कलर के पैचेस बनना (ये ज्यादातर चेहरे, बालों की जड़ों, स्किन फोल्ड और बच्चों के डायपर एरिया में बनते हैं)
    • रूखी और फटी हुई त्वचा, जिससे ब्लड भी निकल सकता है
    • प्रभावित स्किन के आसपास खुजली, जलन और घाव
    • स्किन फोल्ड पर लालिमा होना
    • मोटे नाखून

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    सोरायसिस के प्रकार (Types of psoriasis disease in children)

    बच्चों में सोरायसिस की बीमारी (Psoriasis disease in children) तीन प्रकार की होती है। जो निम्न हैं।

    प्लाक सोरायसिस (Plaque psoriasis)

    यह सोरायसिस का कॉमन प्रकार है। इसे चकत्ता वाला सोरायसिस (Psoriasis) भी कहते हैं। इसमें घुटने, कोहनी और बालों की झड़ों में सफेद रंग के चकत्ते बन जाते हैं। जिनमें खुजली और दर्द हो सकता है। कभी-कभी इससे ब्लड भी आ जाता है।

    गटेट सोरायसिस (Guttate psoriasis)

    सोरायसिस का यह प्रकार किसी प्रकार की इलनेस के बाद दिखाई देता है। खासकर स्ट्रेप थ्रोट (Strep throat) के बाद। इसमें पीठ, हाथ और पैर में छोटे-छोटे लाल स्पॉट दिखाई देते हैं। यह फेस और कानों पर भी हो सकते हैं।

    इनवर्स सोरायसिस (Inverse psoriasis)

    इस प्रकार के सोरायसिस में लाल रंग के सख्त पैचेज बन जाते हैं, जो घाव की तरह दिखाई देते हैं। ये ज्यादातर जॉइंट फोल्ड, आर्मपिट, पलकों के ऊपर, जनंनागों और महिलाओं के ब्रेस्ट के नीचे दिखाई देते हैं।

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    बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने के कारण (Causes of psoriasis disease in children)

    बच्चो में सोरायसिस की बीमारी

    बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने के कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि इसमें बॉडी का इम्यून सिस्टम, जो कीटाणुओं और बीमारियों से लड़ता है, शामिल है। ओवरएक्टिव इम्यून सिस्टम (Overactive immune system) सेल्स स्किन की कोशिकाओं को तेजी से विकसित करती हैं और वे प्लाक के रूप में स्किन पर जमा हो जाती हैं।

    वहीं बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने का दूसरा कारण जेनेटिक है। 40 प्रतिशत लोगों को सोरायसिस की बीमारी तब होती है जब उनके परिवार में कोई इससे पीड़ित रह चुका हो। सोरायसिस किसी को भी हो सकता है और किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है।

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    बच्चों में सोरायसिस का पता कैसे लगाया जाता है? (Diagnosis of psoriasis disease in children)

    डॉक्टर सोरायसिस का पता स्किन, नेल्स और स्कैल्प को एग्जामिन करके लगाते हैं। वे फैमिली हिस्ट्री के बारे में भी पूछते हैं, जिसमें परिवार में किसी को सोरायसिस होने की जानकारी ली जाती है। बच्चे को हाल ही में किसी प्रकार की बीमारी हुई है या वह किसी प्रकार की कोई दवा ले रहा है। यह भी डॉक्टर पूछते हैं।

    कभी-कभी डॉक्टर स्किन का सैम्पल भी लेते हैं, ताकि करीब से बीमारी के बारे में पता लगाया जा सके। जिसे स्किन बायोप्सी कहते हैं। बायोप्सी (Biopsy) के द्वारा यह पता लगाना आसान हो जाता है कि बीमारी सोरायसिस ही या कोई अन्य स्किन कंडिशन से बच्चा पीड़ित है।

    बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने पर इलाज कैसे किया जाता है? (Psoriasis treatments)

    वर्तमान में सोरायसिस को इलाज मौजूद नहीं है। डॉक्टर द्वारा दिए जाने वाले ट्रीटमेंट का उद्देश्य इसके लक्षणों को कम करना और बार-बार प्रकट होने से रोकना है। डॉक्टर ज्यादातर बच्चों को एंटीहिस्टामाइन ड्रग देते हैं जो एलर्जी के इलाज में उपयोग की जाती है। यह खुजली को कम करने में मदद करती है। वे मॉश्चर को लॉक करने के लिए पेट्रोलियम जेली के उपयोग की भी सलाह देते हैं। थिक प्लाक के लिए सैलिसिलिक एसिड (Salicylic acid) भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है, लेकिन इसका उपयोग 6 साल से कम उम्र के बच्चों पर नहीं किया जाना चाहिए। बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने पर इलाज निम्न प्रकार से भी किया जाता है।

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    बच्चों में सोरायसिस की बीमारी के इलाज के लिए टॉपिकल ट्रीटमेंट (Topical treatments)

    जिन बच्चों को सोरायसिस के माइल्ड लक्षण होते हैं उनका उपचार क्रीम, लोशन और ऑइंटमेंट से किया जाता है। जिसे पूरी स्किन पर फैलाकर लगाने की सलाह दी जाती है। इन्हें दिन में एक से दो बार लगाया जाता है। यह काफी असरकारक होते हैं।

    लाइट थेरिपी (Light Therapy)

    डॉक्टर इस ट्रीटमेंट ऑप्शन का सहारा तब लेते हैं जब सोरायसिस के चकत्ते पूरे शरीर पर फैल चुके हों। नैचुरल और आर्टिफिशियल दोनों प्रकार की लाइट सोरायसिस के लक्षणों से राहत दिलाने में मददगार है। इस ऑप्शन को डॉक्टर तभी रिकमंड करते हैं, जब टॉपिकल ट्रीटमेंट प्रभावी नहीं होता। डॉक्टर नैचुरल लाइट थेरिपी का उपयोग भी कर सकते हैं। जिसमें बच्चे को सनलाइट में रहना, खेलना जरूरी होता है।

    बच्चों में सोरायसिस की बीमारी के लिए ओरल मेडिकेशन (Oral Medication)

    डॉक्टर ओरल मेडिकेशन और शॉट दे सकते हैं अगर बच्चो में सोरायसिस की बीमारी सीवियर स्टेज पर हो। कई डॉक्टर्स इस ऑप्शन का उपयोग नहीं करते क्योंकि उनका कहना है कि यह सेफ नहीं है और इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

     लाइफस्टाइल चेंजेस (Lifestyle changes)

    सोरायसिस के ट्रिगर्स को अवॉयड करना इसके लक्षणों को कम करने का बेस्ट तरीका है। रेगुलर स्माल एक्सरसाइजेस, बैलेंस्ड डायट और अच्छी नींद बच्चे की बॉडी को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है। हेल्दी बॉडी के साथ गंभीर बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है। कई पेरेंट्स बच्चे को बचपन से अच्छी आदतें नहीं सिखाते। उन्हें अनहेल्दी फूड खिलाते हैं। जिससे बच्चे को कम उम्र से ही कई प्रकार की बीमारियां होने लगती है। ऐसा ना करें। साथ ही सोरायसिस से बचने के लिए बच्चे की स्किन को साफ रखें। उसे मॉश्चराइजर लगाते रहें।

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    बच्चों में सोरायसिस की (Psoriasis disease in children) बीमारी से बचने के टिप्स

    कुछ बच्चों के लिए सोरायसिस छोटी तकलीफ होती है, लेकिन कुछ के लिए यह डिफिकल्ट मेडिकल कंडिशन का कारण बन सकती है। इसके लक्षणों को मैनेज करने और आउटब्रेक को कम करने के लिए पेरेंट्स को बच्चों से निम्न बातें अमल करवानी चाहिए।

    • हाथों को अच्छी तरह धोएं और बीमार लोगों से दूर रहें
    • बच्चों को एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन करने के लिए कहें
    • बच्चे का वजन संतुलित रखें। ओवरवेट बच्चों में सोरायसिस के लक्षण सीवियर होते हैं

    उम्मीद करते हैं कि आपको बच्चों में सोरायसिस की बीमारी से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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