कभी-कभी डॉक्टर स्किन का सैम्पल भी लेते हैं, ताकि करीब से बीमारी के बारे में पता लगाया जा सके। जिसे स्किन बायोप्सी कहते हैं। बायोप्सी (Biopsy) के द्वारा यह पता लगाना आसान हो जाता है कि बीमारी सोरायसिस ही या कोई अन्य स्किन कंडिशन से बच्चा पीड़ित है।
बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने पर इलाज कैसे किया जाता है? (Psoriasis treatments)
वर्तमान में सोरायसिस को इलाज मौजूद नहीं है। डॉक्टर द्वारा दिए जाने वाले ट्रीटमेंट का उद्देश्य इसके लक्षणों को कम करना और बार-बार प्रकट होने से रोकना है। डॉक्टर ज्यादातर बच्चों को एंटीहिस्टामाइन ड्रग देते हैं जो एलर्जी के इलाज में उपयोग की जाती है। यह खुजली को कम करने में मदद करती है। वे मॉश्चर को लॉक करने के लिए पेट्रोलियम जेली के उपयोग की भी सलाह देते हैं। थिक प्लाक के लिए सैलिसिलिक एसिड (Salicylic acid) भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है, लेकिन इसका उपयोग 6 साल से कम उम्र के बच्चों पर नहीं किया जाना चाहिए। बच्चों में सोरायसिस की बीमारी होने पर इलाज निम्न प्रकार से भी किया जाता है।
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बच्चों में सोरायसिस की बीमारी के इलाज के लिए टॉपिकल ट्रीटमेंट (Topical treatments)
जिन बच्चों को सोरायसिस के माइल्ड लक्षण होते हैं उनका उपचार क्रीम, लोशन और ऑइंटमेंट से किया जाता है। जिसे पूरी स्किन पर फैलाकर लगाने की सलाह दी जाती है। इन्हें दिन में एक से दो बार लगाया जाता है। यह काफी असरकारक होते हैं।
लाइट थेरिपी (Light Therapy)
डॉक्टर इस ट्रीटमेंट ऑप्शन का सहारा तब लेते हैं जब सोरायसिस के चकत्ते पूरे शरीर पर फैल चुके हों। नैचुरल और आर्टिफिशियल दोनों प्रकार की लाइट सोरायसिस के लक्षणों से राहत दिलाने में मददगार है। इस ऑप्शन को डॉक्टर तभी रिकमंड करते हैं, जब टॉपिकल ट्रीटमेंट प्रभावी नहीं होता। डॉक्टर नैचुरल लाइट थेरिपी का उपयोग भी कर सकते हैं। जिसमें बच्चे को सनलाइट में रहना, खेलना जरूरी होता है।
बच्चों में सोरायसिस की बीमारी के लिए ओरल मेडिकेशन (Oral Medication)
डॉक्टर ओरल मेडिकेशन और शॉट दे सकते हैं अगर बच्चो में सोरायसिस की बीमारी सीवियर स्टेज पर हो। कई डॉक्टर्स इस ऑप्शन का उपयोग नहीं करते क्योंकि उनका कहना है कि यह सेफ नहीं है और इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
लाइफस्टाइल चेंजेस (Lifestyle changes)
सोरायसिस के ट्रिगर्स को अवॉयड करना इसके लक्षणों को कम करने का बेस्ट तरीका है। रेगुलर स्माल एक्सरसाइजेस, बैलेंस्ड डायट और अच्छी नींद बच्चे की बॉडी को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है। हेल्दी बॉडी के साथ गंभीर बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है। कई पेरेंट्स बच्चे को बचपन से अच्छी आदतें नहीं सिखाते। उन्हें अनहेल्दी फूड खिलाते हैं। जिससे बच्चे को कम उम्र से ही कई प्रकार की बीमारियां होने लगती है। ऐसा ना करें। साथ ही सोरायसिस से बचने के लिए बच्चे की स्किन को साफ रखें। उसे मॉश्चराइजर लगाते रहें।
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