इत्र पुराने समय से प्रचलित है। पैगंबर मोहम्मद के अनुसार, ‘इत्र लोगों के लिए तोहफे के समान है।’पुराने जमाने में विश्व के पूर्वी भाग में यह प्रचलन था कि जब भी कोई अतिथि जाता था तो उसे तोहफे के रूप में इत्र भेंट किया जाता था। वहीं आज के समय में भी ईद में इत्र का इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग घर को सुगंधित रखने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। प्यार व भाईचारे के नाते घर पर आए अतिथियों को इत्र देने की परंपरा अभी भी कई जगहों पर है। आज इस आर्टिकल में जानते हैं कि इत्र और परफ्यूम में अंतर क्या है?
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इत्र और परफ्यूम में अंतर
इत्र को परफ्यूम ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। इसकी बूंदों को कपड़े पर डाला जाता है। सेंथेटिक परफ्यूम की तुलना में इत्र काफी अच्छा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे तैयार करने में शराब का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। वहीं परफ्यूम की तुलना में इत्र आसानी से न केवल मिल जाता है बल्कि यह काफी सस्ता भी होता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह परफ्यूम की तुलना में इसका कई महीनों तक इस्तेमाल किया जा सकता है, यह जल्द खराब नहीं होता है।
इत्र और परफ्यूम में अंतर की बात करें तो इत्र की सबसे बड़ी खासियत यही होती है कि इसको सीधे शरीर पर छिड़का जा सकता है। कलाई के पीछे, कान के पीछे, एल्बो ज्वाॅइंट के पीछे (बाजुओं में), गर्दन के पीछे के साथ शरीर के कई हिस्सों में इत्र को सीधे लगाया जा सकता है। वहीं परफ्यूम की बात करें तो उसमें शराब का मिश्रण होता है। यही वजह है कि हवा के संपर्क में आने पर वो आसानी से उड़ जाता है। वहीं कई परफ्यूम को सीधे शरीर पर नहीं लगाया जा सकता, ऐसा करने से साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इत्र लंबे समय तक रहता है और शरीर की गर्मी के साथ इसकी खुशबू भी तेज होती है।
इत्र का ऐसे किया जाता है इस्तेमाल
इत्र और परफ्यूम में अंतर को जानने के लिए इसके इस्तेमाल करने के तरीके को भी जानना होगा। इस्तेमाल का सबसे बेहतर तरीका यही है कि इसे सीधे कलाई, कान के पीछे, गर्दन के पीछे व अन्य हिस्सों में छिड़क लिया जाए। ध्यान रखें कि इत्र को सीधे कपड़े पर न लगाए, बल्कि हाथ पर लेकर कपड़े पर लगा सकते हैं। इत्र काफी स्ट्रांग सेंट होता है, लंबे समय पर इसकी खुशबू बनी रहती है।
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किस इत्र का करना चाहिए इस्तेमाल
यह बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि शरीर पर होने वाले इत्र के असर के हिसाब से उसको अलग अलग हिस्सों में बांटा गया है। इत्र और परफ्यूम के अंतर की बात करें तो इत्र की कई खासियतें होती हैं।
गर्म इत्र : इत्र जैसे कस्तूरी, ओड (oud) इनका इस्तेमाल सर्दी के दिनों में किया जाता है। ताकि शरीर के तापमान को बढ़ाया जा सके।
ठंडे इत्र : ठंडे इत्र में गुलाब, जैसमिन, खौस, केवड़ा, मोगरा आदि का इस्तेमाल गर्मी के दिनों में किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने से ये ठंडक का एहसास दिलाते हैं।
इत्र में ज्यादातर ब्रैंड पुरुषों व महिलाओं दोनों के लिए ही इत्र बनाते हैं। इसके इस्तेमाल करने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि इसकी खासियत को जानकर इसका इस्तेमाल किया जाए।
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इत्र को इस प्रकार से किया गया है वर्गीकृत
इत्र को मुख्यत: तीन प्रकार जैसे टॉप/हेड नोट्स, मीडिल/हार्ट नोट्स और तीसरा बेस नोट्स की कैटेगरी में वर्गीकृत किया गया है। ऐसा इसके इस्तेमाल और खासियत और सुगंध को ध्यान में रखकर किया गया है। जानते हैं इनके बारे में।
टॉप नोट्स को कहा जाता है हेड नोट्स
सेंट लगाते ही यदि वो अपना प्रभाव दिखाने लगते हैं तो ऐसे सेट काफी अहम और कीमती होते हैं। वहीं अन्य की तुलना में इनकी बिक्री भी ज्यादा होती है।
मीडिल और हार्ट नोट्स
यह पहले वाले की तुलना में कम प्रभावशाली होता है। इसका इस्तेमाल शरीर के बीच के हिस्से में किया जाता है। समय के साथ इसकी सुगंध बढ़ती जाती है।
बेस नोट्स
इस प्रकार के इत्र मीडिल के श्रेणी के बाद आते हैं। किसी भी परफ्यूम में बेस और मीडिल नोट्स काफी अहम होते हैं। यह किसी भी सेंट में गहराई लाते हैं। यही वजह है इसके कारण लोग इसे पसंद करते हैं। किसी भी सेंट को प्रभावशाली बनाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। यदि सेंट में काफी मात्रा में मॉल्यूकूल को डाला जाए तो यह संभावना बढ़ जाती है कि वो जल्द इवेपरेट हो जाएगा (उड़ जाएगा)। इत्र के प्रभाव को बढ़ाने के टॉल, मीडिल और अन्य स्ट्रेंथ का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे कई इत्र भी हैं जिनका असर 24 घंटों तक रहता है।
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परशियन शब्द है इत्र
इत्र और परफ्यूम में अंतर की बात करें तो अतर, इत्र व इत्रा आदि परशियन शब्द इतिर से आया है। जिसका अर्थ परफ्यूम होता है। वहीं यह भी माना जाता है कि यह अरेबिक शब्द इतर से आया है।
फ्रेग्नेंस के सेक्शन में परफ्यूम, डियोड्रेंड, इत्र के साथ कई रेंज मौजूद है। जिनका इस्तेमाल समाज में आकर्षक बने रहने के लिए किया जाता है। कई मामलों में तो यह काफी कीमती भी होते हैं।
जब भी हम परफ्यूम खरीदने के लिए जाते हैं तो कीमत, ब्रैंड और उसके प्रकार पर ध्यान देने के साथ सुगंध अच्छी लगे तो खरीदारी करते हैं। खरीदारी के दौरान परफ्यूम पर लिखी जानकारी को कभी जानने की कोशिश नहीं करते।
अच्छा सेंट वही है जिसमें शरीर को नुकसान न पहुंचाने वाले तत्व पाए जाते हैं। जिसका शरीर पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। वहीं कई लोग तो लाइट सेंट या वैसा सेंट जिसकी सुगंध जल्द चली जाती है, या काफी ज्यादा स्ट्रांग सेंट होता उसे पसंद करते हैं। इसके इस्तेमाल के बाद नुकसान से बचाव को जानने के लिए इत्र और परफ्यूम में अंतर जानना जरूरी है।
किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिए परफ्यूम हो सकता है नुकसानहेद
इत्र और परफ्यूम में अंतर को जानने के लिए इससे जुड़ी दूसरी महत्वपूर्ण बातों को जानना भी अहम हो जाता है। नॉर्थ कैरिलोना स्टेट यूनिवर्सिटी की डॉ हिटर पेटिस्यूएल ने कहा कि, ‘परफ्यूम के नुकसान की बात करें तो इसके यूज से सर्दी, खांसी से लेकर सिर दर्द, यहां तक कि रैशेज भी हो सकते हैं। कई लोगों को परफ्यूम के कारण एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। वहीं कई लोगों को उसके इस्तेमाल से कुछ भी नहीं होता।’
‘कोई भी पदार्थ जो परफ्यूम को गंध देता है उससे एलर्जी हो सकती है’। ऐसे में परफ्यूम के कारण आप नाक बहने की परेशानी का सामना कर सकते हैं। यदि आपको परफ्यूम लगाना काफी पसंद है तो ऐसे में जरूरी है कि सिर्फ खास मौकों जैसे शादी व अन्य समारोह में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन यह इसके इस्तेमाल से आप दूसरों तक भी अनचाहे में टॉक्सिन पहुंचा देते हैं।