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डिओडरेंट कैसे काम करता है?
जब भी शरीर पसीना बहाता है, तो पसीने में कई तरह के बैक्टेरिया होते हैं, जो गंध पैदा करते हैं। डिओडरेंट लगाने से इसी गंध को कम करने में मदद मिलती है। डिओडरेंट कैसे काम करता है जानने के बाद आइए जानते हैं डिओडरेंट के नुकसान।
जानिए एंटीपर्सपिरेंट और डिओडरेंट के नुकसान
क्या सच में एंटीपर्सपिरेंट और डिओडरेंट के नुकसान इतने हैं कि इससे कैंसर हो सकता है?
इंटरनेट पर ऐसे कई दावे किए गए हैं कि एंटीपर्सपिरेंट और डिओडरेंट के नुकसान इतने हैं कि इससे कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है। हालांकि, किसी के पास भी ऐसा कोई ठोस सबूत या उचित शोध नहीं है, जो इस तथ्य की पुष्टि कर सके। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (NCI) के अनुसार, आमतौर पर लोग अंडरआर्म्स को शेव या वैक्स करते हैं। जिसके कारण अंडरआर्म्स की त्वचा और आस-पास की त्वचा संक्रमित हो सकती है। हालांकि, बहुत ही कम स्थितियों में शेविंग करना कैंसर का कारण बन सकता है। अगर शेविंग करते समय जंग लगे ब्लेड या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए ब्लेड या बहुत ही पुराने ब्लेड और गंदे ब्लेड का इस्तेमाल किए जाए, तो यह इंफेक्शन और कैंसर होने जैसे खतरे का कारण बन सकता है, लेकिन अगर शेविंग करने के सुरक्षित नियमों के तरीकों को ध्यान में रखकर शेविंग की जाए, तो यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है।
हालांकि, एफडीए के अनुसार, पैराबेंस के कारण कैंसर का जोखिम हो सकता है। एंटीपर्सपिरेंट और डिओडरेंट के नुकसान से बचने के लिए हमेशा पैराबेंस मुक्त एंटीपर्सपिरेंट और डिओडरेंट का ही इस्तेमाल करें। अब तो आप समझ गए होंगे कि डिओडरेंट के नुकसान इतने नहीं है कि उससे कैंसर हो।
कब और शरीर के किन अंगों पर एंटीपर्सपिरेंट और डिओडरेंट का इस्तेमाल करना चाहिए?
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सिर्फ यहां पर ही लगाएं और रोकें डिओडरेंट के नुकसान
एक्सपर्ट्स की मानें, तो एंटीपर्सपिरेंट और डिओडरेंट का इस्तेमाल सिर्फ कांख यानी अंडरआर्म्स की त्वचा पर ही किया जाना चाहिए। हालांकि, कई महिलाएं और पुरुष गर्दन के साथ-साथ स्तनों के नीचे, जांघों और गुप्तांगों के पसीनों को कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करना पूरी तरह से गलत और असुरक्षित हो सकता है। शरीर के गुप्तांग की त्वचा काफी शुष्क हो सकती है। ऐसे में एंटीपर्सपिरेंट और डिओडरेंट में इस्तेमाल किए गए तत्वों के कारण उनमें खुजली और दानों की समस्या हो सकती है। ऐसे अंगों की दुर्गंध दूर करने के लिए आप बेबी पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप इस तरह के डिओडरेंट के नुकसान रोकना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें।
कब लगाएं एंटीपर्सपिरेंट?
नहाने के बाद शरीर का पानी पोछने के बाद अंडरआर्म्स की त्वचा पर एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आपको जब भी लगे कि आपके बगल में बहुत ज्यादा पसीना आ रहा है, आप तब भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
कब लगाएं डिओडरेंट?
नहाने के बाद शरीर का पानी पोछने के बाद अंडरआर्म्स की त्वचा पर डिओडरेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि, डिओडरेंट का इस्तेमाल आप जरूरत महसूस करने पर कभी भी कर सकते हैं। डिओडरेंट का नुकसान से बचने के लिए वही इसका इस्तेमाल करें। जहां बताया गया है।
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हमें पसीना क्यों आता है?
आमतौर पर हम जब कोई शरीर को थकाने वाला कार्य करते हैं या गर्म तापमान में रहते हैं, तो हमारे शरीर से पसीने का रिसाव होता है। हमारे शरीर के लिए पसीना एक आवश्यक और प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जो हमारे पैदा होने के तुरंत बाद शुरू हो जाती है। पसीना आना, हमारे शरीर को ठंडा रखने का एक तंत्र होता है। आपने देखा भी होगा कि एक्सरसाइज के दौरान या कड़ी मेहनत करने के दौरान, बहुत ज्यादा तनाव के कारण भी पसीना आ जाता है। सामान्य तौर पर इस तरह की सभी क्रियाओं के दौरान शरीर की मांसपेशियों को नसों पर जोर पड़ता है, जिसे आराम दिलाने के लिए पसीना आता है।
हमें आशा है कि डिओडरेंट के नुकसान और इसका इस्तेमाल कैसे करें विषय पर लिखा गया यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। डिओडरेंट के नुकसान को लेकर अगर आपका कोई सवाल है तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।