नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार नींद नहीं आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन, अगर सोने के वक्त रिलैक्सिंग और क्लासिकल म्यूजिक सुना जाए तो नींद अच्छी आ सकती है। कई मरीजों को नींद (इंसोमेनिया) न आने की स्थिति में रिलैक्सिंग क्लासिकल म्यूजिक का सहारा लेना बेहतर बताया जाता है क्योंकि यह तरीका काफी आसान और प्रभावी होता है।
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मोबाइल से बनाएं दूरी
हालांकि, बदलते वक्त में मोबाइल फोन की बढ़ती लोकप्रिता ने म्यूजिक का आनंद लेना आसान तो कर दिया है लेकिन, हमेशा ही हेडफोन (ईयर फोन) की मदद से गाने सुनना खतरनाक हो सकता है। इसलिए इससे बचने की कोशिश करें। नींद की कमी से गंभीर शारीरिक समस्या हो सकती है। संगीत शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक या किसी भी अवस्था में प्रभाव डाल सकता है।
नींद के लिए खास वेव्स
अच्छी नींद के लिए म्यूजिक को बढ़ावा देने के लिए टोरंटो यूनिवर्सिटी के म्यूजिक प्रोफेसर डॉ. ली बार्टेल म्यूजिक, मस्तिष्क को कैसे प्रभावित करता है? इस पर रिसर्च भी कर चुके हैं। नींद के लिए कुछ खास वेव भी उपलब्ध हैं जैसे-
- बीटा (Beta)-सक्रिय, सतर्क और केंद्रित
- अल्फा (Alpha)– आराम, शांत और रचनात्मक
- थीटा (Theta)– सुस्त, हल्की नींद और सपने
- डेल्टा (Delta) -गहरी नींद
एक अच्छी नींद के लिए सामान्य जागने की अवस्था से, रिलैक्स्ड थीटा तक और फिर आखिरी में डेल्टा तक जाने की जरूरत होती है। ये सारी वेव्स अच्छी नींद के लिए महत्वपूर्ण हैं और कुछ खास म्यूजिक केटेगरी हैं जिनमें ये वेव्स पाई जाती हैं।
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अच्छी नींद के लिए म्यूजिक (Sleep Music)
एक्सपर्ट्स के अनुसार अच्छी नींद के लिए ऐसी म्यूजिक जरूरी है जैसे-
- शास्त्रीय संगीत (Classical Music)– जिन्हें क्लासिकल म्यूजिक पसंद होता है, उन्हें ऐसा संगीत सुनने से नींद आने में मदद मिल सकती है। क्लासिकल म्यूजिक में ऐसी तरंगें पाई जाती हैं, जो ब्रेन को अच्छी नींद के लिए प्रेरित करती हैं।
- कंटेम्पररी क्लासिकल (Contemporary Classical)– ऐसा संगीत धीमा और कम उत्तर-चढ़ाव वाला होता है, जिसे सुनने से आसानी से नींद आ सकती है।
- चिल आउट एंड एम्बिएंट (Chill out and Ambient)- यह केटेगरी थोड़ी अलग है। इसमें ब्लूज, जैज, पॉप, क्लासिकल आदि संगीत हो सकते हैं। ऐसा म्यूजिक आपके आस पास ऐसा माहौल बना देता है, जिससे आप दिन भर में हुई चीजों के बारे में ज्यादा न सोचकर सिर्फ संगीत का आनंद लेते हैं। अच्छी नींद के लिए चिल आउट एंड एम्बिएंट म्यूजिक का सहारा लिया जा सकता है।
- वर्ल्ड म्यूजिक (World Music)– वर्ल्ड म्यूजिक में संगीत की विभिन्न शैलियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जिसमें कई कलाकारों और गीतों के प्रकार शामिल हो सकते हैं।
- मेडिटेशन म्यूजिक एंड नेचर साउंड्स (Meditation music and nature sounds)– यह संगीत खासकर सोने और रिलैक्सेशन के लिए बना है। ऐसी ध्वनियां मन को शांति और आराम देती हैं जिससे एक अच्छी नींद आने में सहायता मिलती है।
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क्या सच में स्लीप म्यूजिक अच्छी नींद में मददगार होता है?
इस बात को पूरी तरह से सच मानना सिर्फ एक मिथक हो सकता है। दरअसल, नींद की प्रक्रिया एक न्यरोलॉजिकल स्थिति होती है। अक्सर कई कारणों की वजह से हम तनाव या किसी सोच-विचार में लगे हुए होते हैं, जो हमारे नींद की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। आमतौर पर देखा जाए, तो जब कोई बहुत देर तक गाना सुनता है, तो उसके मन से तनाव कम होने लगता है जिसकी वजह से ब्रेन पर पड़ने वाला प्रभाव भी कम होने लगता है और वो सामान्य रूप से कार्य करने लगता है, जिसकी वजह से नींद आने लगती है। हालांकि, इस तथ्य को करीब से समझने के लिए कई अध्ययन भी किए गए जिसमें से कुछ के बारे में हम आपको बताने वाले हैंः
क्या कहते हैं अध्ययन
यह अध्ययन मिला जुला हुआ है। जहां कुछ गानों की मदद से आप सोने में मदद ले सकते हैं, वहीं खुद को जगाए रखने और मूड को बेहतर बनाने के लिए भी आप गानों की मदग ले सकते हैं। स्लीप डॉक्टर के आहार विशेषज्ञ और द स्लीप डॉक्टर के डाइट प्लान के लेखक, माइकल ब्रेयस का दावा है कि उनके पास इतने आंकड़े है जो यह साबित करने के लिए काफी हैं कि गाने लोगों को जगाए रखने में मदद करते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का संगीत सुनते हैं। अगर आप एक हल्के म्यूजिक वाला गाना सुनेंगे तो यह शरीर के इंटरनल स्नूज बटन को हिट करने में मदद कर सकता है और नींद लाने में मदद करता है।
स्लीप म्यूजिक पर कई देशों में अध्ययन किया गया है। जिसके आधार पर यह दावा किया जाता है कि स्लीप म्यूजिक वयस्क के साथ-साथ बुजुर्गों, महिलाओं, पुरुषों और छोटे बच्चों सभी के लिए लाभकारी पाया गया है। यहां तक की संगीत सिजोफ्रेनिया वाले लोगों को भी अच्छी नींद लाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा पढ़ने के दौरान, किसी काम में ध्यान लगाने के दौरान भी संगीत सुनना लाभकारी साबित हो सकता है।
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एक सामान्य अध्ययन के दौरान पाया गया कि, सुबह जागने पर 45 मिनट तक सॉफ्ट म्यूजिक सुनने पर शरीर दिनभर ऊर्जावान बना रह सकता है। इसके लिए आप शास्त्रीय संगीत जैसे संगीत सुने तो बेहतर होगा। इसके अलावा, कई अध्ययनों में पाया गया है कि संगीत के टेम्पो से फर्क पड़ता है। अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 60 बीट्स एक मिनट की लय के साथ संगीत लोगों को सो जाने में मदद करता है। जैसे ही आप सो रहे होते हैं, आपकी हृदय गति धीमी होने लगती है और उस 60-बीट्स-प्रति-मिनट की सीमा की ओर बढ़ने लगती है। यानी अगर आप सोने के लिए म्यूजिक की मदद लेना चाहते हैं, तो हमेशा बहुत ही कम बीट्स वाले गानों का चयन करें।
हमारी सेहत के लिए जितना जरूरी खाना है, उतना ही जरूरी है नींद। स्टडी बताती है कि 24 घंटे तक लगातार जागे रहने पर दिमाग का मेटाबोलिज्म काफी कम हो जाता है। लंबे समय तक अगर ऐसी स्थिति बनी रहती है तो व्यक्ति को कई तरह के नींद से जुड़े विकार हो सकते हैं इसलिए नींद न आने की स्थिति में डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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