चोट लगना या घाव होना किसी के साथ कभी भी हो सकता है। बच्चों को अक्सर खेलने के दौरान ही घाव लग जाता है। कई बार किसी काम के दौरान या फिर अचानक से गिर जाने पर भी घाव हो जाता है। ऐसे में घाव का प्राथमिक उपचार करना बहुत जरूरी होता है। घाव को खुला छोड़ना एक तरह से इंफेक्शन को न्योता देना है। घाव का प्राभमिक उपचार यदि किसी व्यक्ति को करना आता है तो बेहतर रहेगा कि उसे तुरंत किया जाए।
घाव का प्राथमिक उपचार क्यों जरूरी?
घाव का प्राथमिक उपचार हो जाने पर चोट के जल्दी सही होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार घाव लगने पर अधिक ब्लीडिंग भी होने लगती है, जो शरीर के लिए खतरा पैदा करती है। इस खतरे से निपटने के लिए बेहतर रहेगा कि घाव का प्राथमिक उपचार करने के साथ ही ब्लीडिंग को भी रोका जाए। अगर आपको नहीं पता है कि किस तरह से घाव का प्राभमिक उपचार किया जाए तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
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घाव का प्राथमिक उपचार: पहले ब्लीडिंग रोकें
- ब्लीडिंग होना घाव का पहला संकेत होता है। अगर इंटरनल ब्लीडिंग यानी कान, नाक या मुंह से ब्लीडिंग हो रही है तो चेस्ट या फिर एब्डॉमिनल घाव हो सकता है। अगर 10 मिनट तक एक्सटर्नल ब्लीडिंग हो रही हो तो दबाव दिया जाता है। ऐसा करने से ब्लीडिंग रुक सकती है। अगर ब्लीडिंग किसी कट की वजह से हो रहा है तो तो उसे रोकने के लिए प्रयास किया जा सकता है।
- तुरंत कट वाली जगह में दबाव लगाएं ताकि ब्लीडिंग को रोका जा सके। अब किसी साफ कपड़े या फिर कॉटन का यूज कट वाली जगह में करें। ऐसा करने से ब्लीडिंग को रोकने में मदद मिलेगी।
- अगर ब्लीडिंग हाथ या भी पैर में है तो उसे धीमा करने के लिए हाथ या पैर को ऊपर की ओर उठाना चाहिए। ऐसा करने से ब्लीडिंग धीमी हो जाएगी।
- घाव का प्राथमिक उपचार करने से पहले अपने हाथों को साफ तरह से धो लें। ऐसा करने से इंफेक्शन का खतरा नहीं रहता है। खुले घाव में इंफेक्शन जल्दी फैलता है।
- अगर ब्लीडिंग तेजी से हो रही है और हल्के दबाव से भी नहीं रुक रही है तो टुर्निकेट का प्रयोग न करें।
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घाव का प्राथमिक उपचार करने से पहले
जब लगे कि अब ब्लीडिंग कम हो गई है तो अब घाव को साफ करें। घाव को साफ करने के लिए गुनगुने पानी में थोड़ा सा एंटीसेप्टिक लिक्विड डालकर साफ करें। अगर किसी भी साबुन का प्रयोग कर रहे हैं तो घाव में सीधा साबुन न लगाएं। ऐसा करने से जलन हो सकती है। बेहतर रहेगा कि घाव वाली जगह के आसपास अच्छे लें और साफ करें। जब जमीन में गिरने से चोट लगती है तो गंदगी चोट में या फिर आसपास लग सकती है। इसलिए घाव के आसपास की सफाई करना जरूरी होता है।
- घाव को साफ करने के लिए हाइड्रोजन पैराॅक्साइड या आयोडीन का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसका यूज सभी प्रकार के घाव के लिए नहीं किया जाता है। ये टिशू को नुकसान पहुंचाने का काम भी कर सकता है। बेहतर रहेगा कि डॉक्टर से पूछने के बाद ही इस्तेमाल करें।
- घाव के प्राथमिक उपचार के लिए सफाई के बाद एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं। किसी भी प्रकार के संक्रमण को रोकने के लिए दवा बदलने के साथ ही पट्टी को भी बदले।
- घाव को गीला न करें वरना इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
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घाव के प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर कब बुलाएं ?
- अगर घाव छोटा है और ब्लीडिंग भी आसानी से बंद हो गई है तो डॉक्टर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। लेकिन रोजाना पट्टी चेंज करने के साथ ही एंटीबायोटिक दवा लगाना जरूरी होता है। घाव का प्राथमिक उपचार छोटी चोट के लिए बेहतर उपाय है।
- अगर घाव गहरा है और धीरे-धीरे ब्लीडिंग हो रही है तो घाव का प्राथमिक उपचार करने के बाद तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें।
- अगर व्यक्ति के चेहरे पर घाव है तो घाव का प्राथमिक उपचार करने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- घाव में गंदगी भर गई है और वो बाहर नहीं निकली है तो भी डॉक्टर को तुरंत संपर्क करना चाहिए।
- घाव में जब संक्रमण हो जाता है तो उसके अलग लक्षण दिखाते हैं, जैसे कि लालिमा, टेंडरनेस, थिक डिस्चार्ज या यदि व्यक्ति बुखार हो जाता है। ऐसे में घाव का प्राथमिक उपचार करने के तुरंत बाद डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
- घाव के आसपास का क्षेत्र सुन्न महसूस हो तो भी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- घाव के चारों ओर लाल लकीरें बन जाती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- अगर घाव किसी जानवर के काटने से हुआ है तो घाव का प्राथमिक उपचार करने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- व्यक्ति को घाव या गहरा कट है लगा है और पिछले छह महीने में टेटनस शॉट भी नहीं लिया है तो ऐसे व्यक्ति को भी तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- एक्सट्रीम पेन फील होना।
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घाव का प्राथमिक उपचार के दौरान अगर घाव खुला है तो
अगर फेस में कोई छोटा कट लग गया है और उससे बहुत हल्का सा खून आ रहा है तो उसे क्लीन करने के बाद उसमे दवा लगाए। आप चाहे तो फेस कट में बटरफ्लाई बैंडेज का यूज कर सकते हैं। आप चाहे तो इस तरह के कट से निपटने के लिए किसी भी प्रोफेशनल की हेल्प ले सकते हैं। अगर बटरफ्लाई बैंडेज का यूज कर रहे हैं तो उसे कट की लेंथ में न लगाएं। बैंडेज को कट के एक्रॉस लगाएं।
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ब्लीडिंग इमरजेंसी पर क्या करें ?
घाव का प्राथमिक उपचार करना बहुत जरूरी होता है लेकिन घाव कितना कम है या फिर ज्यादा, इस बात की जानकारी भी बहुत जरूरी है। घाव में अगर बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो इमरजेंसी कॉल करना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में कट या फिर घाव का प्राथमिक उपचार कर इमरजेंसी कॉल जरूर करें। कई बार अधिक घाव होने पर बेहोशी या फिर चक्कर भी आ सकते हैं। अगर व्यक्ति को घाव लग गया हो तो तुरंत उसे पकड़ ले वरना व्यक्ति अचानक से गिर भी सकता है। जब तक हेल्प न पहुंचे तब तक व्यक्ति को सहारा देना बहुत ही जरूरी होता है। साथ ही चेस्ट या एब्डॉमिन में घाव लगने के बाद शरीर में कुछ परिवर्तन दिख सकते हैं जैसे,
- चक्कर आना
- वीकनेस फील होना
- शरीर का रंग हल्का पीला हो जाना
- सांसों में कमी महसूस होना
- हार्ट रेट बढ़ जाना
अगर किसी भी व्यक्ति को अचानक से घाव लगा है तो घाव का प्राथमिक उपचार जरूरी है। डॉक्टर घाव का अंदाजा लगाकर उसका ट्रीटमेंट करेगा।
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