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आयुर्वेद और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के बीच क्या है अंतर? साथ ही जानिए इनके फायदे

आयुर्वेद और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के बीच क्या है अंतर? साथ ही जानिए इनके फायदे

आयुर्वेद और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स का चलन आज जोरो पर हैं। बेहतर स्वास्थ्य और लाइफ के लिए लोग इनकी तरफ आज खूब आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि ये आयुर्वेद और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स अन्य उत्पादों की तुलना में महंगे होते हैं। लेकिन, इनके लाभ बेशुमार होते हैं। अक्सर लोग आयुर्वेद और जैविक उत्पादों के बीच अंतर नहीं समझते हैं। इसलिए, “हैलो स्वास्थ्य’ के इस लेख में एक्सपर्ट से जानिए इनके बीच क्या अंतर है, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के लाभ क्या है आदि।

आयुर्वेद और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स में अंतर

आयुर्वेद वह पुराना विज्ञान है जिसे भारतीयों ने व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक करने के लिए विकसित किया था। पुराने धर्मग्रंथ के हिसाब से आयुर्वेद इंसान की आत्मा को अंदर से शुद्ध करने की क्षमता रखता है। आयुर्वेद विज्ञान इतना उन्नत था कि आधुनिक जटिल सर्जरी जैसे कि राइनोप्लास्टी, किडनी स्टोन एक्सट्रैक्शन आदि उसी की ही देन हैं। आयुर्वेद भविष्य के लिए प्रोटो-साइंस है। आयुर्वेद व्यक्ति को बिना किसी दुष्प्रभाव के और सभी प्राकृतिक रूप से उगने वाले पौधों और जड़ी-बूटियों के उपयोग से ठीक करने में मदद करता है।

दूसरी ओर, हमारे पास ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स (organic products) हैं जो जैविक उपज की देन है। ऑर्गेनिक शब्द का अर्थ है, जो पारंपरिक और नॉन-इनवेसिव (non-invasive) तरीके से पैदा होता है। प्रामाणिक खेती के तरीके और रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद्य के उपयोग से जैविक उत्पादन किया जाता है। इससे ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं जिनका इस्तेमाल ह्यूमन कंसम्पशन में किया जाता है। ये पूरी तरह केमिकल फ्री होते हैं। इसलिए, हेल्थ की लिहाज से ये अच्छे होते हैं।

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प्रोडक्ट मेकिंग

कोई भी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट जो करेंट मार्केट में आयुर्वेदिक होने का दावा करता है, को आयुष प्रमाणित होना आवश्यक है। यह सर्टिफिकेशन उन मानदंडों और मानकों को पूरा करता है जिससे प्रोडक्ट्स को आयुर्वेदिक कहा जाना चाहिए। फॉर्मुलेशन के लिए आयुर्वेदिक या आयुर्वेद से प्रेरित होने की जरूरत है। आदर्श रूप में आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स बिल्कुल केमिकल मुक्त होने चाहिए। आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स (ayurvedic products) तैयार करने के लिए प्रोड्यूस ऑर्गेनिक हो सकते हैं या नहीं, यह पूरी तरह फॉर्मुलेशन पर निर्भर करता है।

जैविक उत्पाद (organic produce) का उपयोग ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए किया जाता है जो 100% रासायनिक मुक्त होते हैं। जैविक उत्पाद आयुर्वेदिक हो सकते हैं या नहीं, यह अलग-अलग तरीके के फॉर्मुलेशन पर डिपेंड करता है। ये ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स न केवल वेलनेस प्रोडक्ट्स के लिए बल्कि कपड़ों के लिए भी उपयोगी है।

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मूल (origin)

आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से आपकी सभी परेशानियों को ठीक कर सकता है। आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स इंजेस्टिबल होते हैं। किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या के लिए इनका इस्तेमाल परामर्श के साथ किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ सामान्य उत्पाद का उपयोग बड़ी जनसंख्या के द्वारा किया जाता है। आयुर्वेद में साइंटिफिक वैल्यू के साथ कई बड़ी-बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स का हल मौजूद है। कुछ विद्वानों का कहना है कि आयुर्वेद की उत्पत्ति प्रागैतिहासिक काल में हुई थी। कुछ कहते हैं कि आयुर्वेद की कुछ अवधारणाएँ सिंधु घाटी सभ्यता के समय या उससे भी पहले से मौजूद हैं। हालांकि, वैदिक काल के दौरान आयुर्वेद में काफी विकास हुआ।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट्स के अनुसार “ऑर्गेनिक खेती (organic farming) एक तरह का प्रोडक्शन सिस्टम है जो मिट्टी, इको सिस्टम (eco system) और लोगों के स्वास्थ्य को बनाए रखती है। यह पूरी तरह से इकोलॉजिकल (ecological) प्रोसेस, जैव विविधता (biodiversity) और लोकल कंडीशन के अनुकूल होती हैं। जैविक कृषि ट्रेडिशन, इनोवेशन और साइंस का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। इससे पर्यावरण को तो लाभ मिलते ही हैं और साथ भी साथ व्यक्ति के जीवन की अच्छी गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाती है।’ एग्रीकल्चर सामान्य रूप से एक हजार साल पुरानी है और ऑर्गेनिक फार्मिंग का आईडिया हानिकारण पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर के इस्तेमाल की वजह से अस्तित्व में आया।

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आयुर्वेद और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के लाभ क्या हैं?

  • आयुर्वेद जीवन शैली का एक विकल्प है, जब इसे सही तरीके से अपनाया जाता है, तो यह आपके स्वास्थ्य में चार चांद लगा देता है। व्यायाम करना, एक एक्टिव लाइफस्टाइल, पर्याप्त सूर्य के संपर्क में रहना, उचित उपचार और भावनात्मक रूप से मजबूत रहने से व्यक्ति का शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं। इसका अच्छा असर आपके शरीर के साथ-साथ दिमाग और स्किन पर भी दिखता है। आयुर्वेद, अल्टरनेटिव मेडिसिन के साथ बढ़िया काम करता है।
  • आयुर्वेद संतुलित आहार दिशानिर्देश, स्लीप पैटर्न, घरेलू उपचार, दैनिक और मौसमी दिनचर्या, योग और एक्सरसाइज पैटर्न के साथ हेल्थ को फिर से सही करने में मदद करता है।
  • योग, ध्यान (meditation), हर्बल सेवन और पर्याप्त नींद के माध्यम से एकाग्रता का स्तर बढ़ता है जिससे गोल-बेस्ड सेटिंग्स को फिर से पाने में मदद मिलती है। आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से पाचन में सुधार होता है जिससे भूख और इम्युनिटी भी बढ़ती है।
  • आयुर्वेद के बेसिक्स प्रिंसिपल्स कहते हैं – ब्रेकफास्ट न छोड़ें, हल्का खाना खाएं, देर से सोना और जागना छोड़ दें, हायड्रेट रहें, जैविक उत्पाद का इस्तेमाल करें, धूम्रपान और शारब से दूर रहें और सक्रिय जीवनशैली बनाए रखें।

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ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के फायदे

  • जैविक उत्पादों में कोई कीटनाशक नहीं होता है। ऑर्गेनिक फूड अक्सर ताजा होता है क्योंकि इसमें प्रेजरवेटिव नहीं होते हैं।
  • ऑर्गेनिक फार्मिंग पर्यावरण के लिए बेहतर होती है।
  • जैविक कृषि प्रदूषण को कम करती हैं, पानी का संरक्षण करती हैं, सॉइल एरोजन कम होता है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
  • कीटनाशकों के बिना खेती आस-पास के पक्षियों और जानवरों के साथ-साथ खेतों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है।
  • ऑर्गेनिकली पाले गए जानवरों को एंटीबायोटिक्स, ग्रोथ हार्मोन या बायप्रोडक्ट्स नहीं दिए जाते हैं। इस तरह के पशुओं से मिलने वाले प्रोडक्ट्स हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं। इन पशुओं को बाहर घूमने के लिए अधिक स्थान दिया जाता है, जो उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। ऑर्गेनिक मीट और दूध पोषक तत्वों में भी समृद्ध होते हैं। 2016 के यूरोपीय अध्ययन में पाया गया कि पारंपरिक रूप से पाले गए पशुओं में के मीट और दूध में ओमेगा -3 फैटी एसिड सहित 50 प्रतिशत अधिक नुट्रिशन्स थे।
  • ऑर्गेनिक फ़ूड प्रोडक्ट्स जीएमओ-मुक्त होते हैं। इसका आमतौर पर मतलब है कि उत्पाद में उपयोग किए जाने वाले पौधों के जेनेटिक मेकअप को नहीं बदला गया है।

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आयुर्वेदिक और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स से जुड़े मिथ्स

आम लोगों की गलत धारणा यह है कि आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स होते हैं और सभी ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स आयुर्वेदिक होते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। आयुर्वेदिक उत्पाद का फॉर्मुलेशन आयुर्वेदिक शास्त्रों से प्रेरित होता है और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स में ऐसे तत्व होते हैं जो प्रमाणित जैविक उत्पाद से बने होते हैं। आयुर्वेदिक और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स का लाभ उपयोगकर्ता की जरूरतों के अनुसार है। आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स उनके लिए अच्छे हैं जो अपने जीवन को पुरानी भारतीय जीवन शैली के साथ अनुशासित करने की आवश्यकता महसूस करते हैं। ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स संवेदनशील त्वचा के लिए अच्छे होते हैं। साथ ही पर्यावरण की सेहत को भी बनाए रखते हैं। इनके इस्तेमाल से न सिर्फ आपकी भलाई होती है। बल्कि आपके आसपास के लोग भी इससे लाभान्वित होते हैं।

यदि हम सभी पर्यावरण के बारे में सोचने लगे और आयुर्वेदिक उत्पादों का उपयोग करके अपने जीवन में कुछ अनुशासन का पालन करने लगे। तो आयुर्वेदिक और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के बीच के अंतर को मिटाया जा सकता है। पर्यावरण के साथ हमें भी इसका फायदा हो अगर हम मार्केट में मिलने वाले सस्ते और हानिकारण प्रोडक्ट्स को लेना बंद करे दें। जीवन का आयुर्वेदिक तरीका वही है जो हमारे पूर्वजों को फिट और स्वस्थ रखता है, इसलिए आयुर्वेद को अपनाना आवश्यक है। सबकी लाइफ का मुख्य मकसद फिट और स्वस्थ रहना है और आयुर्वेद में बताई गई पुरानी बातों में वो ताकत है जिनको अपनाकर आप बेहतर जीवन पा सकते हैं। साथ ही साथ इसमें ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स या जैविक खेती भी आपकी मदद करती है बल्कि आपके आसपास के वातावरण का भी ध्यान रखती है।

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Current Version

24/05/2021

Written by मानसी गुप्ता

Updated by: Toshini Rathod


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Written by

मानसी गुप्ता

वेलनेस · Tijori


अपडेटेड 24/05/2021

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